
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में कहा कि मोदी सरकार के तहत बजट में अलग-अलग टैक्स प्रपोजल्स से मध्यम वर्ग को खासा लाभ मिला है. विपक्ष बजट को लेकर मध्यम वर्ग की नाराजगी का झूठा माहौल बना रहा है. सरकार ने करों में भारी वृद्धि किए बगैर ही कराधान व्यवस्था को सरल बनाया है. साथ ही ऐसे कई उपाय भी किए गए हैं जिनसे मध्यम वर्ग को राहत मिली है.
वित्त मंत्री सीतारमण ने लोकसभा में वित्त विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा, “हेल्थ इंश्योरेंस पर माल एवं सेवा कर (GST) की व्यवस्था लागू होने से पहले से कर लगता था और उन्हें इस बारे में अपनी पार्टी के शासन वाले राज्यों के वित्त मंत्रियों के सामने विरोध दर्ज कराया जाना चाहिए.” चर्चा के दौरान कई विपक्षी सांसदों ने वित्त विधेयक पर बहस करते हुए हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाली 18 प्रतिशत की जीएसटी खत्म करने का अनुरोध किया था.
विपक्ष दोहरा मापदंड अपना रहाः निर्मला
विपक्षी सांसदों के अनुरोध पर जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा, “मेडिकल बीमा के प्रीमियम पर जीएसटी आने से पहले कर है. यह कोई नया मामला नहीं आया है. पहले भी हर राज्य में मेडिकल बीमा पर कर लगा करता था.” वित्त मंत्री ने विपक्षी सदस्यों से सवाल किया, “क्या आपने अपने राज्य में जाकर कभी कहा कि कर हटाओ? जीएसटी परिषद में शामिल अपने राज्यों के वित्त मंत्रियों को पत्र लिखा? विपक्ष इस मामले पर दोहरा मापदंड अपना रहा है.”
वित्त मंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “राजनीतिक रोटी सेंकने वालों को इस बारे में सोचना चाहिए. स्वास्थ्य बीमा पर 18 प्रतिशत जीएसटी है जिसमें 9 फीसदी राज्यों के पास जाता है. जो केंद्र के पास आता है उसमें से भी एक हिस्सा राज्यों के पास जाता है. कुल मिलाकर कहना यह है कि 100 रुपये में 74 रुपये राज्यों के खाते में चला जाता है.”
पर्सनल इनकम टैक्स के स्लैब को उदार बनायाः निर्मला
उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार के बजट में अलग-अलग टैक्स प्रपोजल्स की वजह से मध्यम वर्ग को लाभ हुआ है. विवाद से विश्वास स्कीम के तहत लंबित मुकदमे और मांगों का समाधान किया गया. इससे मध्यम वर्ग और छोटे बिजनेस को मदद मिली. उन्होंने आगे कहा, “पिछले साल 2023 में पर्सनल इनकम टैक्स के स्लैब को काफी उदार बनाया गया है. सभी करदाताओं की कर देयता (Tax Liability) 37,500 रुपये कम हो गई है. इस सरकार ने नई व्यवस्था में टैक्स स्लैब को फिर से संशोधित किया है.”
वित्त मंत्री ने आगे कहा, “इस बजट में वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती भी नई व्यवस्था में 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दी गई है. यह वेतनभोगी कर्मचारी के लिए 17,500 रुपये तक की प्रभावी राहत है.” इस साल इनकम टैक्स भरने वालों की संख्या में वृद्धि का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि “इस बार 58.57 लाख टैक्सपेयर्स ने पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न भरा है. ये टैक्स फाइलिंग के बढ़ते आधार का प्रमाण है. टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए प्रेरित करने के कई उपायों की वजह से यह बदलाव आया है.”
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