आसाराम और राम रहीम के अलावा कई और बाबा अलग-अलग मामलों में जेल में बंद हैं तो कुछ फरार हैं.
जेल में अपने-अपने कर्मों की सजा भुगत रहे दो बाबाओं को कोर्ट ने राहत दी है. राजस्थान की जेल में यौन उत्पीड़न के दोष में उम्रकैद काट रहे आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट ने इलाज के लिए सात दिनों की पैरोल दी है. इससे पहले हरियाणा की जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा के बाबा गुरमीत राम रहीम को 21 दिनों की फरलो मिल गई थी. अपने आश्रम में महिलाओं से दुष्कर्म के दोषी राम रहीम को 20 साल की सजा हुई है.
हालांकि, जेल में बंद बाबाओं की सूची यहीं खत्म नहीं होती. कई और बाबा अलग-अलग मामलों में जेल में बंद हैं तो कुछ फरार हैं. आइए जान लेते हैं कि अब कितने बाबा जेल की सलाखों के पीछे हैं?
आसाराम: दुष्कर्म का दोषी, कई मामलों का आरोपित
ऐसे बाबाओं की लिस्ट में आसाराम, राम रहीम के अलावा आसाराम का बेटा नारायण साईं, हरियाणा का एक और बाबा रामपाल, दिल्ली का वीरेंद्र देव दीक्षित के साथ ही दक्षिण भारत के बाबा भी शामिल हैं, जिन्हें या तो अलग-अलग मामलों में सजा हो चुकी है या फिर फरार हैं.
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तांगा चलाने वाले से बाबा बने गुजरात के मूल निवासी आसाराम पर दो बच्चों की बलि देने, सूरत की दो सगी बहनों से दुराचार, नौ गवाहों पर जानलेवा हमला और तीन की हत्या जैसे कई गंभीर आरोप हैं. जोधपुर कोर्ट दुष्कर्म के मामले में आसाराम को आजीवन कैद दे चुका है. जोधपुर जेल में बंद आसाराम को जमानत पर इलाज के लिए महाराष्ट्र ले जाया जाएगा.
राम रहीम: डेरा सच्चा सौदा का संस्थापक, दुष्कर्म और हत्या के मामले दर्ज
हरियाणा के सिरसा, रोहतक और पंचकुला में डेरा सच्चा सौदा का व्यापक प्रभाव है. इसके संस्थापक गुरमीत राम रहीम को दुराचार और हत्या के मामले में जेल भेजा गया था. अपने आश्रम में महिलाओं से दुष्कर्म करने वाले राम रहीम को भले ही इस मामले में सजा मिल चुकी है पर उसे लंबे नाटकीय घटनाक्रम के बाद गिरफ्तार किया गया था. तब खुलासा हुआ था कि उसके आश्रम वास्तव में हरम का दूसरा रूप थे.
नारायण साईं: पिता आसाराम के गुनाह का साझीदार बेटा
आसाराम के जैसे ही उसका बेटा नारायण साईं भी सूरत की जेल में दुष्कर्म के दोष में सजा काट रहा है. सूरत कोर्ट ने नारायण साईं को दुष्कर्म का दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा दी है. दरअसल, सूरत के जहांगीरपुरा में 18-19 साल पहले आसाराम आश्रम में सत्संग के लिए आई सूरत की दो बहनों ने बाप-बेटे के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई थी.
एक बहन ने नारायण साई और दूसरे ने आसाराम के खिलाफ साल 2013 में दुष्कर्म की शिकायत लिखाई थी. इस मामले में सूरत के सत्र न्यायालय ने नारायण साई को आजीवन कारावास की सजा दी थी. यही नहीं, नारायण साईं के खिलाफ इंदौर कुटुंब न्यायालय में तलाक का केस भी चल रहा है. नारायण की पत्नी जानकी ने गुजारा-भत्ता के रूप में पांच करोड़ रुपये मांगे हैं.
संत रामपाल: सतलोक आश्रम व्यभिचार-भ्रष्टाचार का अड्डा
हरियाणा में ही एक और बाबा संत रामपाल सतलोक नाम से आश्रम संचालित करता था. उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई शुरू हुई तो आमने-सामने युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई थी. उसके चेले पुलिस का मुकाबला कर रहे थे. आखिरकार पुलिस उसके आश्रम में घुसी तो आश्रम के अस्पताल में गर्भपात कराने के सबूत मिले. पुलिस कार्रवाई के दौरान तलाशी में आश्रम से कई अवैध हथियार और आपत्तिजनक दवाएं मिली थीं. इसके बाद रामपाल के खिलाफ देशद्रोह, शारीरिक शोषण, आश्रम में अवैध हथियार रखने, सरकारी काम में बाधा डालने जैसे कई मामले दर्ज किए थे.
हरियाणा के सिंचाई विभाग में इंजीनियर रहे रामपाल ने आध्यात्म की दुनिया को कमाई का जरिया बना लिया था. उसने करोड़ों की काली कमाई कर डाली थी. रामपाल को भी उम्रकैद की सजा मिली है और वह हरियाणा की हिसार जेल में बंद है.
इच्छाधारी बाबा स्वामी भीमानंद: सिक्योरिटी गार्ड से देह व्यापार के रैकेट तक
दिल्ली के एक होटल में साल 1988 में एक सिक्योरिटी गार्ड होता था, नाम था शिवमूरत द्विवेदी. बाद में अचानक यह गार्ड खुद को इच्छाधारी संत स्वामी भीमानंद के रूप में दुनिया के सामने आया था. वह अपने नागिन डांस के लिए जाना जाता था. बाद में उस पर दिल्ली में देह व्यापार रैकेट चलाने का आरोप लगा तो पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. फिर करोड़ों की अवैध कमाई को लेकर ईडी ने भी उस पर शिकंजा कसा था. उस पर मकोका जैसे संगीन कानून और लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे ठगने का केस भी दर्ज किया गया था. इसके बाद से बाबा कई बार जेल आता-जाता रहा.
बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित: 16,108 युवतियों से दुष्कर्म का टारगेट रखा था
मूल रूप से यूपी में फर्रुखाबाद के रहने वाले बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित ने तो 16108 युवतियों से दुष्कर्म का टारगेट तय कर रखा था. 30 मार्च 1998 को उस पर कोलकाता की एक युवती के घर वालों ने फर्रुखाबाद के कम्पिल थाने में उसे बंधक बनाकर रखने और दुष्कर्म के आरोप में रिपोर्ट लिखाई थी. वीरेंद्र देव के कम्पिल आश्रम में छापा मारकर पुलिस ने 11 सेवादारों को गिरफ्तार को युवती को छुड़ा लिया था.
फिर बाबा के खिलाफ लोग खड़े होने लगे और चार दिन बाद ही मथुरा की एक महिला ने भी वीरेंद्र देव पर दुराचार का केस दर्ज कराया था. दिल्ली के रोहिणी आश्रम में पुलिस वीरेंद्र की गिरफ्तारी को पहुंची तो रामपाल की तरह उसके लोगों ने भी मोर्चा संभाल लिया था. हालांकि, कई सेवादारों के साथ उसे जेल भेज दिया गया था. वह छह महीने जेल में रहा. उसके कोलकाता आश्रम से भी लड़कियां मिली थीं. छह माह बाद जमानत पर रिहा हुआ वीरेंद्र देव फरार हो गया था. तब से पकड़ में नहीं आया है. अब इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई कर रही है और बाबा की तलाश के लिए इंटरपोल की मदद भी लेने की सूचना है.
दक्षिण भारत में भी बाबाओं पर लगे आरोप
दक्षिण भारत में भी कई बाबाओं पर दुष्कर्म के आरोप लगे हैं. तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में आश्रम चलाने वाला स्वामी परामानंद जेल में बंद है. उस पर 13 महिलाओं से दुष्कर्म का आरोप है. दक्षिण के ही स्वामी नित्यानंद को शायद लोग अब भी नहीं भूले होंगे. साल 2010 में एक तमिल अभिनेत्री के साथ नित्यानंद का आपत्तिजनक टेप खूब वायरल हुआ था. फिर उसके खिलाफ दुष्कर्म और अप्राकृतिक सेक्स का मुकदमा भी दर्ज कराया गया था.
नित्यानंद:शिष्याओं से दुष्कर्म करने वाले बाबा ने अपना देश बना लिया
स्वयंभू भगवान नित्यानंद पर बच्चों के अपहरण और शिष्यों से दुष्कर्म करने के मामले दर्ज हैं. साल 2010 में गिरफ्तारी के बाद उसे जमानत मिली तो साल 2019 में वह देश से भाग गया और कुछ साल बाद सामने आया कि नित्यानंद ने अपना ही एक देश बना लिया है. उसने यूनाइडेट स्टेट्स ऑफ कैलासा नाम से कथित देश की स्थापना की. इस देश के प्रतिनिधियों ने तो पिछले साल यानी 2023 में संयुक्त राष्ट्र की बैठक में हिस्सा भी लिया था. फिलहाल नित्यानंद भारत के कानून की नजर में फरार आरोपित है.
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