बीजापुर में आईईडी ब्लास्ट के बाद बन गया गड्ढा.
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सोमवार को नक्सलियों ने बड़ा हमला किया गया. हमले में 9 जवान शहीद हो गए. आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट इतना जबरदस्त था कि घटनास्थल पर कई जगहों पर 12 फीट गहरा गड्ढा बन गया और वाहन के टुकड़े 20 फीट के दायरे में बिखर गए. जिस वाहन से जवान जा रहे थे, वह हवा में कई फीट ऊपर उछल कर कई हिस्सों में बिखर गया. हमले में 8 कांस्टेबल और एक चालक की मौत हो गई.
यह हमला कुटरू इलाके में हुआ था, जहां माओवादियों ने इस मार्ग पर मैन्युअली विस्फोट किया. बताया जा रहा है कि आईईडी काफी पुराना था. जहां ये लगाया गया था, उस जगह पर घास उग आई थी, लेकिन नक्सलियों को यह अच्छी तरह से पता था कि जवान इसी मार्ग से गुजर रहे हैं. आईईडी में 60 किलो बारूद होने की बात कही जा रही है. घटनास्थल पर बने गड्ढे से यह स्पष्ट है कि यह एक सुनियोजित हमला था. विस्फोट के बाद, घायल जवानों को तुरंत महात्मा गांधी अस्पताल भेजा गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
घटना ने खड़े किए कई सवाल
अधिकारियों के मुताबिक, आईईडी काफी पुराना था और उस पर घास उग आई थी. माओवादियों को यह जानकारी थी कि जवान इस मार्ग से वापस लौट रहे हैं, जिसके बाद उन्होंने मैन्युअली इस हमले को अंजाम दिया. यह हमला कुटरू इलाके में एक कच्ची सड़क पर हुआ था. सूत्रों के अनुसार, इस रास्ते को पहले ही ‘क्लियर’ किया जा चुका था. थोड़ी देर पहले ही रोड ओपनिंग पार्टी (ROP) की टीम वहां से गुजरी थी. सवाल यह उठता है कि ब्लास्ट स्थल से जो वायर निकला था, उसे कैसे नहीं देखा गया.
जब जवान किसी रास्ते से गुजरने वाले होते हैं तो पहले उस रास्ते को बारीकी से जांचा जाता है. इसमें रोड ओपनिंग पार्टी द्वारा सड़क के दोनों ओर 50 से 150 यार्ड्स में और वी शेप में जवान चलते हैं. यह व्यवस्था आईईडी को ढूंढने और नष्ट करने के लिए होती है. वहीं स्निफर डॉग्स भी आईईडी को तुरंत डिटेक्ट करते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इन व्यवस्थाओं का पालन किया गया था या नहीं. इसके अलावा, मोबाइल पेट्रोलिंग की भी व्यवस्था होती है, सवाल यह है कि क्या यह भी मौजूद थी या नहीं.
जवानों के लिए बिछाई मौत की आईईडी
पिछले कुछ महीनों से लगातार जवानों ने बड़ी संख्या में आईईडी डिटेक्ट किए हैं. पिछले साल भी 260 आईडी और 884 डेटोनेटर मिले थे. यह आंकड़े बताते हैं कि नक्सलियों ने आईईडी के जरिए जवानों को नुकसान पहुंचाने की योजना बनाई थी. इस विस्फोट के बाद अधिकारियों के लिए यह एक चेतावनी है कि रोड ओपनिंग पार्टी और ऑपरेशन के लिए तय किए गए रास्तों पर पुनः विचार किया जाए.
धमाके के बाद शव और गाड़ी के टुकड़े 20 फीट के दायरे में बिखर गए. नक्सलियों द्वारा लगाया गया आईईडी इतना सटीक था कि कोई भी जीवित नहीं बच सका. गाड़ियों के कुछ बड़े हिस्से पेड़ों पर लटके मिले.
बीजापुर IED ब्लास्ट में शहीद जवानों की सूची
- डीआरजी HC 957 – बुधराम कोरसा
- बस्तर फाइटर्स C/1329 – सोमड़ू वेट्टी
- बस्तर फाइटर्स C/1332 – सुदर्शन वेट्टी
- बस्तर फाइटर्स C/1389 – सुबरनाथ यादव
- बस्तर फाइटर्स C/1229 – हरीश कोर्राम
- डीआरजी C/263 – डूम्मा मरकाम
- डीआरजी C/1098 – पण्डरू राम पोयाय
- डीआरजी C/1453 – बामन सोढ़ी
- वाहन चालक (सिविल) – तुलेश्वर राना
राज्य सरकार ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने इस हमले को कायरतापूर्ण करार दिया और कहा कि नक्सली अब हताशा में इस प्रकार के हमले कर रहे हैं.
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