हॉकी इंडिया लीग ने अवतार में एक बार फिर सामने आ रही है.Image Credit source: Hockey India
भारत में लगातार अलग-अलग खेलों की लीग का जलवा देखने को मिल रहा है. क्रिकेट में इंडियन प्रीमियर लीग की शानदार सफलता के बाद से ही टेनिस, बैडमिंटन से लेकर रेसलिंग और खो-खो और कबड्डी लीग भी खूब हिट हुई हैं. इन सबके दमदार प्रदर्शन के बाद अब एक और लीग का देश में आगाज होने वाला है. असल में आगाज नहीं, बल्कि वापसी होने वाली है. ये है- हॉकी इंडिया लीग. करीब 7 साल पहले बंद होने वाली हॉकी लीग की इस साल फिर से वापसी हो रही है और इस बार खिलाड़ियों पर पहले से ज्यादा पैसा बरसेगा लेकिन पाकिस्तानी खिलाड़ी इस लीग का हिस्सा भी नहीं होंगे.
आईपीएल की तर्ज पर भारतीय हॉकी के स्तर को सुधारने और इसे ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए हॉकी इंडिया ने 11 साल पहले 2013 में हॉकी इंडिया लीग की शुरुआत की थी. इसमें भारत की नेशनल टीम और घरेलू खिलाड़ियों के अलावा दुनियाभर के कई बड़े खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था. तब इस लीग को काफी पसंद किया गया था और इसका फायदा भी भारतीय हॉकी को आगे चलकर मिला था. हालांकि, तब आर्थिक कारणों से इसे 2017 में बंद कर दिया गया था.
7 साल बाद फिर हो रही वापसी
अब एक बार फिर हॉकी इंडिया ने इस लीग को शुरू करने का फैसला किया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पेरिस ओलिंपिक 2024 के बाद हॉकी इंडिया टूर्नामेंट के लिए खिलाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की शुरुआत करेगा. अभी तक करीब 1000 घरेलू और 500 से ज्यादा विदेशी खिलाड़ियों ने इसमें खेलने की इच्छा जताई है. टूर्नामेंट के लिए IPL की तरह ही खिलाड़ियों की नीलामी होगी. रिपोर्ट के मुताबिक, टूर्नामेंट के लिए इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन की तरफ से दिसंबर से फरवरी के बीच की विंडो तय की गई है. पिछले बार की तरह इस बार भी मेंस लीग के साथ ही विमेंस लीग भी चलती रहेगी.
IPL टीम मालिक भी रेस में
इस बार फ्रेंचाइजी को खिलाड़ियों पर खर्च करने के लिए पहले की तुलना में ज्यादा पैसा मिलेगा. सबसे खास बात ये है कि इस बार टूर्नामेंट में टीम फ्रेंचाइजी हासिल करने के लिए देशभर के 30 बड़े कॉर्पोरेट्स अपनी इच्छा जता चुके हैं और हॉकी इंडिया उनसे संपर्क में है. इनमें से कुछ तो ऐसे भी हैं, जिनके नाम आईपीएल और आईएसएल की टीमें हैं. बड़े घरानों में अडाणी, जिंदल स्पोर्ट्स, जेके सीमेंट्स, जीएमआर जैसे नाम शामिल हैं. अगले कुछ हफ्तों में हॉकी इंडिया फ्रेंचाइजी मालिकों का ऐलान कर देगी. फीस के तौर पर फ्रेंचाइजी मालिकों को हर साल 7 करोड़ रुपये (मेंस) और 3 करोड़ (विमेंस) देने होंगे. ये कॉन्ट्रेक्ट 10 साल के लिए रहेगा. वहीं फिलहाल सिर्फ रांची और राउरकेला में टूर्नामेंट का आयोजन होगा.
पाकिस्तानी खिलाड़ियों को नहीं मिलेगा मौका
सबसे अहम बात. आईपीएल की तरह इस लीग में भी पाकिस्तानी खिलाड़ी नजर नहीं आएंगे. लीग के पहले सीजन में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को मौका मिला था लेकिन तब जम्मू-कश्मीर में भारतीय सैनिकों पर हमले के बाद इन खिलाड़ियों को बीच से ही छोड़ना पड़ा था. इस बार भी पाकिस्तानी खिलाड़ियों को लीग में जगह नहीं मिलेगी. हालांकि हॉकी इंडिया ने इसके लिए लीग के नियम को वजह बताया है. रिपोर्ट में फेडरेशन के अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि FIH रैंकिंग में टॉप-15 टीमों के खिलाड़ियों को ही इसमें जगह मिलेगी, जबकि पाकिस्तानी टीम की रैंकिंग फिलहाल 16 है. ऐसे में पाकिस्तानी हॉकी खिलाड़ियों को एक और भारतीय लीग से हाथ धोना पड़ेगा.
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