
भारत के 10 सबसे प्रदुषित शहरImage Credit source: Pexels
भारत में वायु प्रदूषण लंबे समय से एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है. वहीं सर्दी के दिनों में तो हवा की गुणवत्ता और भी ज्यादा खराब हो जाती है. जबकि कई शहर ऐसे हैं जहां पूरे साल ही एयर क्वालिटी खराब रहती है. इसका सेहत पर भी काफी गंभीर असर होता है. पॉल्यूशन कई बीमारियों की वजह है. कई शहरों के एयर क्वालिटी बेहद खराब स्तर तक चली जाती है, जिससे सांस लेना भी दूभर हो जाता है. खासतौर पर सर्दियों का मौसम भारत में वायु प्रदूषण के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण समय माना जाता है.
‘Winter Ambient Air Quality Snapshot for India 2025’ रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक, देश के कई शहरों में एयर क्वालिटी खतरनाक स्तर पर पहुंच गई थी. आज इस आर्टिकल में हम आपको इस रिपोर्ट के आधार पर, इस सर्दी के 10 सबसे प्रदूषित दिनों के बारे में बताने जा रहे हैं.
सबसे प्रदूषित दिन और शहर
इस लिस्ट में शामिल दिन वे हैं जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) और PM2.5 सांद्रता अपने चरम पर थी. इन दिनों में दिल्ली, बर्नीहाट, हाजीपुर, गाजियाबाद, गुरुग्राम, नोएडा, पटना, आसनसोल, दुर्गापुर और चरखी दादरी जैसे शहरों में सांस लेना भी मुश्किल हो गया था.
भारत के 10 सबसे प्रदुषित शहरों की लिस्ट
रैंक तारीख शहर PM2.5 स्तर (µg/m³) AQI श्रेणी
1 5 जनवरी 2025 दिल्ली 250+ गंभीर (Severe)
2 10 दिसंबर 2024 बर्नीहाट 240 बहुत खराब (Very Poor)
3 15 जनवरी 2025 हाजीपुर 230 बहुत खराब (Very Poor)
4 20 दिसंबर 2024 गाजियाबाद 225 बहुत खराब (Very Poor)
5 25 जनवरी 2025 गुरुग्राम 220 बहुत खराब (Very Poor)
6 30 नवंबर 2024 नोएडा 215 बहुत खराब (Very Poor)
7 12 जनवरी 2025 पटना 210 बहुत खराब (Very Poor)
8 8 दिसंबर 2024 आसनसोल 205 बहुत खराब (Very Poor)
9 18 जनवरी 2025 दुर्गापुर 200 बहुत खराब (Very Poor)
10 22 दिसंबर 2024 चरखी दादरी 195 बहुत खराब (Very Poor)
दिल्ली बना सबसे प्रदूषित शहर
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली इस सर्दी में भारत का सबसे प्रदूषित शहर बना, जहां PM2.5 का स्तर औसतन 159 µg/m³ रहा, जो भारत के राष्ट्रीय मानक 40 µg/m³ से चार गुना अधिक है. 74 दिनों तक AQI ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा, जिससे दिल्ली वासियों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो गया.
प्रदूषण बढ़ने के क्या कारण हैं?
सर्दियों में हवा स्थिर हो जाती है, जिससे प्रदूषक तत्व वातावरण में अधिक समय तक बने रहते हैं. इसके अलावा नवंबर-दिसंबर के महीनों में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर पराली जलाई जाती हैं जिसकी वजह से सर्दियों के मौसम में प्रदूषण अपने चरम पर पहुंच जाता है. वहीं, दिल्ली-एनसीआर सहित कई शहरों में वाहनों से निकलने वाला धुआं एयर क्वालिटी को खराब करता है. NCR में कंस्ट्रक्शन और इंडस्ट्रियल इमिशन ने वायु प्रदूषण को और गंभीर बना दिया है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों और झुग्गी बस्तियों में सर्दी से बचने के लिए लकड़ी और कोयले का जलाना प्रदूषण का एक बड़ा कारण बना.
स्वास्थ्य पर पड़ते हैं गहरे प्रभाव
लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से फेफड़ों और हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है. बुजुर्गों और बच्चों में अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों का खतरा अधिक होता है. PM2.5 कण शरीर में प्रवेश कर ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं.
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