ये दो टेस्ट दे देंगे हार्ट अटैक का संकेतImage Credit source: DIGICOMPHOTO/SPL/Getty Images
हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और पिछले कुछ सालों में इनसे होने वाली मौतों में भी इजाफा हुआ है. इसलिए डॉक्टर समय-समय पर ब्लड टेस्ट और ईसीजी कराने की सलाह देते हैं ताकि हार्ट की सही कंडीशन का पता लगाया जा सके. हार्ट की सेहत जानने के लिए डॉक्टर्स हमेशा एक मार्कर को देखते हैं जिसमें एलडीएल कोलेस्ट्रॉल जिसे बैड कोलेस्ट्रॉल के नाम से भी जाना जाता है. इस मार्कर से हार्ट हेल्थ की काफी जानकारी मिल जाती है लेकिन अब इसमें दो अन्य टेस्टों को भी शामिल किया गया है जो समय से पहले ही आपके हार्ट की सारी रिपोर्ट सामने रख देगा जिससे हार्ट अटैक के खतरे को समय रहते ही भांपना आसान हो जाएगा.
बीमारी की सटिक भविष्यवाणी करेंगे ये टेस्ट
हार्ट की समस्या एक दिन में शुरू नहीं होती, ये धीरे-धीरे बढ़ती है इसलिए अगर इसका पता पहले ही लगा लिया जाए तो व्यक्ति की जान बचाना आसान हो जाता है. इसलिए समय-समय पर कुछ टेस्ट कराकर इसे मॉनीटर किया जाता है. लेकिन जानकारों का कहना है कि इन दो टेस्टों की मदद से हार्ट की बीमारी का पता लगाना बेहद ही आसान हो जाएगा साथ ही ये काफी समय पहले ही आपको हार्ट से संबंधित बीमारी होने की सटिक जानकारी दे देगें,
बैड कोलेस्ट्रॉल था ये मार्कर
डॉक्टर दिल की बीमारी की जांच के लिए पहले एलडीएल कोलेस्ट्रॉल यानी की बैड कोलेस्ट्रॉल की ही जांच करते थे. दरअसल ये एक ऐसा फैट है जो हमारी आर्टरीज की दीवारों पर जमा होकर जिसे प्लॉक कहते है, आर्टरीज को ब्लॉक करने का काम करता है जिससे खून का दौरा धीमे हो जाता है और दिल को हार्ट पंप करने के लिए ज्यादा जोर लगाना पड़ता है जिससे हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत शुरू हो जाती है. ये समस्या अगर ट्रीट न की जाए तो आगे चलकर हार्ट अटैक का कारण बनती है.
ये दो मार्कर बताएंगें दिल का हाल
ताजा रिसर्च में ये सामने आया है कि अब सी-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) और लिपोप्रोटीन (a) से भी दिल की सेहत का पता लगाना आसान हो जाएगा और ये काफी समय पहले ही हार्ट अटैक का अंदेशा दे देंगें. ये स्टडी 30,000 से ज्यादा महिलाओं पर की गई है.
दरअसल, सी-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) शरीर में सूजन के जवाब में लीवर द्वारा बनाया जाने वाला एक प्रोटीन है. सीआरपी से पता चलता है कि आर्टरीज में किसी तरह की सूजन है या नहीं. वही लिपोप्रोटीन (a) खून में फैट का एक प्रकार है. लिपोप्रोटीन (a) का लेवल ज्यादा हो तो इससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है.
30 साल पहले ही मिल जाएंगें संकेत
द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में ये बात सामने आई है कि जिन महिलाओं में हाई एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के अलावा सीआरपी और लिपोप्रोटीन(a) का लेवल ज्यादा था, उनमें दिल की बीमारी होने का खतरा भी ज्यादा था. यानी कि ये नए मार्कर हार्ट अटैक का पता समय रहते लगाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामलों की रोकथाम समय रहते ही लगाई जा सकती है.
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