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मुझे दे दो अपना यूरेनियम… खामेनेई को पुतिन का ऑफर, जानें इसके पीछे क्या है सीक्रेट

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Jun 16, 2025    150817 views     Online Now 274
मुझे दे दो अपना यूरेनियम... खामेनेई को पुतिन का ऑफर, जानें इसके पीछे क्या है सीक्रेट

खामेनेई को पुतिन का ऑफर

ईरान और इजराइल की लड़ाई अब खतरनाक मोड़ पर है, जहां परमाणु हथियारों को लेकर नई चिंता खड़ी हो गई है. इसी बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ईरान को एक चौंकाने वाला प्रस्ताव दिया है. पुतिन चाहते हैं कि ईरान अपना यूरेनियम रूस को सौंप दे, ताकि इस तनाव भरे माहौल में किसी भी तरह की एटमी तबाही से बचा जा सके. यह प्रस्ताव ईरान को पहले भी दिया गया था, लेकिन अब जब जंग और तेज हो गई है, तो इसे दोबारा जोर देकर सामने रखा गया है.

ईरान-इजराइल जंग और परमाणु खतरा

बीते दिनों इजराइल ने तेहरान के कई न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला किया. इन हमलों का मकसद था ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना. इजराइल को लगता है कि अगर ईरान एटमी हथियार हासिल कर लेता है, तो उसका अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा. जवाबी कार्रवाई में ईरान ने भी मिसाइलों की बौछार कर दी. इस हालात में पुतिन का यूरेनियम रखने का प्रस्ताव अमेरिका और यूरोप के लिए भी अहम संकेत है.

पुतिन बनना चाहते हैं ‘मध्यस्थ’

क्रेमलिन ने सोमवार को साफ किया कि उनका प्रस्ताव अब भी ‘टेबल पर’ है और हालात जितने भी बिगड़ें, रूस इस मुद्दे पर मध्यस्थता करने को तैयार है. हालांकि, यूरोपीय यूनियन ने इस पर रूस की भूमिका को खारिज करते हुए कहा कि पुतिन की ‘शून्य विश्वसनीयता’ है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पुतिन को मध्यस्थ बनाने का सुझाव दिया था, लेकिन इस पर भी संदेह बना हुआ है.

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NPT से बाहर निकलने की तैयारी

ईरान ने अब परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से बाहर निकलने की चेतावनी दी है. तेहरान का कहना है कि अगर दुनिया उसकी सुरक्षा की गारंटी नहीं देती, तो उसे NPT जैसे समझौतों में बने रहने की जरूरत नहीं. ईरानी संसद एक विधेयक तैयार कर रही है जिससे वह आधिकारिक रूप से इस संधि से बाहर हो सके. इससे दुनिया को यह डर सताने लगा है कि कहीं ईरान सचमुच एटमी हथियार न बना ले.

अब IAEA को जानकारी नहीं देगा ईरान

ईरान ने संयुक्त राष्ट्र की न्यूक्लियर एजेंसी IAEA को कहा है कि अब वह अपने एटमी कार्यक्रम की सुरक्षा से जुड़ी कोई नई जानकारी साझा नहीं करेगा. ईरान का कहना है कि जब उसके ठिकानों पर हमला हो रहा है और IAEA चुप है, तो उसे भी अब IAEA को कोई अपडेट देना जरूरी नहीं लगता. ईरान के मुताबिक, ये कदम सिर्फ अपने परमाणु ठिकानों की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे हैं.

हथियारों की होड़ और SIPRI की चेतावनी

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ताजा रिपोर्ट बताती है कि पूरी दुनिया में एक बार फिर हथियारों की होड़ तेज हो गई है. रूस और अमेरिका के पास मिलाकर दुनिया के करीब 90% न्यूक्लियर हथियार हैं, लेकिन चीन भी बहुत तेज़ी से अपनी एटमी ताकत बढ़ा रहा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शीत युद्ध के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि न्यूक्लियर हथियारों की संख्या बढ़ रही है, कम नहीं हो रही.

फिलहाल युद्ध का डर बरकरार

व्हाइट हाउस नहीं चाहता कि यह जंग पूरी खाड़ी में फैल जाए. अमेरिका चाहता है कि इजराइल केवल ईरान की परमाणु क्षमताओं को कमजोर करे, न कि पूरे क्षेत्र में युद्ध फैलाए. हालांकि USS निमित्ज युद्धपोत की तैनाती यह दिखाती है कि अमेरिका भी अब पूरी तरह सतर्क हो चुका है. पुतिन का यूरेनियम रखने का प्रस्ताव भले ही शांति का इशारा लगे, लेकिन असल में यह रूस का एक रणनीतिक कदम है जिससे वह इस तनाव में खुद को निर्णायक शक्ति के रूप में स्थापित करना चाहता है.

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