बीता हफ्ता पूरे एशियन करेंसी मार्केट में रुपए के नाम है. रुपए के सामने डॉलर का कहीं भी नहीं टिक सका. आंकड़ों को देखें तो रुपए में डॉलर के मुकाबले में करीब एक फीसदी की तेजी देखने को मिली. खास बात तो ये है कि एशिया की दूसरी करेंसीज की बात करें ना तो चीन का युआन और ना ही जापान का येन डॉलर के सामने टिक सका. जानकारों का कहना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रुपए को संभालने और डॉलर के सामने मजबूत करने के लिए काफी मेहनत की है. जिसका फायदा अब उसे मिलता हुआ दिखाई दे रहा है.
जानकारों यहां तक कहना है कि अगले हफ्ते भी डॉलर की हनक एशियाई बाजारों से गायब होती दिखाई देगी. पूरे एशिया में एक बार फिर से रुपए की धमक सुनाई देगी. रुपए की मजबूती का डंका दिल्ली से लेकर शंघाई और टोक्यो तक सुनाई देगा. जिसकी गूंज वॉशिंगटन तक लोगों को परेशान करेगी. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर अगले हफ्ते यानी सोमवार से रुपए की चाल किस तरह की देखने को मिल सकती है.
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जारी रहेगी तेजी
डॉलर के मुकाबले में रुपए में तेजी सोमवार को देखने को मिल सकती है. जानकारों की मानें तो डॉलर लगातार गिरावट की ओर है और रुपए की मजबूती के लिए किए गए उपायों का असर लगातार देखने को मिल रहा है. अगले हफ्ते सोमवार रुपए में और भी तेजी देखने को मिल सकती है. जानकारों की मानें तो कच्चे तेल की कीमतों में कमी का असर भी देखने को मिल रहा है. आने वाले दिनों में क्रूड ऑयल की कीमतों और भी गिरावट देखने को मिल सकती है. साथ ही डॉलर में गिरावट का असर भी रुपए में तेजी के रूप में देखा जा सकता है. ऐसे में एशिया में रुपए की धमक और उसकी गूंज एशिया के साथ-साथ अमेरिका तक को भी सुनाई दे सकती है.
एक फीसदी की आई तेजी
पिछले हफ्ते रुपए में डॉलर के सामने जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. आंकड़ों के अनुसार रुपए में डॉलर के सामने एक फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को नहीं मिला. जानकारों के अनुसार कई महीनों के बाद ऐसा देखने को मिला है, जब डॉलर के मुकाबले में किसी एक हफ्ते में एक फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है. एक्सपर्ट के अनुसार अगले हफ्ते में भी डॉलर के मुकाबले में रुपए में एक से डेढ़ फीसदी की मजबूती देखने को मिल सकती है. एक्सपर्ट के अनुसार कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट और डॉलर इंडेक्स में आ रही कमजोरी का असर साफ देखने को मिल सकता है. ऐसे में रुपया एशिया की बाकी करेंसी के मुकाबले डॉलर के सामने और मजबूत दिखाई दे सकता है.
शुक्रवार को देखने को मिली थी तेजी
शुक्रवार को इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपए में तेजी जारी रही और यह शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले 22 पैसे उछलकर 86.71 पर बंद हुआ. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिकी सरकार द्वारा एक अप्रैल को जवाबी शुल्क लागू करने की घोषणा के बाद डॉलर में आक्रामक तेजी रुक गई, जिससे व्यापारिक साझेदारों को कुछ राहत मिली है. उन्होंने कहा कि हालांकि, कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और विदेशी संस्थागत निवेशकों की सतत शेयरों की बिकवाली से रुपये की धारणा प्रभावित हुई.
इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया 86.86 प्रति डॉलर पर खुला था और कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 86.71 के उच्च स्तर पर पहुंच गया. इसने 86.90 प्रति डॉलर के निम्न स्तर को भी छुआ और सत्र के अंत में डॉलर के मुकाबले 86.71 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो अपने पिछले बंद से 21 पैसे की तेजी है. रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले दो पैसे की मामूली बढ़त के साथ 86.93 पर लगभग स्थिर रहा था.
डॉलर इंडेक्स में कितनी आई गिरावट
अगर बात डॉलर इंडेक्स की करें तो बीते एक हफ्ते में एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है. आंकड़ों के अनुसार 5 कारोबारी दिनों में डॉलर इंडेक्स 1.15 फीसदी की गिरावट के साथ 106.79 के लेवल पर आ गया है. शुक्रवार को डॉलर इंडेक्स में 0.52 यानी 0.48 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. बीते एक महीने में डॉलर इंडेक्स में और भी तेज 2.34 फीसदी गिरावट देखने को मिली है. मौजूदा साल की बात करें तो डॉलर इंडेक्स 1.56 फीसदी तक डूब चुका है. वैसे बीते एक साल की बात करें तो डॉलर इंडेक्स 2.39 फीसदी मजबूत हुआ है. जानकारों की मानें तो डॉलर इंडेक्स अभी और नीचे आ सकता है.
डॉलर इंडेक्स में क्यों आ रही है गिरावट
डॉलर इंडेक्स में गिरावट का प्रमुख कारण ब्याज दरों में कटौती ना होने की संभावना है. रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में फेड रिजर्व के चेयरमैन जरोम पॉवेल महंगाई के आंकड़ों में कमी आने के बाद भी ब्याज दरों में कोई कटौती ना करने का संकेत दिया है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि फेड पॉलिसी रेट में कटौती करने की कोई जल्दबाजी करने के लिए मूड में नहीं है. जिसकी वजह से डॉलर इंडेक्स में गिरावट देखने को मिल रही है. यही वजह है कि डॉलर इंडेक्स में आने वाले दिनों में भी गिरावट का सिलसिला जारी रह सकता है.
क्या कह रहे हैं जानकार?
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटी करेंसी के जानकार अनुज गुप्ता के अनुसार आने वाले हफ्ते में रुपए में मजबूती देखने को मिल सकती है. उन्होंने कहा कि डॉलर इंडेक्स में लगातार गिरावट का माहौल है. कच्चे तेल की कीमतों में कमी देखने को मिल रही है. रुपए को सपोर्ट करने वाले सारे फैक्टर्स बने हुए हैं जो अगले हफ्ते भी काम करेंगे. उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल मार्केट में अभी भी अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. आरबीआई के प्रयासों से रुपए में मजबूती देखने को मिल रही है.
वहीं दूसरी ओर मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एलालिस्ट अनुज चौधरी ने कहा कि कमजोर अमेरिकी डॉलर इंडेक्स की वजह से रुपए में तेजी आई. उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर में गिरावट आई क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जवाबी शुल्क के क्रियान्वयन को एक अप्रैल तक टाल दिया, जिससे बाजार की घबराहट शांत हुई है.
चौधरी ने कहा कि एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) की लगातार बिकवाली से रुपए पर और दबाव पड़ सकता है.हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आगे कोई भी हस्तक्षेप, रुपए को निचले स्तरों पर सहारा दे सकता है. कारोबारी, अमेरिका के खुदरा बिक्री और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों से संकेत ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि डॉलर-रुपया हाजिर मूल्य 86.60 से 87.10 के दायरे में रहने की संभावना है.
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