प्रोटीन सप्लीमेंट्स
प्रोटीन हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व (न्यूट्रिएंट) है. यह हमारी मांसपेशियों को मजबूत रखने के लिए आवश्यक है. शरीर के लिए प्रोटीन की जरूरत हर किसी को होती है, लेकिन आज मार्केट में प्रोटीन सप्लीमेंट्स की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. बॉडी बिल्डर से लेकर जिम करने वाले युवा इसका तेजी से इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रोटीन सप्लीमेंट सभी लोगों के लिए जरूरी है. क्या प्रोटीन सप्लीमेंट के बिना हम जिम या एक्सरसाइज नहीं कर सकते हैं. क्या प्रोटीन सप्लीमेंट के बगैर हमारा शरीर सही रूप से काम नहीं करेगा. ऐसे कई सवाल हैं जिसके बारे में जानना जरूरी है. तो आइए आपको आज इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं.
दरअसल, प्रोटीन मांसपेशियों के बनाने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए एक आवश्यक न्यूट्रिएंट है. शरीर के टूटे हुए टिशू को ठीक करने में भी इसका बड़ा योगदान है. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता से लड़ने के लिए भी अहम माना जाता है. अगर आपके शरीर में प्रोटीन की मात्रा पर्याप्त है तो बहुत सारी बीमारियां आसपास नहीं भटकेंगीं . इसके अलावा प्रोटीन एंजाइम और हार्मोन के तैयार करने में भी मदद करता है.
प्रोटीन के बिना शरीर की कल्पना नहीं की जा सकती है. प्रोटीन हमारी ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत है. औसतन, हर दिन एक व्यक्ति को 1 ग्राम प्रोटीन प्रति किलोग्राम शरीर के वजन के हिसाब से लेना चाहिए. मान लीजिए यदि आपका वजन 60 किलोग्राम है, तो आपको हरदिन लगभग 60 ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए.
प्रोटीन सप्लीमेंट की जरूरत आखिर किसे है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो प्रोटीन सप्लीमेंट या पाउडर की जरूरत हर किसी को नहीं है. प्रोटीन की जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यक्ति को संतुलित आहार लेना चाहिए. इसी से आपके शरीर में प्रोटीन की मात्रा बनी रहती है. यह मुख्य रूप से बॉडी बिल्डर, एथलीट या ऐसे व्यक्ति जिनके शरीर में प्रोटीन की मात्रा कम हो गई है, उन्हें इसकी जरूरत हो सकती है. वह भी डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही इसका सेवन करें. आम लोगों के लिए प्रोटीन सप्लीमेंट की कोई जरूरत नहीं है. मीट, मछली, डेयरी, अंडे, फलियां, नट्स और बीजों से भरपूर संतुलित आहार लेते हैं, तो आपको सप्लीमेंट्स की जरूरत बिलकुल नहीं है.
कई बार यह भी चर्चा होती है कि क्या युवाओं और बच्चों को प्रोटीन सप्लीमेंट की आवश्यकता है तो ऐसा बिलकुल ही नहीं है. अगर थाली में संतुलित आहार या प्रोटीन युक्त खाना है तो बच्चों या युवाओं को इसकी कतई जरूरत नहीं है. यह मुख्य रूप से बॉडी बिल्डर और बाउंसरों के लिए होता है. क्योंकि इन्हें रोज ज्यादा जीम और एक्सरसाइज करनी पड़ती है. ऐसे लोगों को उच्च स्तर के प्रोटीन की आवश्यकता होती है. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के एक्सपर्ट्स की मानें तो जिम जाने वाले हर व्यक्ति के लिए प्रोटीन पाउडर का सेवन करना आवश्यक नहीं है.
प्रोटीन सप्लीमेंट्स पर क्या कहता है ICMR
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने प्रोटीन सप्लीमेंट्स के अंधाधुंध प्रयोग को लेकर एडवाइजरी जारी की है. ICMR ने कहा कि आम लोगों के लिए या जिम जाने वाले युवाओं के लिए प्रोटिन सप्लीमेंट्स की आवश्यकता नहीं है. इसमें शुगर, गैर-कैलोरी स्वीटनर, कृत्रिम पदार्थ मिले होते हैं, जो फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकते हैं.
अधिक मात्रा में प्रोटीन सप्लीमेंट्स खाने से पड़ सकता है बुरा प्रभाव
बॉडी बिल्डर या पेशेवर स्वास्थ्यकर्मी अगर प्रोटीन सप्लीमेंट्स का अधिक सेवन करते हैं तो उन्हें भी सतर्क हो जाना चाहिए, क्योंकि इससे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. शरीर के कई अंग इससे खराब भी हो सकते हैं. प्रोटीन सप्लीमेंट के अधिक सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे पेट फूलना, गैस, उल्टी दस्त और पेट में दर्द, जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा लिवर खराब होने के भी आसार हो सकते हैं.खासकर उन लोगों के लिए जो पहले से ही गुर्दे की समस्या से जूझ रहे हैं.
प्रोटीन सप्लीमेंट्स की जगह विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का करें सेवन
शाकाहारी:
- डेयरी उत्पाद: – पनीर, दूध, दही आदि जैसे उत्पाद प्रोटीन के साथ-साथ कैल्शियम से भी भरपूर होते हैं.
- बीज और मेवे:- अखरोट, चिया बीज, बादाम और सूरजमुखी के बीज में स्वस्थ वसा और प्रोटीन होते हैं.
- फलियां: – काली बीन्स, राजमा और दालें प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं.
मांसाहारी:
- मछली:- मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है और इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है.
- अंडे:- अंडे प्रोटीन का एक संपूर्ण स्रोत हैं, जिनमें प्रति अंडे 6-7 ग्राम प्रोटीन होता है.
- चिकन ब्रेस्ट:- इसमें प्रति 100 ग्राम 30 ग्राम प्रोटीन होता है.
कई बीमारियों को दे सकता है न्योता
हाल ही में हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग पेपर में “प्रोटीन पाउडर के छिपे हुए खतरे” नाम से एक शीर्षक छपा था. इस पेपर के अनुसार , प्रोटीन पाउडर में अधिक शुगर, कैलोरी और यहां तक कि जहरीले रसायन भी मिले हो सकते हैं. कुछ प्रोटीन पाउडर एक गिलास दूध में 1200 से ज़्यादा कैलोरी बना देते हैं. इससे तेजी से वज़न बढ़ने लगता है और आगे चलकर डायबिटिज समेत कई बीमारियों को न्योता देता है.
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