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किसान की बेटी का असम की गलियों से ओलंपिक तक का सफर, पेरिस में गोल्ड मेडल पर होगी नजर | India at Paris Olympics boxer Lovlina Borgohain inspirational journey

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Jul 13, 2024    150849 views     Online Now 210
किसान की बेटी का असम की गलियों से ओलंपिक तक का सफर, पेरिस में गोल्ड मेडल पर होगी नजर

असम की गलियों से ओलंपिक मेडल तक का सफर.

खेलों के महाकुंभ यानी ओलंपिक 2024 की शुरुआत 26 जुलाई से होने जा रही है. हर बार की तरह इस बार भी फैंस ओलंपिक लेकर काफी उत्साहित दिख रहे हैं. भारत को उम्मीद है कि पेरिस में इस बार खिलाड़ी अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन करेंगे. इन खिलाड़ियों में बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन का नाम भी शामिल है जो मेडल जीतने की सबसे बड़ी दावेदारों में से एक हैं. पिछले ओलंपिक में लवलीना बोरगोहेन ने भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया, ऐसे में इस बार भी करोड़ देशवासियों को उनसे काफी उम्मीद है.

किसान की बेटी का बॉक्सर बनने का सफर

भारत की स्टार बॉक्सर लवलीना असम से आती हैं. उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1997 को गोलाघाट जिले के एक सुदूर गांव बरोमुखिया में हुआ था. मैरी कॉम के नक्शेकदम पर आगे बढ़ते हुए लवलीना बोरगोहेन ने भारतीय मुक्केबाजी में महिलाओं की विरासत को आगे बढ़ाया है. वह एक गरीब परिवार से आती हैं. उनके पिता ने किसानी करके उनके सपनों को पूरा किया है. लवलीना की दो बड़ी बहने भी हैं. तीनों बहनों ने मॉय थाई (किक-बॉक्सिंग का एक रूप) से अपने खेल करियर की शुरुआत की. फिर कोच के कहने पर लवलीना से बॉक्सिंग करनी शुरू की इसमें अपनी पहचान बनाई.

टोक्यो ओलंपिक में रचा था इतिहास

टोक्यो ओलंपिक 2020 में लवलीना बोरगोहेन ने मैरी कॉम और विजेंदर सिंह की विरासत को आगे बढ़ते हुए महिला वेल्टरवेट वर्ग (69 किग्रा) में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था. इसके साथ ही वह ओलंपिक मेडल जीतने वाली तीसरी भारतीय मुक्केबाज बन गईं थीं. इसके बाद साल 2023 में लवलीना ने महिला मिडिलवेट (75 किग्रा) डिवीन में वर्ल्ड चैंपियन बनकर देश का नाम रौशन किया था.

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लवलीना बोरगोहेन की उपलब्धियां

लवलीना ने 2012 से अपने बॉक्सिंग करियर की शुरुआत की थी. तब 16 साल की उम्र में उन्होंने जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती थी. इसके बाद उन्होंने इंडिया ओपन में गोल्ड मेडल जीता. इसके बाद लवलीना ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और वह अभी तक 1 ओलंपिक मेडल, 3 वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल, 2 एशियाई चैंपियनशिप मेडल और 1 एशियन गेम्स मेडल अपने नाम कर चुकी हैं.

लवलीना बोरगोहेन अभी तक जीते ये मेडल

टोक्यो 2020 ओलंपिक – ब्रॉन्ज मेडल (2021)

विश्व चैंपियनशिप – गोल्ड मेडल (2023), ब्रॉन्ज मेडल(2018, 2019)

एशियाई चैंपियनशिप – गोल्ड मेडल (2022), ब्रॉन्ज मेडल (2017, 2021)

एशियन गेम्स – सिल्वर मेडल (2023)

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लवलीना बोरगोहेन का दमदार पंच.

पिछले साल वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता गोल्ड

लवलीना बोरगोहेन ने पिछले साल ही पहली बार महिला वर्ल्ड मुक्केबाजी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की कैटलिन पार्कर को 5-2 से हराकर पहली बार वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया थाय. उन्होंने 75 किलोग्राम भार वर्ग में देश को गोल्ड मेडल दिलाया था. ऐसे में पेरिस ओलंपिक में सभी की नजर उन पर रहने वाली हैं. बता दें, भारत ने ओलंपिक के इतिहास में अभी तक मुक्वबाजी में कुल 3 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं. भारत को लवलीना से मुक्केबाजी में पहले गोल्ड मेडल की आस है.

अभी तक जीत चुकी हैं ये बड़े अवॉर्ड्स

टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन को मुक्केबाजी में शानदार प्रदर्शन के लिए अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया था. फिर 2021 में उन्हें भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया. वहीं, इसी साल लवलीना को असम सरकार ने असम के दूसरा सर्वोच्च नागरिक अवॉर्ड असम सौरव प्रदान किया गया.

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