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भारतीय नौसेना में देश की पहली एंटी-सबमरीन कॉर्वेट ‘INS Arnala’ होगी कमीशन, दुश्मन की समुद्र में अब खैर नहीं

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Jun 17, 2025    150822 views     Online Now 102
भारतीय नौसेना में देश की पहली एंटी-सबमरीन कॉर्वेट 'INS Arnala' होगी कमीशन, दुश्मन की समुद्र में अब खैर नहीं

भारत के पहले स्वदेशी एंटी-सबमरीन वॉरफेयर युद्धपोत ‘अर्नाला’

भारतीय नौसेना (Navy) कल यानी 18 जून को अपने पहले स्वदेशी एंटी-सबमरीन वॉरफेयर युद्धपोत ‘अर्नाला’ को कमीशन करने जा रही है. यह ऐतिहासिक समारोह विशाखापत्तनम के नेवल डॉकयार्ड में होगा. इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान मुख्य अतिथि होंगे. जबकि ईस्टर्न नेवल कमांड के प्रमुख वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर कार्यक्रम की मेजबानी करेंगे.

‘अर्नाला’ भारत में डिजाइन और निर्मित युद्धपोत है. जो आत्मनिर्भर भारत का शानदार उदाहरण है. इसे कोलकाता की गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) और एलएंडटी (L&T) शिपबिल्डर्स ने मिलकर बनाया है. यह युद्धपोत 16 ऐसे जहाजों की सीरीज का पहला हिस्सा है. इसकी खासियत है कि इसके 80% से ज्यादा उपकरण और सिस्टम भारत में ही बने हैं. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, एलएंडटी, और महिंद्रा डिफेंस जैसी कंपनियों ने इसमें योगदान दिया है. इसके अलावा 55 से ज्यादा भारतीय MSME कंपनियों ने भी इसके निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जिससे स्थानीय उद्योगों को बड़ा बढ़ावा मिला है.

तटीय सुरक्षा में माहिर

‘अर्नाला’ को खास तौर पर शैलो वॉटर यानी तटीय इलाकों में दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाने और उनका खात्मा करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें अत्याधुनिक सोनार सिस्टम, टॉरपीडो, और रॉकेट लांचर लगे हैं. जो इसे समुद्र में बेहद ताकतवर बनाते हैं. इसकी लंबाई 77 मीटर और वजन करीब 1490 टन है. यह नौसेना का पहला ऐसा बड़ा जहाज है, जो डीजल इंजन और वॉटरजेट प्रणाली के मिश्रण से चलता है. यह तकनीक इसे तेज और चुस्त बनाती है.

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ऐतिहासिक नाम के पीछे गौरवशाली विरासत

इस युद्धपोत का नाम महाराष्ट्र के वसई तट के पास स्थित ऐतिहासिक अर्नाला किले के नाम पर रखा गया है. यह किला अपनी बहादुरी और सुरक्षा के लिए मशहूर है. इसे सुल्तान महमूद बेगड़ा ने मूल रूप से 1516 में बनवाया था. ‘अर्नाला’ युद्धपोत भी उसी गौरव को समुद्र में दोहराने के लिए तैयार है. यह जहाज भारतीय नौसेना की तटीय रक्षा और पनडुब्बी रोधी क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.

हिंद महासागर में भारत की ताकत

‘अर्नाला’ के नौसेना में शामिल होने से भारत की समुद्री ताकत को बड़ा बल मिलेगा. यह हिंद महासागर क्षेत्र में भारत को एक आत्मनिर्भर और मजबूत समुद्री शक्ति के रूप में स्थापित करेगा. यह युद्धपोत न केवल दुश्मनों के लिए चुनौती है, बल्कि भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक का प्रतीक भी है.

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