
दांदरपुर गांव के बाहर प्रदर्शन करते यादव समाज के लोग.
यूपी के इस गांव में जाना है तो जाति तो बतानी पड़ेगी. अगर जाति नहीं बताओगे तो उल्टे पांव वापस भेज दिए जाओगे. हां जाति भी कौन… ‘यादव’… बकायदा सम्मान के साथ एंट्री दी जाएगी... दरअसल, ये हाल इटावा के दांदरपुर गांव का है. इस गांव के मुख्य मार्ग पर यादव समाज और ‘अहीर रेजीमेंट’ के युवा खड़े हैं. बाकायदा लोगों से जाति पूछकर उन्हें गांव में एंट्री दे रहे हैं. पुलिस भी इनको समझाने-बुझाने में नाकाम दिख रही है. गुरुवार को तो बड़ा बवाल गांव में हो गया. पुलिस पर ही पथराव और फायरिंग हो गई. खुद उसे ही भागकर जान बचाना पड़ा.
दरअसल, इटावा जिले का ये दांदरपुर गांव बकेवर थाना क्षेत्र में आता है. इस समय दांदरपुर सुर्खियों में है. सुर्खियों में इस वजह से, क्योंकि यहां ब्राह्मण महासभा और यादव समाज के लोग आमने-सामने आ गए हैं. सुर्खियों में होने की वजह दो कथावाचकों के साथ मारपीट और बदसलूकी है, जिसका आरोप ब्राह्मण समाज के कुछ लोगों पर लगा है. आइए जानते हैं इस कांड की पूरी कहानी…
सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ था वायरल
अबी कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ. वीडियो में कुछ लोग दो कथावाचकों से बदसलूकी करते दिखाई दे रहे हैं. जब इस वीडियो की पुलिस ने जांच-पड़ताल की तो इन दोनों कथावाचकों की पहचान मुकुट मणि और संत कुमार के रूप में हुई. ये दोनों दांदरपुर गांव में कथा सुनाने गए थे. कथा सुनाकर रात में लौटते समय गांव के ही कुछ लोगों ने इन्हें रोक लिया. इनका नाम पूछने लगे और कहा कि तुम तो ब्राह्मण हो ही नहीं. फिर कैसे कथा सुना रहे हो.
बस फिर क्या था, गांव वालों ने पहले तो इनकी चोटी काटी, फिर सिर के बाल तक मुंडवा दिया. यही नहीं एक महिला के पैर तक चटवाए. फिर मारपीट कर गांव से बाहर निकाल दिया. वीडियो वायरल होने के बाद दोनों कथावाचकों के बारे में पता चला कि ये ब्राह्मण नहीं, बल्कि यादव हैं. एक का नाम मुकुट मणि यादव है और दूसरे का नाम संत कुमार सिंह यादव है. इनमें से एक ने अपने आप को मुकुट मणि अग्निहोत्री बताया था, जबकि दूसरे ने संत कुमार बताया था.
इन 4 आरोपियों को पुलिस ने जेल भेजा
जब इनकी पहचान यादव के रूप में हुई तो यादव समाज के लोगों में आक्रोश फैल गया. वह सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. यादव समाज के बड़े-बड़े नेता दांदरपुर गांव पहुंचने लगे और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे. बवाल जब बढ़ा तो पुलिस भी एक्टिव हुई. पुलिस ने आनन-फानन में प्राथमिक जांच के आधार पर पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इनकी पहचान आशीष तिवारी (21) उत्तम अवस्थी (19) प्रथम दुबे (24) निक्की अवस्थी (24) के रूप में हुई.
निक्की अवस्थी ने काटे थे कथावाचक के बाल
पुलिस ने बताया कि दोनों कथावाचकों ने बकेवर थाने में तहरीर दी थी, उसी आधार पर कार्रवाई की गई. निक्की अवस्थी नाम के युवक ने ही बाल काटे थे. चारों आरोपियों को 24 जून को जेल भेज दिया गया. वहीं जब ब्राह्मण महासभा ने देखा कि मामले में एकतरफा कार्रवाई हो रही है तो वह भी प्रदर्शन करने लगे. उन्होंने कहा कि दोनों कथावाचकों ने अपनी जाति छिपाई है. धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया है. इस पर भी FIR होनी चाहिए.
दोनों कथावाचकों पर भी FIR
ब्राह्मण महासभा ने कहा कि दोनों ने एक महिला के साथ बदसलूकी की. कथावाचकों पर पहचान छिपाने, धार्मिक भावना आहत करने, धोखाधड़ी आदि का भी आरोप लगा था. इसको लेकर ब्राह्मण महासभा ने SSP ऑफिस पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी. इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके साथी संत कुमार सिंह यादव के खिलाफ FIR दर्ज कर ली.
पुलिस पर पथराव और फायरिंग
बस इसी FIR को लेकर यादव समाज और ‘अहीर रेजीमेंट’ के लोग गुरुवार यानि आज सड़कों पर उतर आए. दांदरपुर गांव के बाहर जमा हो गए. बस उन्हीं लोगों को गांव में एंट्री दे रहे थे, जो यादव थे. जब इस बात की जानकारी पुलिस को हुई तो पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को खदेड़ा. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग की. साथ ही पुलिस की गाड़ियां तोड़ दीं.
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