
आरोपी डॉ. देवेंद्र शर्मा
राजस्थान के दौसा जिले के गुढा कटला गांव से पिछले दिनों गिरफ्तार हुए डॉ देवेंद्र शर्मा उर्फ डॉक्टर डेथ उर्फ दयादास महाराज को दिल्ली क्राईम ब्रांच की टीम गिरफ्तार कर लगातार पूछताछ कर रही है. आरोपी से पूछताछ में अब अलग-अलग चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं. अब तक जांच में सामने आया कि आरोपी डॉ देवेंद्र शर्मा मंदिर में ही लोगों का इलाज करता था और ग्रामीणों ने बताया कि उसके इलाज के दौरान दो लोगों की मौत भी हो गई थी.
ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी डॉ देवेंद्र शर्मा के जयपुर के दवा व्यापारी से भी लिंक थे. डॉ देवेंद्र शर्मा जयपुर के एसएमएस अस्पताल के सामने स्थित दवा व्यापारी भारत मेडिकल स्टोर से लगातार बड़ी मात्रा में दवा मंगवाता था. वह इन दवाओं को वृद्धाश्रम में ही स्टोर करता था. जिसके लिए डॉ देवेंद्र और दवा व्यापारी ने एक फ्रीज और डीप फ्रीजर भी वृद्धाश्रम में रखा हुआ था.
डॉ देवेंद्र की गिरफ्तारी के तुरंत बाद दवा व्यापारी ने दवा का स्टॉक वृद्धाश्रम से हटा लिया. हालांकि डीप फ्रीजर अभी भी आश्रम् में मौजूद है. ग्रामीणों ने बताया की वृद्धाश्रम के एक कमरे में दवाये भरकर रखी गईं थी. वही वृद्धाश्रम के सामने स्थित मकान में रहने वाले लोगों ने बताया की वृद्धाश्रम में लाखो की दवाई का क्या काम? ये इशारा करता है कि डॉ देवेंद्र और दवा व्यापारी दोनों मिलकर कुछ ग़लत कर रहे थे.
मेडिकल संचालक ने किया इनकार
वहीं जयपुर के एसएमएस अस्पताल के सामने स्थित भारत मेडिकल स्टोर के संचालक ओम प्रकाश से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनकी दुकान का लाइसेंस मनीष शर्मा के नाम से है. डॉक्टर देवेंद्र शर्मा से उनकी जानकारी करीब 8 महीने पहले हुई थी. ओमप्रकाश ने बताया कि उस वक्त वह साधु के वेश में था और हमारी दुकान से कुछ सामान लेने आया था. उसके बाद लगातार डॉक्टर देवेंद्र शर्मा उर्फ डॉक्टर डेथ से हमारा सम्पर्क रहा. दवा के लेनदेन के बारे में ओमप्रकाश ने इनकार कर दिया और बताया कि हमने कोई दवा की सप्लाई डॉ देवेंद्र को नहीं की. वृद्धाश्रम में रखे फ्रिज और अन्य सामान पर भारत मेडिकल स्टोर लिखा होने के सवाल पर ओमप्रकाश ने बताया कि हमने डॉक्टर देवेंद्र उर्फ दयादास महाराज को वृद्धाश्रम के लिए चंदा दिया था.
रोडवेज की बस से आती थी दवाइयां
ग्रामीणों का आरोप है कि इतनी बड़ी मात्रा में दवा का स्टॉक वृद्धाश्रम में रखा जा रहा था ये इशारा करता है कि या तो दवा की कालाबाजारी हो रही थी या फिर नकली दवा को ग्रामीण इलाके में खपाया जा रहा था. ग्रामीणों ने बताया कि दवा व्यापारी ओमप्रकाश और डॉक्टर देवेंद्र के बीच मिलीभगत इस बात से भी पता चलती है कि भारत मेडिकल स्टोर से जो दवा डॉ देवेंद्र शर्मा को भेजी जाती थी वो राजस्थान रोडवेज की बस के द्वारा भेजी जाती थी. दवा डिलीवर करने वाले कर्मचारी दवा डिलीवर कर रात को मंदिर में डॉ देवेंद्र शर्मा की खातिरदारी में रुकते थे. इससे साफ़ होता है दवा व्यापारी और डॉ देवेंद्र के लिंक थे और दोनों मिलकर कोई बड़ा खेल कर रहे थे.
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