
ईरान-इजराइल जंग के बीच अमेरिका का बड़ा फैसला.
ईरान और इजराइल की जंग अब एक ऐसे मोड़ पर पहुंच गई है, जहां से लौटना मुश्किल लगता है. दोनों देशों की राजधानियों पर मिसाइलों की बारिश हो रही है और आम लोगों की जिंदगी तबाह हो चुकी है. इसी बीच अमेरिका ने एक बड़ा सैन्य कदम उठाया है. अमेरिका ने अपना सबसे ताकतवर युद्धपोत USS निमित्ज वियतनाम से अरब क्षेत्र के लिए रवाना कर दिया है. माना जा रहा है कि इसकी तैनाती ईरान के पास की जाएगी. यह फैसला बताता है कि वॉशिंगटन अब सीधे टकराव की ओर बढ़ रहा है.
पिछले कुछ दिनों में ईरान ने हैदर और फतह मिसाइलों से इजराइल की राजधानी तेल अवीव पर 100 से ज्यादा हमले किए. तेल अवीव की सड़कों पर तबाही का मंजर है, लोग बंकरों में छिपे हैं और इमारतें खंडहर में बदल चुकी हैं. वहीं, इजराइल ने भी ईरान की राजधानी तेहरान पर जवाबी हमला किया. ईरान के कई सामरिक ठिकाने जैसे गृह मंत्रालय, न्याय मंत्रालय और मिलिट्री इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर तबाह हो गए. इस हमले में ईरान के इंटेलिजेंस चीफ और डिप्टी चीफ की मौत की खबर है.
ईरान ने बताया इजराइल का 3D ब्लूप्रिंट प्लान
ईरान ने तेल अवीव का 3D ब्लूप्रिंट जारी कर यह बता दिया है कि उसका अगला निशाना कौन से रणनीतिक ठिकाने होंगे. इसमें इजराइल के मिलिट्री रिसर्च सेंटर, रक्षा मंत्रालय, वॉर कमांड सेंटर, हेलिपैड और एयर ऑपरेशन हब तक शामिल हैं. यह ब्लूप्रिंट इस बात का संकेत है कि ईरान इस लड़ाई को जल्द खत्म करने के मूड में नहीं है, बल्कि अब वह निर्णायक हमले की ओर बढ़ रहा है.
बेतहाशा बर्बादी की ओर बढ़ रहा ईरान
तेहरान पर इजराइली हमलों में कई सरकारी इमारतें जमींदोज हो गई हैं. खासकर कुद्स फोर्स और सेना से जुड़े दफ्तरों को निशाना बनाया गया है. इन हमलों की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिनमें धमाके, धुएं का गुबार और चीख-पुकार साफ दिख रही है. ईरानी डिफेंस सिस्टम ने भले कुछ मिसाइलें रोकी हों, लेकिन नुकसान बहुत ज्यादा हुआ है.
अमेरिका के इस बड़े कदम से सकते में ईरान
अमेरिका का USS निमित्ज युद्धपोत ऐसे वक्त में अरब भेजा गया है जब हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. वियतनाम दौरे के बीच ही इस पोत को अचानक आदेश मिला कि वह खाड़ी क्षेत्र की ओर बढ़े. यह युद्धपोत परमाणु शक्ति से लैस है और इसके साथ अमेरिका के कई लड़ाकू विमान भी अरब भेजे जा सकते हैं. जानकारों का मानना है कि अमेरिका अब जंग में ‘ऑब्जर्वर’ नहीं बल्कि ‘पार्टिसिपेंट’ बनने जा रहा है.
ईरान-इजराइल की लड़ाई बनी ‘बैटल ऑफ कैपिटल्स’
जंग के इस ‘बैटल ऑफ कैपिटल्स’ में अब एटमी युद्ध का खतरा साफ नजर आने लगा है. इजराइल ने ऑपरेशन ‘राइजिंग लॉयन’ के तहत हमला शुरू किया था, लेकिन ईरान ने ‘ट्रू प्रॉमिस’ नाम से अपने जवाबी ऑपरेशन में जिस तरह मिसाइलों की बौछार की है, उसने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है. अमेरिका का युद्धपोत भेजना इस बात का साफ संकेत है कि अब यह लड़ाई सिर्फ दो देशों की नहीं रही, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संघर्ष में बदलने लगी है.
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