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ध्यान से सुन रही थी पूरी दुनिया, ट्रंप ने संसद के पहले ही भाषण में बोल दिए 7 बड़े झूठ

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Mar 5, 2025    150823 views     Online Now 309
ध्यान से सुन रही थी पूरी दुनिया, ट्रंप ने संसद के पहले ही भाषण में बोल दिए 7 बड़े झूठ

डोनाल्ड ट्रंप ने संसद में दिया पहला भाषण.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संसद (कांग्रेस) के संयुक्त सत्र को संबोधित किया, यह उनके राष्ट्रपति बनने के बाद संसद में दिया गया पहला भाषण था. ट्रंप ने रिकॉर्ड 1 घंटा 44 मिनट तक बोलते हुए कई बड़े दावे किए, लेकिन इनमें से कई तथ्यों से मेल नहीं खाते थे. खास बात यह थी कि यह भाषण ऐसे समय आया जब उनके व्यापारिक फैसलों से बाजार में गिरावट देखी गई थी, और उन्होंने खुद इसे ‘बड़ा दिन’ बताया था.

पूरी दुनिया उनके हर शब्द पर नजर गड़ाए थी, लेकिन सच कम और दावे ज्यादा थे. यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया हो, लेकिन इस बार उनके झूठों की लिस्ट और लंबी निकली. आइए जानते हैं, उन्होंने क्या कहा और सच्चाई क्या है—

1. सरकारी खर्च में बचत को लेकर झूठा दावा

ट्रंप का दावा: उन्होंने कहा कि ‘डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी’ (DOGE), जो एलन मस्क की अगुवाई में काम कर रहा है, ने “सैकड़ों अरबों डॉलर” की बचत की है.

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सच्चाई: DOGE की वेबसाइट पर यह दावा किया गया था कि उसने 105 अरब डॉलर की बचत की, लेकिन इसके कोई ठोस प्रमाण नहीं दिए गए. लिस्टेड डेटा में कई गलतियां थीं, और कई पुराने कॉन्ट्रैक्ट्स को भी शामिल किया गया था, जो ट्रंप से पहले की सरकारों ने रद्द किए थे.

2. ट्रंप के टैरिफ्स से होगा ‘खजाना’

ट्रंप का दावा: उन्होंने कहा कि अमेरिका “ट्रिलियंस और ट्रिलियंस” (हजारों अरबों) डॉलर कमाएगा क्योंकि वे कई देशों पर आयात शुल्क (टैरिफ) लगा रहे हैं.

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सच्चाई: टैरिफ का भुगतान विदेशी कंपनियां नहीं, बल्कि अमेरिकी कंपनियां और उपभोक्ता करते हैं. पहले भी ऐसे उदाहरण देखे गए हैं जब इन टैरिफ्स की वजह से अमेरिका में सामान महंगे हुए हैं.

3. अवैध बॉर्डर क्रॉसिंग पर झूठ

ट्रंप का दावा: उन्होंने कहा कि जब से वो दोबार अमेरिकी राष्ट्रपति बने हैं, तब से अब तक की “सबसे कम अवैध बॉर्डर क्रॉसिंग” हुई हैं. बल्कि सीएनन की एक खबर के मुताबिक ये झूठ है.

सच्चाई: अगर वो यह कहते कि फरवरी में बॉर्डर पर गिरफ्तारियों की संख्या कुछ दशकों में सबसे कम रही तो यह आंशिक रूप से सही होता. उनके सोशल मीडिया पोस्ट के मुताबिक, यह संख्या 8,326 थी. मगर ये अब तक की सबसे कम संख्या नहीं है. 1960 के दशक में इससे भी कम अवैध घुसपैठ दर्ज हुई थी.

4. ‘मानसिक रोगियों’ को अमेरिका भेजने का दावा

ट्रंप का दावा: उन्होंने कहा कि दूसरे देश अपने “मानसिक रोगियों और पागलखानों” के मरीजों को अमेरिका भेज रहे हैं.

सच्चाई: इस दावे के लिए कोई सबूत नहीं है. ट्रंप के अपने चुनाव प्रचार अभियान ने भी इस दावे को साबित करने के लिए कोई डेटा नहीं दिया. ट्रंप अपने दावे के समर्थन में ये कहते आए हैं कि वैश्विक जेल की आबादी कम हो गई है. लेकिन यह भी गलत है. जेल में बंद कैदियों की संख्या भी वैश्विक स्तर पर घटी नहीं, बल्कि बढ़ी है.

5. न्याय विभाग के ‘हथियार’ बनने का आरोप

ट्रंप का दावा: उन्होंने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जस्टिस डिपार्टमेंट का गलत इस्तेमाल कर जानबूझकर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही कराई.

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सच्चाई: ट्रंप के खिलाफ मामले स्पेशल काउंसल जैक स्मिथ ने दाखिल किए थे, जिन्हें अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने नियुक्त किया था. लेकिन यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि खुद बाइडेन ने ट्रंप पर मुकदमा चलाने के लिए दबाव डाला था.

6. महंगाई को लेकर भ्रामक बयान

ट्रंप का दावा: उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन के दौरान अमेरिका में “48 सालों में सबसे ज्यादा महंगाई” रही.

सच्चाई: 2022 में महंगाई दर 9.1% थी, जो 40 साल में सबसे ज्यादा थी, लेकिन 48 साल में नहीं. 1920 में महंगाई दर 23.7% थी, जो अब तक की सबसे ऊंची रही है. बाइडेन के अंतिम महीने (दिसंबर 2024) में यह दर 2.9% थी.

7. 2 करोड़ 10 लाख अवैध अप्रवासियों का दावा

ट्रंप का दावा: उन्होंने कहा कि बाइडेन कार्यकाल में 2 करोड़ 10 लाख से ज्यादा अवैध अप्रवासी अमेरिका आए.

सच्चाई: आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, बाइडेन प्रशासन के दौरान 1 करोड़ 10 लाख से भी कम ‘माइग्रेंट एनकाउंटर्स’ दर्ज हुए, जिनमें से कई को तुरंत वापस भेज दिया गया. यहां तक कि तथाकथित ‘गॉटअवे’ अप्रवासियों को भी जोड़ दें, तब भी यह संख्या 2 करोड़ 10 लाख तक नहीं पहुंचती.

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