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हिमांशु कुमार से देवी शरण तक…यूपी के वो अधिकारी जो योगी सरकार में हो चुके हैं सस्पेंड | ips Himanshu kumar ias devi sharan Upadhyay yogi government suspended officers list

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Jul 16, 2024    150864 views     Online Now 469
हिमांशु कुमार से देवी शरण तक...यूपी के वो अधिकारी जो योगी सरकार में हो चुके हैं सस्पेंड

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

भ्रष्टाचार के खिलाफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करती है. इसके ताजा उदाहरण IAS अधिकारी देवी शरण उपाध्याय हैं. अलीगढ़ में 35 भूखंडों के पट्टों को मनमाने तरीके से बहाल करने के आरोप में उन्हें सस्पेंड किया गया है. सीएम योगी के निर्देश पर उन्हें निलंबित किया गया है. वह 2012 बैच के IAS अधिकारी हैं.

देवी शरण योगी सरकार में सस्पेंड होने वाले पहले अधिकारी नहीं हैं. योगी आदित्यनाथ 2017 में सत्ता में आए थे. 7 साल के उनके कार्यकाल में अब तक कई IAS-IPS अधिकारी निलंबित किए जा चुके हैं. इस लिस्ट में सबसे पहले नाम हिमांशु कुमार का है. आदित्यनाथ द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के कुछ दिनों बाद 25 मार्च 2017 को हिमांशु कुमार को निलंबित कर दिया गया था.

2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार को सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट करने के बाद निलंबित कर दिया गया था. बाद में उन्हें बहाल कर दिया गया था. उसी साल 24 मई को तत्कालीन एसएसपी सहारनपुर सुभाष चंद्र दुबे को जिले में जातीय झड़पों को नियंत्रित करने में विफल होने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. इस घटना में एक युवक की मौत हो गई थी. जिले में एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार और उसे जिंदा जलाए जाने की घटना के बाद संभल के तत्कालीन एसपी आरएम भारद्वाज को निलंबित कर दिया गया था.

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एक महिला की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत के बाद उसी दिन प्रतापगढ़ के तत्कालीन एसपी संतोष कुमार सिंह को भी निलंबित कर दिया गया था. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का भी आदेश दिया था. बाद में दोनों को बहाल कर दिया गया था.

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ये अधिकारी भी हो चुके हैं निलंबित

उसी साल देवरिया में अवैध रूप से संचालित आश्रय गृह में 20 लड़कियों के कथित यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद, तत्कालीन जिला पुलिस प्रमुख रोहन पी कनय को निलंबित कर दिया गया था. उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई थी.

फरवरी 2019 में एडीजी (नियम और मैनुअल) जसवीर सिंह को अनुशासनहीनता के लिए निलंबित कर दिया गया था. इसके दो महीने बाद बाराबंकी के एसपी सतीश कुमार को निलंबित कर दिया था. उन पर एक ट्रेडिंग कंपनी से 65 लाख रुपये की उगाही करने का आरोप लगा था.

अगस्त 2019 में थाना प्रभारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग में कथित अनियमितताओं को लेकर बुलंदशहर के तत्कालीन एसएसपी एन कोलांची को हटा दिया गया था. इसी साल प्रयागराज के तत्कालीन एसएसपी अतुल शर्मा को जिले में बढ़ती अपराध दर को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए निलंबित कर दिया गया था. उनके निलंबन से पहले जिले में 12 घंटे के अंदर छह हत्याएं हो चुकी थीं.

2019 में ही एसएसपी गौतम बौद्ध नगर के रूप में तैनात वैभव कृष्ण को निलंबित कर दिया गया था. कार्रवाई का सामना करने वाली अगली अधिकारी अपर्णा गुप्ता थीं, जो कानपुर दक्षिण के एसपी के रूप में तैनात थीं. उन पर एक लैब टेक्नीशियन के अपहरण और हत्या के मामले में कथित तौर पर ढिलाई बरतने का आरोप था. अपहृत व्यक्ति के मृत पाए जाने के बाद गुप्ता को अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ निलंबित कर दिया गया था. मार्च 2022 में सोनभद्र के डीएम टीके शिभू और गाजियाबाद के SSP पवन कुमार के खिलाफ कार्रवाई हुई थी. उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था.

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