
कर्नाटका विधानसभा में हंगामा.
कर्नाटक में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सोमवार को सत्तारूढ़ कांग्रेस को चेतावनी दी कि अगर उसके 18 विधायकों का निलंबन वापस नहीं लिया गया तो पार्टी विधानसभा की कार्यवाही को बाधित करेगी. बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमारे विधायकों के बिना सदन चलाने का इरादा रखती है. विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि उनकी पार्टी के विधायक संविधान को बनाए रखने के लिए लड़ रहे हैं.
बीजेपी नेता ने कहा कि मैं कांग्रेस को चेतावनी देता हूं कि अगर निलंबन वापस नहीं लिया गया तो हमारा संघर्ष और तेज होगा. देखते हैं कि आप (कांग्रेस) भविष्य में विधानसभा सत्र कैसे चलाते हैं.
18 बीजेपी विधायक निलंबित
कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ. इसके बाद 18 बीजेपी विधायकों को निलंबित कर दिया गया था. ये विधायक सिटिंग हाईकोर्ट जज से कथित हनी-ट्रैप की जांच की मांग कर रहे थे, जिसमें एक मंत्री और अन्य विधायक के शामिल होने का आरोप लगाया जा रहा है. विपक्षी बीजेपी विधायकों को कर्नाटक विधानसभा के मार्शलों ने उठाकर बाहर फेंक दिया. कर्नाटक कांग्रेस नेताओं ने इस फैसले का समर्थन किया और कहा कि विपक्षी विधायकों ने दस्तावेज फाड़कर और संसद की गरिमा का अपमान करके सदन का अपमान किया.
हाथ में सीडी लेकर नारेबाजी
बीजेपी और जेडी (एस) के विधायकों ने सदन के वेल में जाकर प्रदर्शन किया और हाथ में सीडी लेकर नारेबाजी की. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाईलेवल जांच का भरोसा दिया. दरअसल, सहकारिता मंत्री केएच राजन्ना ने गुरुवार को विधानसभा को सूचित किया कि उन्हें हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश की गई थी और कम से कम 48 नेता ऐसी साजिशों का शिकार हो चुके हैं.
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि राजन्ना ने हनीट्रैप की कोशिश की बात की है. गृह मंत्री जी परमेश्वर ने उच्च-स्तरीय जांच का आश्वासन दिया है. राजन्ना को शिकायत दर्ज करनी चाहिए. सभी कांग्रेस, बीजेपी और जेडी (एस) सदस्यों को सुरक्षा दी जाएगी. सीएम सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि सरकार सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.
हाई कोर्ट जज की अध्यक्षता में जांच की मांग
गृह मंत्री परमेश्वर ने दोहराया कि राजन्ना शिकायत दर्ज कराने का इरादा रखते हैं और जांच की मांग की है, लेकिन अभी तक औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज नहीं की है. विपक्षी नेताओं ने सरकार से जांच के स्वरूप को स्पष्ट करने की मांग की और सिटिंग हाई कोर्ट जज की अध्यक्षता में जांच की मांग की. नेता विपक्ष आर अशोक ने कहा, राजन्ना ने केंद्रीय नेताओं, मंत्रियों और सभी दलों के राजनीतिक हस्तियों के शामिल होने का आरोप लगाया है.सरकार को इस मामले में न्यायिक जांच का आदेश देना चाहिए.
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