
होम्योपैथिक डॉक्टर बनने के लिए क्या पढ़ाई करनी होगी, जानिए
आज के समय में लोग आयुर्वेद और होम्योपैथी जैसे नेचुरल क्योर की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं. खासकर होम्योपैथिक दवाइयों को लोग इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि इनमें साइड इफेक्ट बहुत कम होते हैं. अगर आप भी एक होम्योपैथिक डॉक्टर बनने का सपना देख रहे हैं तो उसके लिए आपको कुछ जरूरी स्टडी एंड प्रोसेस पूरी करनी होती है.
होम्योपैथिक डॉक्टर बनने के लिए सबसे पहली शर्त यह है कि आपने 12वीं क्लास साइंस से पास की हो. इसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी जैसे विषय होना जरूरी है. यदि आपने बायोलॉजी विषय से पढ़ाई की है और कम से कम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं, तो आप आगे की प्रोसेस के लिए योग्य माने जाते हैं.
NEET परीक्षा को पास करना जरूरी होता है
बारहवीं कक्षा के बाद आपको मेडिकल फील्ड में प्रवेश के लिए नेशनल लेवल की एक परीक्षा देनी होती है, जिसे NEET (नीट) कहा जाता है. यह परीक्षा पूरे देश में कराई जाती है और इसी के आधार पर कॉलेजों में दाखिला दिया जाता है. यदि आप इस परीक्षा को पास कर लेते हैं, तो आप BHMS कोर्स में एडमिशन के लिए एलीजिबल हो जाते हैं. खास बात ये है कि MBBS से यह बहुत ज्यादा अलग नहीं होता, बस MBBS से एलोपैथिक डॉक्टर तैयार होते हैं और BHMS से होम्योपैथिक डॉक्टर.
BHMS कोर्स की पढ़ाई करनी होती है
BHMS का पूरा नाम है बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी. यह कोर्स कुल 5 साल 6 महीने का होता है, जिसमें 4.5 साल की पढ़ाई और 1 साल की इंटर्नशिप शामिल होती है. इस कोर्स में आपको होम्योपैथिक दवाइयों, इलाज के मेथड्स और डिजीज की जानकारी दी जाती है. इंटर्नशिप के दौरान आप असली मरीजों के साथ काम करते हैं, जिससे आपका अनुभव बढ़ता है.
रजिस्ट्रेशन कराना होता है
BHMS की पढ़ाई पूरी करने के बाद आपको अपने राज्य की होम्योपैथिक मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराना होता है. रजिस्ट्रेशन के बाद ही आप एक रजिस्टर्ड होम्योपैथिक डॉक्टर बनते हैं और मरीजों का इलाज करने के लिए ऑथराइज्ड हो जाते हैं. बिना रजिस्ट्रेशन के आप डॉक्टर की तरह प्रैक्टिस नहीं कर सकते.
आगे की पढ़ाई के ऑप्शन
BHMS के बाद आप चाहें तो MD (होम्योपैथी) भी कर सकते हैं. यह कोर्स तीन साल का होता है और इसमें आप किसी एक सब्जेक्ट में एक्सपर्टीज हासिल करते हैं. जैसे मेडिसिन, मटेरिया मेडिका, होम्योपैथिक फिलॉसफी आदि. यह कोर्स आपकी एबिलिटी को और मजबूत बनाता है और आपको रिसर्च या टीचिंग जैसे क्षेत्रों में भी अवसर देता है.
नौकरी और करियर की संभावनाएं
BHMS की डिग्री मिलने के बाद आपके पास कई तरह के काम करने के मौके होते हैं. आप गवर्नमेंट होम्योपैथिक हॉस्पिटल में डॉक्टर की नौकरी पा सकते हैं या फिर किसी निजी क्लिनिक में काम कर सकते हैं. इसके अलावा आप चाहें तो खुद का क्लिनिक खोल सकते हैं और इंडिपेंडेंटली प्रैक्टिस कर सकते हैं. रिसर्च सेंटर, फार्मा कंपनियां और मेडिकल कॉलेजों में भी BHMS डिग्री होल्डर्स की मांग होती है.
अच्छे कॉलेज और फीस की जानकारी
भारत में कई सरकारी और निजी कॉलेज BHMS कोर्स कराते हैं. सरकारी कॉलेजों में फीस बहुत कम होती है, जो ₹20,000 से ₹50,000 पर ईयर तक होती है. वहीं, प्राइवेट कॉलेजों में यह फीस ₹1 लाख से ₹2.5 लाख तक हो सकती है. कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, भोपाल जैसे शहरों में कई फेमस इंस्टिट्यूट हैं जहां से आप BHMS कर सकते हैं.
स्कॉलरशिप और असिस्टेंस स्कीम्स
अगर आप आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं तो आपके लिए स्कॉलरशिप की सुविधा भी उपलब्ध होती है. केंद्र और राज्य सरकारें होम्योपैथी के छात्रों के लिए स्कॉलरशिप योजनाएं चलाती हैं. इसके तहत आपकी फीस में राहत दी जाती है जिससे आपकी पढ़ाई आसान हो जाती है.
होम्योपैथिक डॉक्टर बनना एक अच्छा और रेस्पेक्टेबल करियर ऑप्शन है. यदि आप मेहनत से पढ़ाई करते हैं और सही दिशा में आगे बढ़ते हैं, तो आप एक सफल होम्योपैथिक डॉक्टर बन सकते हैं.
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