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अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की कब होगी धरती पर वापसी? ISS में क्यों उगाई मूंग और मेथी?

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Jul 9, 2025    150813 views     Online Now 324
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की कब होगी धरती पर वापसी? ISS में क्यों उगाई मूंग और मेथी?

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर कदम रखकर इतिहास रच दिया है. वो न सिर्फ यहां पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं, बल्कि भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री भी हैं. वे पिछले करीब 12 दिनों से अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद हैं. जहां वे कई तरह की रिसर्च कर रहे हैं. 12 दिन के प्रवास के बाद 10 जुलाई के बाद शुभांशु शुक्ला और उनके साथी किसी भी दिन धरती पर वापसी कर सकते हैं. उनकी वापसी की यात्रा फ्लोरिडा तट पर मौसम की स्थिति पर निर्भर करेगी.

एक्सिओम-4 मिशन 14 दिनों तक चलने वाला है. यही कारण है कि अब तक नासा की तरफ से एक्सिओम-4 के अंतरिक्ष स्टेशन से अलग होने की तारीख की घोषणा नहीं की है. अगर फ्लोरिडा का मौसम ठीक रहता है तो नासा जल्द ही अंतरिक्ष मिशन के अनडॉकिंग की तारीख की घोषणा करेगा.

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने बुधवार को एक्सिओम स्पेसकी चीफ साइंटिस्ट लूसी लो से बातचीत की. इस बातचीत में शुभांशु ने कहा, ‘मुझे बहुत गर्व है कि इसरो देश भर के राष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग करने और कुछ शानदार शोध करने में सक्षम रहा है. मैं सभी वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए स्टेशन पर यह काम कर रहा हूं. यह रोमांचक और खुशी की बात है.’

शुभांशु अंतरिक्ष में बने किसान

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अपने मिशन के अंतिम सप्ताह में हैं. उन्होंने एक अध्ययन के तहत अंतरिक्ष में खेती करने की कोशिश की है. शुंभाशु ने अंतरिक्ष स्टेशन में मूंग और मेथी के बीज उगाए हैं. उन्होंने पेट्री डिश में अंकुरित होते बीजों और उन्हें स्टोरेज फ्रीजर में रखते हुए तस्वीरें भी लीं हैं.

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क्सिओम स्पेस ने एक बयान में कहा कि इन बीजों को पृथ्वी पर लौटने के बाद कई पीढ़ियों तक उगाया जाएगा, और शोधकर्ता उनके आनुवंशिकी, सूक्ष्मजीवी पारिस्थितिकी तंत्र और पोषण संबंधी प्रोफाइल में बदलावों का अध्ययन करेंगे. यह भविष्य में चंद्रमा या मंगल मिशनों के लिए टिकाऊ खेती की दिशा में एक बड़ा कदम है.

इस पूरे मिशन में, शुभांशु शुक्ला ने न केवल एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में, बल्कि एक वैज्ञानिक और एक किसान के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. शुरुआत से ही वे कई तहर के प्रयोग करने में लगे हुए हैं.

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