भारत में इस समय कितने ड्रोन हैं, इसे लेकर लगातार सवाल पूछे जाते रहे हैं. लेकिन अब इसका आधिकारिक डेटा आ गया है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में 29,500 से ज्यादा रजिस्टर्ड ड्रोन हैं, इसमें सबसे अधिक संख्या राष्ट्रीय राजधानी में है.
केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में 4,882 ड्रोन रजिस्टर्ड हैं और इसके बाद, सबसे ज्यादा रजिस्टर्ड ड्रोन तमिलनाडु और महाराष्ट्र में हैं. तमिलनाडु में 4,588 और महाराष्ट्र में 4,132 ड्रोन रजिस्टर्ड हैं.
सबसे अधिक ड्रोन वाले 5 राज्य
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के 29 जनवरी तक अपडेट किए गए आंकड़ों से यह बात सामने आई है कि देशभर में 29,501 ड्रोन रजिस्टर्ड हैं. दिल्ली, तमिलनाडु और महाराष्ट्र पहले 3 नंबर पर हैं.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से इस हफ्ते राज्यसभा में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, अन्य राज्य जहां रजिस्टर्ड ड्रोन की संख्या सबसे ज्यादा है, उनमें हरियाणा (3,689), कर्नाटक (2,516), तेलंगाना (1,928), गुजरात (1,338) और केरल (1,318) राज्य आते हैं.
अब तक, महानिदेशालय की ओर से अलग-अलग अनमैन्ड एयरक्रॉफ्ट सिस्टम (Unmanned Aircraft System (UAS) के मॉडल या ड्रोन को 96 तरीके के प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं, और उनमें से 65 मॉडल खेती से संबंधित हैं.
रजिस्ट्रेशन को लेकर कई बदलाव
हर रजिस्टर्ड ड्रोन को डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म से एक विशिष्ट पहचान संख्या (Unique Identification Number) जारी की जाती है, जिसे नागरिक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा संचालित किया जाता है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की ओर से अधिकृत रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन (RPTO) ने 22,466 रिमोट पायलट प्रमाण पत्र (आरपीसी) जारी किया है.
एक लिखित उत्तर के हिस्से के रूप में आंकड़े साझा करते हुए, नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने अलग-अलग क्षेत्रों में ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं. अन्य उपायों के अलावा, मंत्रालय ने पिछले साल अगस्त में अपने कुछ मानकों में संशोधन भी किए थे, जिसके तहत ड्रोन के रजिस्ट्रेशन और डी-रजिस्ट्रेशन/ट्रांसफर के लिए पासपोर्ट की जरुरत को खत्म कर दिया गया था.
ड्रोन उड़ाने के लिए 3 जोन
तब से, वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस का उपयोग ड्रोन के रजिस्ट्रेशन और डी-रजिस्ट्रेशन या ट्रांसफर के लिए किया जा सकता है. एक ड्रोन एयरस्पेस मैप है, जिसे तीन जोन (हरा, पीला और लाल) में बांटा भी गया है.
ग्रीन जोन में ड्रोन उड़ाने के लिए पहले से अनुमति लेने की कोई जरुरत नहीं होती है, जबकि येलो जोन में ड्रोन उड़ाने के लिए संबंधित एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से मंजूरी लेनी होगी. हालांकि रेड जोन में ड्रोन उड़ाने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति लेनी होगी.
[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X
Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login