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Bengaluru stampede : भगदड़ में मौत कैसे होती है? एक्सपर्ट ने बताए वैज्ञानिक कारण और बचाव के तरीके

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Jun 4, 2025    15085 views     Online Now 496
Bengaluru stampede : भगदड़ में मौत कैसे होती है? एक्सपर्ट ने बताए वैज्ञानिक कारण और बचाव के तरीके

भगदड़ में लोगों की मौत

IPL 18 सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू को मिली जीत के बाद बुधवार को बेंगलूरू के चिन्नास्वामी स्टेडिम में विक्ट्री परेड का आयोजन किया गया था. इस परेड में लाखों लोग शामिल हुए थे. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसके बाद भगदड़ मच गई. भगदड़ में अभी तक 10 लोगों की मौत हो गई. वहीं, कई लोग घायल हैं. हालांकि, यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है. फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं. इस दर्दनाक हादसे के बाद यह भी जानना जरूरी है कि भगदड़ में किसी की जान कैसे चली जाती है?

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जब भी अनियंत्रित भीड़ एक जगह पर एकत्र होती है, वहां भगदड़ की संभावना बढ़ जाती है. अक्सर ऐसी घटनाएं दुखद होती हैं, जिनमें कई लोगों की जान चली जाती है. आमतौर पर लोग सोचते हैं कि भगदड़ में गिरने से मौत होती है, लेकिन इसके पीछे कई वैज्ञानिक और शारीरिक कारण होते हैं.

भगदड़ में मौत के पीछे के वैज्ञानिक कारण

दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर डॉ पुलीन कुमार बताते हैं कि भगदड़ में कई लोग सांस लेने में परेशानी और शरीर पर दबाव पड़ने के बाद दम तोड़ देते हैं. भीड़ के दबाव से शरीर पर अत्यधिक जोर पड़ता है. यह दबाव सांस लेने के रास्ते को बंद कर देता है, जिससे सांस रुक जाती है और व्यक्ति दम तोड़ सकता है. इसको मेडिकल की भाषा में कंप्रेसिव एस्फिक्सिया कहते हैं

PreventionWeb.net के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति भगदड़ में गिर जाता है, तो उसके ऊपर लोग चढ़ जाते हैं. इससे गर्दन की हड्डियां टूट सकती हैं, सिर पर चोट लग सकती है या आंतरिक चोटों से खून बह सकता है. गिरने वाले व्यक्ति के पास खुद को संभालने का या बचाने का कोई मौका नहीं होता. ऐसे में उसकी जान जा सकती है.

भगदड़ की सबसे बड़ी वजह क्या है?

डॉ पुलाीन बताते हैं कि भगदड़ में डर और घबराहट सबसे अधिक जानलेवा साबित होते हैं. जब अचानक कोई अफवाह फैलती है तो लोग घबरा जाते हैं. यह घबराहट ही भगदड़ की सबसे बड़ी वजह बनती है. लोग एक-दूसरे को धक्का देने लगते हैं, बचने की होड़ में दूसरों को कुचल देते हैं.

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बचाव और प्राथमिक उपचार क्या है?

डॉ पुलीन के मुताबिक,फर्स्ट एड से लोगों की जान बचाई जा सकती है. अगर इन लोगों को कुछ ही समय में सीपीआर मिल जाए तो इनको मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सकता है. अस्पताल जाने से पहले सीपीआर देने से हर 3 में से 1 व्यक्ति की जान बचने की संभावना रहती है. सीपीआर देने के लिए किसी मेडिकल डिवाइस की भी जरूरत नहीं है.

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