इन दिनों मौसम बार-बार करवट बदल रहा है. कभी तेज गर्मी तो कभी अचानक से बारिश होने लगती है. बदलते मौसम का असर सीधा हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है. इस तरह के मौसम में अक्सर हमारी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और हम जल्दी बीमार पड़ सकते हैं. बदलते मौसम में व्यक्ति का शरीर खुद को संतुलित नहीं रख पाता है. ऐसे में बीमार पड़ने की आशंका अधिक रहती है. खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को इस समय ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है. आइए जानते हैं इस मौसम में होने वाली तीन बीमारियों के बारे में, जो इंसान के शरीर को तोड़कर रख देता है. क्या है इसके लक्षण और बचाव के उपाय.
वायरल बुखार
गर्मी और बारिश के बीच तापमान में तेज उतार-चढ़ाव होने से वायरल इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. यह एक आम लेकिन परेशान कर देने वाली बीमारी है जो बच्चों से लेकर बड़ों तक को अपनी चपेट में ले सकती है.
लक्षण और बचाव
हल्का या तेज बुखार, यह बुखार तीन से चार दिनों तक रह सकता है. कभी तेज बुखार आता है तो कभी हल्का फीवर भी महसूस होता रहता है. इसके अलावा गले में खराश या जलन, खांसी और नाक बहना, सिर दर्द और कमजोरी, भूख में कमी होना वायरल बुखार के लक्षण होते हैं. अगर आपको भी इस तरह की समस्या हो रही है तो डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं.
हालांकि, आप कुछ सावधानी बरतकर इस समस्या से निजात भी पा सकते हैं. जैसे, भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क लगाएं, बार-बार हाथ धोएं, अच्छी नींद लें और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले भोजन लें. अगर कोई व्यक्ति वायरल बुखार से पीड़ित है तो उसके पास जाने से बचे. क्योंकि बुखार एक से दूसरे में तेजी से फैलता है.
डेंगू का खतरा
बरसात आते ही जगह-जगह पानी जमा हो जाता है, जो मच्छरों की पैदावार बढ़ाता है. डेंगू इन्हीं मच्छरों से फैलने वाली एक गंभीर बीमारी है. यह Aedes मच्छर के काटने से होता है जो दिन में सक्रिय रहते हैं.
क्या होते हैं इसके लक्षण और बचाव
गर्मी के दिनों में डेंगू का खतरा बढ़ जाता है. मच्छर काटने से यह बुखार फैलता है. खासकर गर्मी के मौसम में अगर बरसात होने लगे तो यह बुखार तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेता है. इसमें मरीज को तेज बुखार (अक्सर 102-104 डिग्री तक) रहता है. जो करीब एक सप्ताह तक चलता है. इसके अलावा शरीर और जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, कमजोरी और थकान समेत स्किन पर चकत्ते, प्लेटलेट्स का कम होना भी इस बुखार का मुख्य लक्षण है.
कैसे करें इस बीमारी से बचाव
डेंगू का मच्छर अक्सर साफ पानी में पनपता है. इसलिए अपने आसपास पानी जमा न होने दें, फुल स्लीव कपड़े पहनें, जब भी आप सोने जाए मच्छरदानी या रिपेलेंट का प्रयोग करें, घर के कोनों में कीटनाशक स्प्रे करके आप इससे बच सकते हैं.
फंगल इंफेक्शन
बरसात में वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे फंगल इंफेक्शन बहुत तेजी से फैलता है. खासकर उन हिस्सों में जहां पसीना ज्यादा आता है, जैसे कि अंडरआर्म्स, जांघें और पैर के बीच में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है. ऐसे में नमी वाली जगह या गीले कपड़े पहनने से बचें.
लक्षण और बचाव
फंगल इंफेक्श में लालपन और खुजली, त्वचा पर छाले या दाने, जलन या दुर्गंध आना, स्किन का पीलापन या सफेद पड़ जाना, शरीर को सूखा और साफ रखें, कॉटन के ढीले कपड़े पहनें. पसीने वाले हिस्सों में पाउडर या एंटीफंगल क्रीम लगाएं इससे आप फंगल इंफेक्शन से बच सकते हैं.
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