
दिल्ली में बदला मौसम
बरसात का मौसम बच्चों के लिए जितना मजेदार होता है, उतना ही उनकी सेहत के लिए चुनौतीपूर्ण भी होता है. बारिश के मौसम में अक्सर बच्चे बार-बार खांसी-जुकाम या सर्दी से परेशान हो जाते हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं खांसी-जुकाम और सर्दी से बचाव के लिए कुछ आसान घरेलू उपाय, लेकिन उससे पहले आपको बताते हैं कि आखिर बारिश के मौसम में बच्चे बार-बार खांसी-जुकाम या सर्दी के शिकार क्यों बन जाते हैं.
बारिश में बच्चों को बार-बार क्यों होता है खांसी-जुकाम?
मौसम का अचानक बदलना
अक्सर बारिश के मौसम में कभी तेज गर्मी, कभी ठंडी हवा, तो कभी नमी बच्चों की सेहत को प्रभावित करते हैं. बच्चों की इम्यूनिटी बड़ों के मुकाबले काफी कमजोर होती है, इस वजह से वो जल्दी ही वायरस या बैक्टीरिया के शिकार बन जाते हैं.
संक्रमण का तेजी से फैलना
बच्चे अक्सर स्कूल, पार्क या पार्टी में एक-दूसरे के संपर्क में आ जाते हैं. इस दौरान छींकने या खांसने पर निकलने वाली बूंदें आसानी से दूसरे बच्चों को भी संक्रमित कर देती हैं.
भीगना या गंदे पानी में खेलना
बच्चों को बारिश में भीगना काफी अच्छा लगता है. जाहिर है कि बारिश में भीगने, गंदे पानी में खेलने या गीले कपड़ों देर तक पहने रहने के कारण भी बच्चे सर्दी-जुकाम, खांसी या वायरल इंफेक्शन के शिकार बन जाते हैं.
जंक फूड और साफ-सफाई की कमी
बच्चे अक्सर सड़क किनारे मिलने वाले फास्ट फूड, बर्फ के गोले, आइसक्रीम, समोसे, चाट जैसी चीजें खाते रहते हैं. बारिश के मौसम में सड़क किनारे मिलने वाली इन चीजों से भी बच्चों में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.
बचाव के लिए आसान घरेलू उपाय
गुनगुना पानी पिलाएं
सर्दी-जुकाम होने पर बच्चों को ठंडी चीजें बिल्कुल भी न दें. उन्हें पीने के लिए गुनगुना या हल्का गर्म पानी दें. इससे गले में सूजन या तकलीफ कम होगी.
अजवाइन का पानी
एक बड़े चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में अच्छी तरह तब तक उबालें. जब तक पानी आधा न रह जाए. इसके बाद पानी को छानकर बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर में पिलाएं. इससे अजवाइन में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण बच्चों को खांसी-जुकाम या सर्दी में राहत दे सकते हैं.
हल्दी वाला दूध
हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है, जो गले में जमे बलगम में राहत पहुंचा सकता है. बच्चों को हल्दी मिला हल्का गर्म दूध पिलाने से उनकी इम्यूनिटी भी बढ़ती है और खांसी-जुकाम और सर्दी में भी राहत मिल सकती है.
लहसुन और सरसों के तेल की मालिश
सरसों का तेल हल्का गर्म करके उसमें लहसुन के दो टुकड़े और थोड़ी अजवाइन डाल दें. इस तेल से बच्चे की छाती, पीठ और तलवों पर मालिश करें. इससे बलगम को कम होगा ही, खांसी भी कम हो सकती है.
भाप देना
खांसी-जुकाम या सर्दी होने पर भाप देने से राहत मिल सकती है. इससे गले और नाक की होने वाली सूजन कम हो सकती है, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है.
तुलसी और अदरक का काढ़ा
तुलसी के पत्ते और अदरक को पानी में उबालकर उसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर पिलाकर काढ़ा बना लें. ये काढ़ा सर्दी-जुकाम, खांसी और गले की खराश में काफी असरदार साबित हो सकता है.
साफ-सफाई का ध्यान रखें
बच्चों को साफ-सफाई पर ध्यान देने के लिए कहें, साथ ही उनमें बार-बार हाथ धोने की आदत डालें. बाहर से आने के बाद, खाने से पहले और टॉयलेट के बाद हाथ साबुन से जरूर धोएं, इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है. बच्चों को बारिश में भीगने या गंदे पानी में खेलने से भी रोकें.
संतुलित आहार
बच्चों के खाने में हरी सब्जियां, फल, दूध, दही जैसी चीजों को शामिल करें. साथ ही उन्हें जंक फूड, स्ट्रीट फूड या ठंडी चीजें न दें.
डॉक्टर से संपर्क करें
अगर घरेलू नुस्खों से राहत नहीं मिल रही है, तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और डॉक्टर की सलाह से ही दवाएं लेनी चाहिए. जरूरत पड़ने पर जांच भी करवाई जा सकती है.
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