
How Old Can Your Car Be To Legally Drive In India Top 10 Cities
भारत के बड़े शहरों में सड़कों पर गाड़ियों की उम्र को लेकर अलग-अलग नियम हैं. कहीं प्रदूषण रोकने के लिए सख्ती है, तो कहीं राष्ट्रीय वाहन स्क्रैप नीति के हिसाब से काम चल रहा है. अगर आपकी गाड़ी पुरानी हो रही है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. आइए, जानते हैं कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे टॉप 10 शहरों में कितनी पुरानी गाड़ियां सड़कों पर दौड़ सकती हैं और नियम क्या कहते हैं.
दिल्ली में सबसे सख्त नियम
दिल्ली में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) और सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नियम बनाए हैं.1 जुलाई 2025 से दिल्ली-NCR में पुरानी गाड़ियों को लेकर सख्त नियम लागू हो गए हैं. अब अगर आपकी डीज़ल गाड़ी 10 साल से पुरानी है या पेट्रोल गाड़ी 15 साल से पुरानी है, तो आप उसे दिल्ली-NCR की सड़कों पर नहीं चला सकते.
इतना ही नहीं, अब इन गाड़ियों में पेट्रोल या डीज़ल भरवाना भी मुमकिन नहीं होगा. अगर कोई व्यक्ति अब इन एक्सपायर हो चुकी गाड़ियों को चलाते हुए पाया गया, तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी जैसे गाड़ी ज़ब्त करना, चालान काटना या भारी जुर्माना लगाना. इतना ही नहीं पेट्रोल पंपों पर भी गाड़ी की उम्र ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडिंग (ANPR) कैमरों से चेक की जाएगी ताकि नियम तोड़ने वालों को तुरंत पकड़ा जा सके.
मुंबई में फिटनेस टेस्ट जरूरी
मुंबई में राष्ट्रीय वाहन स्क्रैप नीति लागू होती है. इसके तहत 15 साल से ज्यादा पुरानी निजी गाड़ियों और 10 साल से ज्यादा पुरानी कमर्शियल गाड़ियों को फिटनेस टेस्ट पास करना पड़ता है. अगर गाड़ी टेस्ट में फेल हो जाए, तो उसे स्क्रैप करना होगा. मुंबई जैसे व्यस्त शहर में पुरानी गाड़ियों को चलाने से पहले RTO से फिटनेस सर्टिफिकेट लेना जरूरी है.
कोलकाता में नए नियम का इंतजार
कोलकाता और हावड़ा में गाड़ियों की उम्र को लेकर नया नियम प्रस्तावित है. निजी गाड़ियों के लिए 20 साल की उम्र सीमा का प्रस्ताव NGT के सामने रखा गया है, लेकिन अभी इसे लागू नहीं किया गया है. वर्तमान में कोलकाता में 15 साल से ज्यादा पुरानी कमर्शियल गाड़ियों पर पाबंदी है. अगर आप कोलकाता में पुरानी गाड़ी चला रहे हैं, तो नियमों की जानकारी रखें, क्योंकि जल्द ही नए नियम लागू हो सकते हैं.
बैंगलोर पर ग्रीन टैक्स का बोझ
बैंगलोर में 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों को फिटनेस टेस्ट पास करना अनिवार्य है. कर्नाटक सरकार ने पुरानी गाड़ियों पर ग्रीन टैक्स भी लगाया है. अगर आपकी गाड़ी 15 साल से ज्यादा पुरानी है, तो आपको यह टैक्स देना होगा. बैंगलोर में कोई सख्त उम्र सीमा तो नहीं है, लेकिन फिटनेस टेस्ट में पास होना जरूरी है. अगर गाड़ी टेस्ट में फेल होती है, तो सड़कों पर चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी.
हैदराबाद में नए साल से नए नियम
हैदराबाद में 1 जनवरी 2025 से नया नियम लागू हो रहा है. इसके तहत 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों को फिटनेस टेस्ट पास करना होगा. अगर गाड़ी फेल हो जाती है, तो उसे स्क्रैप करना पड़ेगा. खासकर सरकारी गाड़ियों के लिए यह नियम और सख्त है. उनकी उम्र सीमा 15 साल है, चाहे उनकी हालत कैसी भी हो. हैदराबाद में गाड़ी चलाने वालों को इस नए नियम की तैयारी कर लेनी चाहिए.
अहमदाबाद में राष्ट्रीय नीति का पालन जरूरी
अहमदाबाद में कोई खास उम्र सीमा नहीं है. यहां राष्ट्रीय वाहन स्क्रैप नीति के तहत काम होता है. 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों को फिटनेस टेस्ट पास करना पड़ता है. अगर गाड़ी टेस्ट में पास नहीं होती, तो उसे सड़कों से हटाना होगा. अहमदाबाद में गाड़ी मालिकों को RTO के नियमों का पालन करना चाहिए.
चेन्नई में सामान्य नियम लागू
चेन्नई में भी कोई खास शहर-विशिष्ट नियम नहीं है. राष्ट्रीय नीति के तहत 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों को फिटनेस टेस्ट पास करना पड़ता है. अगर गाड़ी टेस्ट में पास नहीं होती, तो उसे स्क्रैप करना होगा. चेन्नई में पुरानी गाड़ी चलाने वालों को फिटनेस सर्टिफिकेट का ध्यान रखना चाहिए.
सूरत में फिटनेस टेस्ट पास करना जरूरी
सूरत में भी राष्ट्रीय वाहन स्क्रैप नीति लागू है. 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों को फिटनेस टेस्ट पास करना जरूरी है. अगर गाड़ी टेस्ट में फेल हो जाती है, तो उसे सड़कों पर चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी. सूरत में गाड़ी मालिकों को नियमों का पालन करना चाहिए.
पुणे में करवा सकते हैं री-रजिस्ट्रेशन
पुणे में 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों को फिटनेस सर्टिफिकेट, री-रजिस्ट्रेशन और पर्यावरण टैक्स देना पड़ता है. ये नियम सुनिश्चित करते हैं कि पुरानी गाड़ियां सड़कों पर सुरक्षित हों और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाएं. पुणे में गाड़ी चलाने वालों को इन नियमों का ध्यान रखना होगा.
जयपुर में कमर्शियल गाड़ियों पर सख्ती
जयपुर में कमर्शियल डीजल गाड़ियों के लिए 15 साल की उम्र सीमा है. इससे ज्यादा पुरानी गाड़ियों को सड़कों पर चलाने की अनुमति नहीं है. निजी गाड़ियों के लिए राष्ट्रीय नीति लागू है, जिसमें 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों को फिटनेस टेस्ट पास करना पड़ता है. जयपुर में गाड़ी मालिकों को इन नियमों का पालन करना जरूरी है.
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