
गौतम गंभीर ने लॉर्ड्स टेस्ट के बीच दिया बड़ा बयानImage Credit source: PTI
टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर अपने तीखे तेवरों के लिए मशहूर हैं. उनके ये तेवर आक्रामक बयानबाजी में खूब नजर आते हैं. खास तौर पर जब बात मैदान पर किसी भी टीम का प्रतिनिधित्व करने की हो. बात अगर टीम इंडिया के लिए खेलने की हो तो फिर वो हर चीज को पीछे छोड़ने को तैयार रहते हैं. इंग्लैंड दौरे पर भी वो इसी रवैये के साथ टीम को आगे लेकर जा रहे हैं. इस टेस्ट सीरीज की तीसरे मैच के दौरान गंभीर ने एक बार फिर इसे जाहिर किया और कहा कि ये दौरा कोई छुट्टियों की तरह नहीं है. मगर गंभीर ने ऐसा कहा क्यों?
असल में टीम इंडिया का इंग्लैंड दौरा किसी भी खिलाड़ी से ज्यादा अहम हेड कोच गौतम गंभीर के लिए है. पिछले साल कोचिंग की जिम्मेदारी लेने वाले गंभीर के रहते हुए टेस्ट क्रिकेट में भारत का प्रदर्शन लगातार खराब हुआ है. इंग्लैंड दौरे पर भी खराब शुरुआत हुई लेकिन पिर टीम ने वापसी की और एजबेस्टन टेस्ट में दमदार जीत दर्ज की. भारतीय कोच के लिए ये सीरीज कितनी अहम है, इसका पता सीरीज शुरू होने से पहले ही पता चल गया था.
‘छुट्टियां मनाने थोड़ी आए हैं यहां’
लीड्स में सीरीज की शुरुआत से पहले गंभीर अपनी बीमार मां को देखने अचानक भारत लौटे थे और फिर टेस्ट मैच से पहले ही वापस टीम से जुड़ गए थे. गंभीर ने अपने इस रवैये की वजह उस उद्देश्य को बताया, जिसके लिए वो टीम के साथ इंग्लैंड में हैं. लॉर्ड्स टेस्ट के पहले दिन टीम इंडिया के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को दिए एक इंटरव्यू में गंभीर ने कहा, “परिवार की भूमिका अहम है लेकिन आपको याद रखना चाहिए कि एक खास उद्देश्य से यहां आए हो. आप यहां कोई छुट्टी मनाने नहीं आए हो. बहुत कम लोगों को यहां तक पहुंचने को मिलता है.”
पारी घोषित करने के फैसले को किया डिफेंड
इसके अलावा पूर्व भारतीय ओपनर ने एजबेस्टन टेस्ट में टीम इंडिया के दूसरी पारी को देरी से घोषित करने के अपने फैसले का भी बचाव किया. गंभीर ने कहा कि उनकी और टीम की यही सोच थी कि इंग्लैंड को मैच से पूरी तरह बाहर कर दिया जाए. गंभीर ने साथ ही कहा कि वो आखिरी दिन इंग्लैंड को उसके अपने अंदाज में खेलने के लिए मजबूर करना चाहते थे और ये भी देखना चाहते थे कि क्या वो टीम 100 ओवर डिफेंड कर सकती है या नहीं. जैसा कि आखिरी दिन दिखा, इंग्लैंड सिर्फ 271 रन पर ढेर हो गई और टीम इंडिया ने जीत दर्ज की.
हेड कोच ने इसके अलावा ये भी बताया कि वो किसी सीरीज के दौरान ‘स्विच ऑफ’ नहीं हो पाते यानि अपना दिमाग मैच से हटा नहीं पाते. गंभीर ने कहा, “जैसे ही हम मैच जीतते हैं तो मेरे दिमाग में ये होता है कि अगले मैच में क्या प्लेइंग-11 होगी. मैं कभी स्विच ऑफ नहीं होता और टीम के बारे में सोचता हूं”
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