जर्मनी ने तालिबान के शासन वापस आने के बाद पहली बार 28 अफगान नागरिकों को उनके देश वापस भेजा है. इन सभी व्यक्तियों को दोषी ठहराया गया है. जर्मन सरकार के प्रवक्ता स्टीफन हेबेस्ट्रीट ने बताया कि इन 28 अफगान नागरिकों पर कई अपराधों का आरोप था, लेकिन उन्होंने इनके अपराधों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं बताया.
इस कार्रवाई को जर्मनी की आंतरिक मंत्री नैंसी फेसर ने सुरक्षा का मुद्दा बताया है. उन्होंने कहा, “हमारी सुरक्षा हमारे लिए प्राथमिकता है, हमारा संवैधानिक राज्य ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करता है.” उन्होंने पुलिस और राज्य प्राधिकरणों के सहयोग के लिए धन्यवाद भी किया है.
दोनों देशों के बीच बिगड़ते रिश्ते
जर्मनी के तालिबान के साथ राजनयिक संबंध नहीं हैं, इसलिए सरकार को दूसरे माध्यमों से काम करना पड़ता है. शुक्रवार की कार्रवाई से ऐसा लगता है कि जर्मनी और तालिबान के बीच संबंधों में सुधार की संभावना भी नहीं है. पिछले सप्ताह अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए घर से बाहर अपना चेहरा, शरीर और आवाज छुपाना के लिए कानून लाया गया. इसका जर्मनी ने भी विरोध किया था.
जर्मन मैगजीन डर स्पीगेल की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान अधिकारियों के साथ दो महीने तक चली वार्ता में कतर ने मध्यस्थता की. हेबेस्ट्रीट ने कहा, ‘जर्मनी ने इन प्रत्यर्पणों में मदद के लिए क्षेत्रीय भागीदारों से सहायता मांगी, लेकिन उन्होंने इस बारे में और जानकारी नहीं दिया’.
क्यों लिया फैसला
जानकारी के मुताबिक जर्मनी ने यह फैसला सोलिंगन शहर में एक घातक चाकू हमले की घटना के एक हफ्ते बाद लिया गया है. इस घटना में आरोपी एक सीरियाई नागरिक है जिसने जर्मनी में शरण लेने के लिए आवेदन किया था.
इस्लामिक स्टेट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. चरमपंथी समूह ने कहा कि हमलावर ने ईसाइयों को निशाना बनाया और उसने फिलिस्तीन और मुसलमानों का बदला लेने के लिए हमले किए.
[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X
Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login