• Fri. Mar 21st, 2025

राजनीतिक दलों की समस्याओं को दूर करने निर्वाचन आयोग ले रहा बैठक, 31 मार्च तक का है समय

ByCreator

Mar 20, 2025    150820 views     Online Now 390

रायपुर। भारत निर्वाचन आयोग ने देश भर में मतदाता पहचान पत्र के नंबरों में दोहराव को समाप्त करने और दशकों पुरानी समस्या को 3 महीने के भीतर खत्म करना तय किया है. इस कड़ी में जमीनी स्तर पर ही राजनीतिक दलों द्वारा उठाए गए किसी भी लंबित और उभरते मुद्दों को हल करने सभी 36 सीईओ, 788 डीईओ, 4123 ईआरओ द्वारा नियमित सर्वदलीय बैठकें और बातचीत आयोजित की जाएं. पूरे भारत में यह प्रक्रिया 31 मार्च तक पूरी हो जाएगी.

आयोग द्वारा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और उनके नियुक्त बीएलए को निर्वाचन कानूनों के अनुसार दावों और आपत्तियों सहित उचित प्रक्रियाओं पर प्रशिक्षण देने के प्रस्ताव का राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है. भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से चुनाव संचालन से संबंधित किसी भी और सभी मामलों पर सुझाव आमंत्रित किए हैं, और वे इन्हें 30 अप्रैल, 2025 तक भेज सकते हैं. दलों को दिल्ली में आयोग से आपसी सुविधाजनक समय पर मिलने का निमंत्रण भी दिया गया है. ये साहसिक और दूरगामी पहल चुनावों के पूरे दायरे को कवर करती हैं और सभी प्रमुख हितधारकों को भागीदारी पूर्ण तरीके से शामिल करती हैं.

इसके पहले राजनीतिक दलों के साथ आयोग की बातचीत में स्पष्ट किया गया कि ड्राफ्ट मतदाता सूची में कोई भी नाम शामिल करना या हटाना अपीलों की प्रक्रिया द्वारा शासित होता है, जो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत सभी राजनीतिक दलों के लिए दावों और आपत्तियों को दर्ज करने के लिए उपलब्ध है. ऐसी अपीलों के अभाव में, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा तैयार की गई सूची मान्य होती है.

See also  आत्मानंद विद्यालय में शिक्षकों की भर्ती : साक्षात्कार देने आए अभ्यर्थी हुए परेशान, अन्य जिलों की तरह नियमों में शिथिलता लाने कलेक्टर से लगाई गुहार

सभी पात्र नागरिकों का शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करना, मतदान की सुगमता और सुखद मतदान अनुभव कराना भारत निर्वाचन आयोग का प्रमुख उद्देश्य है. यह सुनिश्चित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा कदम उठाए जाएंगे कि कोई भी मतदान केंद्र 1,200 से अधिक मतदाताओं वाला न हो और यह मतदाताओं से 2 किमी के दायरे में हो. सबसे दूरस्थ ग्रामीण मतदान केंद्रों में भी मूलभूत सुविधाएं (एएमएफ) सुनिश्चित की जाएंगी. शहरी उदासीनता से निपटने और अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए, ऊंची इमारतों और कॉलोनियों के समूहों में भी उनके परिसर के भीतर मतदान केंद्र होंगे.

लगभग 1 करोड़ निर्वाचन कर्मियों की व्यापक और निरंतर क्षमता निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, 4 और 5 मार्च को नई दिल्ली में आईआईआईडीईएम में सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों की दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें पहली बार प्रत्येक राज्य / केंद्रशासित प्रदेश के जिला निर्वाचन अधिकारी और निर्वाचक रजिस्ट्रकरण अधिकारियों ने भाग लिया. सम्मेलन ने संविधान, निर्वाचन कानूनों और भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के ढांचे के अनुसार 28 हितधारकों और उनकी जिम्मेदारियों के स्पष्ट मानचित्रण के साथ पूरी निर्वाचन मशीनरी को ऊर्जा प्रदान करने पर जोर दिया.

निर्देशों के लिए निर्वाचन हैंडबुक और मैनुअल को नवीनतम परिवर्तनों के साथ समन्वित किया जाएगा. कई भारतीय भाषाओं में डिजिटल प्रशिक्षण किट तैयार की जाएगी ताकि फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के लिए आसान आत्मसात और प्रभावी प्रशिक्षण हो सके. एनिमेटेड वीडियो और एकीकृत डैशबोर्ड प्रशिक्षण को डिजिटल बढ़ावा देंगे. बीएलओ को प्रशिक्षित करने के लिए एक प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया जा रहा है.

See also  जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव: तैयारियों की समीक्षा के लिए चुनाव आयोग की टीम पहुंची श्रीनगर | jammu Kashmir assembly elections election commission team in srinagar to review preparations

[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X

Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL