शिवम मिश्रा, रायपुर। छत्तीसगढ़ में सूखे नशे का कारोबार कहा से फुल फल रहा है ? ड्रग्स सप्लाई के पीछे आखिर कौन लोग है? राजधानी रायपुर के अंदर ड्रग्स के साथ क्लब्स, होटल और फार्म हाउस में पार्टियां कैसे होती है ? इन पार्टियों में शामिल होने वाले युवा कौन है? क्या इसके पीछे ? कहीं से कोई संरक्षण है ? आखिर ड्रग्स का नेटवर्क छत्तीसगढ़ में किस स्तर तक फ़ैल चुका है ! इन तमाम सवालों के जवाब पुलिस भी ढूंढ रही है. लेकिन ड्रग्स की सप्लाई करते पकड़े गए तीन तस्करो से प्रारंभिक पूछताछ में जो जानकारी सामने आई है वह थोड़ी हैरान करने वाली भी है और व्यवस्थाओं पर सवाल उठाने वाली भी है.


दरअसल, रायपुर पुलिस शनिवार रात वीआईपी रोड के राम मंदिर रोड पर छापेमार कार्रवाई कर तीन पैडलरों को ड्रग्स की सप्लाई करते हुएरंगे हाथों पकड़ा था. आरोपियों से पूछताछ में पुलिस को ये जानकारी मिली है कि ड्रग्स की सप्लाई के पीछे एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है. पुलिस पैडलर्स के मोबाइल फोन से करीबन से 170 से अधिक लोगों के सम्पर्क की जानकारी मिली है. उनके नाम की सूची मिली है. बताया जा रहा है इसमें कुछ बड़े कारोबारी, अधिकारी और रसूखदार परिवार से ताल्लुक रखने वाले युवक-युवतियां शामिल हैं. पुलिस अब उन तक पहुंचने की कोशिश कर रही है जो ऐसी बड़े नशे की पार्टियों में शामिल होते रहते हैं. इतना ही नहीं पैडलर का संपर्क रायपुर समेत मुंबई, गोवा और दिल्ली जैसे बड़े शहरों से भी हैं, जहां से ड्रग्स की सप्लाई यहां तक की जाती है.

डिलीवरी पॉइंट और वीकेंड की पार्टियां
पुलिस की प्रारंभिक जांच पड़ताल में यह भी पाया है की रायपुर का वीआईपी रोड का इलाका ड्रग्स की डिलीवरी पॉइंट के रूप में सामने आ रहा है इसके पीछे की जो वजह सामने आई है, इसमें कई बड़े क्लब्स, होटल, कैफे और फार्म हाउस हैं. इतना ही नहीं जानकारी के मुताबिक ड्रग्स की ज्यादातर पार्टियां वीकेंड में आयोजित हो रही है, जिसमें रायपुर ही नहीं बल्कि दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर, रायगढ़ और अंबिकापुर जैसे शहर से भी लोग पहुंच रहे हैं.
ड्रग्स के साथ और क्या-क्या ?
पुलिस की शुरुआती जानकारी में पाया है की सिर्फ ड्रग्स की ही पार्टिया नहीं हो रही है. बल्कि सूखे नशे से जुड़े अन्य सामनों को परोसा जा रहा है. जिसमे चरस, गांजा, मेडिकल ड्रग्स समेत अन्य चीजे शामिल हैं. साढ़ ही यह भी जानकारी सामने आई है की ऐसी पार्टीज में स्टूडेंट भी बड़ी संख्या में शामिल होते है. जिसमे कॉलेज के लिए अन्य शहरों से पढ़ने आए युवक युवतियां होती है.
टेलीग्राम और व्हाट्सएप में चल रहा नेटवर्क
पुलिस जाँच में खुला हुआ की ड्रिग्स तस्करी का बड़ा खेल टेलीग्राम और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए संचालित किया जा रहा था. आरोपी ग्राहको को ब्रॉडकास्ट ऑफ़ टेलीग्राम ग्रुप में सप्लाई और डिमांड की सूचना लेते थे. इससे पहले भी प्रोफेसर गैंग के लोगों का खुलासा भी टेलीग्राम ग्रुप से हुआ था. आरोपी नशे की डिमांड पूछकर ड्रग्स का ऑर्डर करते हैं. इतना ही नहीं कोड वर्ड से ऑर्डर लेकर नियमित स्थान पर डिलीवरी भी की जाती है. ऐसे नशे की पार्टियों का आयोजन करने वाले लोग पहले ही ड्रग्स का ऑर्डर दे देते हैं. नशेड़ियों के बीच कोकीन की ज़्यादा डिमांड देखी जाती है. फिलहाल, चैट रिपोर्ट और ब्रॉडकास्ट की जानकारी निकाल ली गई है.
जड़ तक रायपुर पुलिस – एसएसपी
एसएसपी डॉ. लाल उमेंद सिंह ने बताया की ड्रग्स का नेटवर्क खत्म किए जा रहे हैं. पुलिस तस्करों के विरुद्ध अभियान चलाकर बड़ी कार्रवाई कर रही है. सभी लोग पुलिस की निगरानी में हैं. पूरे मामले पर जांच जारी है.
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