• Fri. Oct 11th, 2024

CG में राष्ट्रीय आदिवासी सम्मेलन : राज्यपाल उइके ने कहा – जल, जंगल और जमीन आदिवासियों के जीवन का प्रमुख अंग

ByCreator

Sep 13, 2022    150830 views     Online Now 311

रायपुर. राज्यपाल अनुसुईया उइके आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी अधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी सम्मेलन के समापन अवसर पर शामिल हुईं. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज लंबे समय से विकास की मुख्यधारा से वंचित रहे, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में सकारात्मक बदलाव आए हैं. संविधान में आदिवासी समुदायों को कई अधिकार दिए गए हैं.साथ ही कई सामाजिक संस्थाओं ने भी जनजातियों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया, जिससे आदिवासियों को कई अधिकार मिले हैं, परंतु आज भी आदिवासियों को अपेक्षित अधिकार नहीं मिल पाया है.

राज्यपाल उइके ने कहा, जल, जंगल और जमीन आदिवासियों के जीवन के प्रमुख अंग हैं. सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पेसा कानून में अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों को उनके अधिकार उपलब्ध कराने के लिए ग्राम सभा को पर्याप्त शक्ति दी गई है. इसे लागू करने के लिए शासन-प्रशासन को और भी गंभीर होना होगा.

राज्यपाल उइके ने राष्ट्रीय आदिवासी सम्मेलन में शामिल होकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम आदिवासी समाज के सांस्कृतिक-सामाजिक विकास और जागरूकता के लिए बेहद आवश्यक हैै. उन्होंने आदिवासी समाज की महान विभूतियों को नमन करते हुए कहा कि यह समाज, प्राचीनकाल से प्रकृति के साथ जीवन-यापन कर रहा है. यह समाज निरंतर प्रकृति के साथ रहते हुए अपने परिवेश की देखभाल कर उसके संरक्षण और संवर्धन का काम किया है. उन्होंने कहा कि इस जनजातीय समुदाय के लोग बेहद ही सहज, सरल और निश्छल स्वभाव के होते हैं. वे अपने रीति-रिवाजों और मान्यताओं के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत करते हैं.

See also  डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस ने किया 'रोमांस'? AI वीडियो से एक्स पर हड़कंप... | Donald Trump Kamala Harris AI generated Romance video viral on social media Elon Musk criticize

उन्होंने कहा कि आज एक आदिवासी महिला सर्वोच्च पद पर आसीन होकर देश की राष्ट्रपति बनी हैं. इस बदलाव से जनजातीय समाज को एक सशक्त आवाज और नई पहचान मिली है. इससे देश का पूरा जनजातीय समाज गौरवान्वित महसूस कर रहा है. उन्होंने कहा कि इससे समस्त जनजातिय समुदाय के बच्चियों और महिलाओं को भी प्रेरणा मिलेगी.

राज्यपाल ने कहा, देश के संविधान में जनजातीय समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई प्रावधान किए गए हैं. संविधान की 5वीं और 6वीं अनुसूची में अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन तथा नियंत्रण की बात कही गई है. उन्होंने कहा कि सभी आदिवासियों को अपने अधिकार के प्रति जागरूक होना होगा. आपकी एकजुटता और अधिकारों के प्रति जागरूक होना ही आपकी शक्ति है.

राज्यपाल उइके ने आदिवासी समुदाय से कहा कि ब्रिटिश शासन के अत्याचारों के खिलाफ जनजातीय समुदाय के हजारों महिलाओं, पुरूषों और बच्चों ने बड़ी संख्या में संघर्ष किया. स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले छत्तीसगढ़ के ऐसे वीर गुण्डाधुर, शहीद वीर नारायण सिंह जैसे वीरों के जीवनी और उनके संघर्षों से युवाओं को परिचित कराएं और अपने अधिकारों के प्रति संघर्ष करने की प्रेरणा दें. उन्होंने भारत सरकार द्वारा बिरसा मुण्डा के जन्मदिवस को ‘‘जनजाति गौरव दिवस’’ के रूप में मनाने के निर्णय को भी आदिवासी समुदाय के लिए गौरवशाली बताया.

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के गोंडी समुदाय द्वारा आकर्षक नृत्य-गीत प्रस्तुत किया गया. साथ ही असम के आदिवासी नृत्यांगनाओं द्वारा बिहू नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी गई. राष्ट्रीय जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय ने भी सभा को संबोधित किया. इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम, फूलमान चैधरी, स्टेलिन इंगति, अशोक चैधरी, भगवान सिंह रावटे एवं अनिता सोलंकी सहित आदिवासी समन्वय मंच के कार्यकर्ता तथा सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे.

See also  बदमाशों के हौसले बुलंद: 24 घंटे में दो लूट की वारदात को दिया अंजाम, तलाश में जुटी पुलिस

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL