Serial killer ‘Ravindra Kumar’
छोटी सी उम्र में जब कई लोग जिंदगी में ऊंचे ख्वाब देखते हैं तो उन्हें पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं. वहीं कुछ बच्चे जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही डगमगा जाते हैं और अपराध की अंधी और छोटी सी दुनिया को ही असल जिंदगी समझ बैठते हैं. ऐसा ही एक सीरियल किलर था रविंद्र कुमार जिसकी उम्र महज 19 साल थी जब उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा था. कम समय में ही उसने अपराध की दुनिया में ऐसा तहलका मचाया कि हर कोई उसके अपराध को देखते हुए उससे नफरत करने लगा था.
उसके अपराधों की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट से उसे फांसी देने की मांग की गई लेकिन कोर्ट उसे सुनाई उम्र कैद की सज़ा. रविंद्र कुमार एक सीरियल किलर और सीरियल रेपिस्ट था जो किसी महिला या पुरुष की हत्या नहीं करता था, बल्कि उसके निशाने पर होते थे मासूम बच्चे, उनमें भी मासूम और नाबालिग बच्चियां. पुलिस रिकार्ड के अनुसार रविंद्र कुमार ने 7 साल के दौरान 30 से ज्यादा बच्चों की हत्या कर दी थी.
ऐसे करता था मासूम बच्चों का शिकार
रविंद्र कुमार ने पुलिस की पूछताछ के दौरान बच्चों की हत्या करने के बारे में कहा था कि वो रात को 8 बजे के बाद अपने शिकार को ढूंढने के लिए निकलता था. उसका पहला टारगेट छोटी बच्चियां होती थीं. बच्चियों के न मिलने पर वो छोटे लड़कों से बात करता था और उन्हें 10 रुपए का नोट देकर टॉफी खरीदने के लिए लालच देता था. जो बच्चा उसके जाल में फंस जाता था, उसे लेकर वह सुनसान जगह पर जाता था.
फिर पहले उन बच्चों को डरा धमका कर रविंद्र दुष्कर्म, कुकर्म किया करता था. मन भरने के बाद भेद खुलने के डर से बच्चे की उसी जगह हत्या कर देता था. किलर रविंद्र के निशाने पर 6 से 12 साल के बच्चे रहते थे. उसकी वारदातों और गुम होते बच्चों के चलते दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी यूपी के जिलों में दहशत का माहौल था.
रविंद्र कुमार की अपराधी बनने की दास्तां
पुलिस के अनुसार रविंद्र कुमार ने पुलिस के सामने अपने अपराधों को कबूल करते हुए बताया था कि वह 18 साल की उम्र में अपने परिवार के साथ उत्तर प्रदेश के कासगंज से 2008 में दिल्ली आया था. उसके पिता दिल्ली में प्लम्बरिंग का काम करते थे, वहीं उसकी मां आस-पास के घरों में घरेलू काम किया करती थी. दिल्ली आने के बाद रविंद्र कुमार की दोस्ती कुछ नशेड़ी किस्म के लड़कों के साथ हो गई जिनकी संगत में वो भी शराब और नशे करने का आदी हो गया.
अपने नशे के शौक को पूरा करने के लिए वह छोटी-मोटी चोरी करने लगा था. धीरे-धीरे रविंद्र कुमार शराब के साथ-साथ ड्रग्स का नशा करने लगा. इसी दौरान उसे पोर्न वीडियो देखने की आदत पड़ गई जिसके चलते वो एक गंभीर मानसिक बीमारी का शिकार हो गया और छोटे बच्चों को अपनी हवस का शिकार बनाने लगा. रविंद्र हर रात को नशा करने के बाद छोटे बच्चों को तलाश में निकलता था. अपनी तलाश पूरी होने तक वह रात में ही सड़कों पर कई किलोमीटर तक पैदल चलता रहता था.
सीरियल किलर रविंद्र कुमार ने अपना पहला शिकार 19 साल की उम्र में किया था. अपने पहले अपराध में उसने एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद हत्या कर दी थी. इस अपराध को करने के बाद वह पुलिस की पकड़ से दूर बना रहा जिससे उसकी हिम्मत बढ़ने लगी. धीरे-धीरे वह हर दिन अपने शिकार की तलाश में रात भर घूमने लगा.
पहली बार पुलिस की पकड़ में ऐसे आया रविंद्र कुमार
साल 2014 में एक 6 साल की बच्ची की हत्या और दुष्कर्म की असफल कोशिश में पुलिस ने उसे पकड़ा. लेकिन पुलिस उसके खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं कर सकी और रविंद्र कुमार को पुलिस ने छोड़ दिया. एक बार फिर उसे 2015 में एक 6 साल की बच्ची के किडनैप के मामले में पुलिस ने दिल्ली के रोहिणी के एक बस स्टैंड से गिरफ्तार किया.
इस बार पुलिस के पास उसके खिलाफ पक्के सबूत के तौर पर सीसीटीव फुटेज थे जिसमें उसे 6 साल की नाबालिग लड़की के साथ देखा गया था. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने अपने मुखबिरों को अलर्ट किया. आखिर पुलिस की कोशिश कामयाब रही और रविंद्र कुमार पुलिस की गिरफ्त में आ गया. रविंद्र कुमार ने पुलिस को दिए बायन में बताया कि उसने टॉफी का लालच देकर लड़की का किडनैप किया फिर उसे एक सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और भेद खुलने के डर से उसने उसकी गला काट कर हत्या कर दी.
इस मामले में पुलिस के पास ठोस सबूत थे, जो कोर्ट में रविंद्र को अपराधी सिद्ध करने के लिए काफी थे. पुलिस की पूछताछ में रविंद्र कुमार ने अपने पिछले सारे अपराधों का काला चिट्ठा खोलकर रख दिया. उसके सभी अपराधों को कबूल करने के बाद पुलिस के तो होश उड़ गए.
कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सज़ा
नाबालिग लड़की की हत्या और दुष्कर्म के मामले में दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने 25 मई 2023 को मासूम बच्चों के हत्यारे रविंद्र कुमार को उम्र कैद की सज़ा दी. सज़ा सुनाए जाने के वक्त हत्यारे रविंद्र कुमार की उम्र 32 साल हो चुकी थी. रविंद्र कुमार ने 2008 से 2015 के बीच लगभग 30 बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाते हुए मौत के घाट उतार दिया था.
रविंद्र कुमार को सज़ा सुनाते हुए सेशन जज सुनील कुमार ने अपने फैसले में इसे दुर्लभ से दुर्लभतम अपराध की श्रेणी बताते हुए फैसला सुनाया कि अपराधी का अपराध अमानवीय है जिस पर कोर्ट को उससे किसी भी तरह की दया या सहानुभूति नहीं है. जज ने लिखा इस अपराध ने समाज की अंतरात्मा को हिला कर रख दिया. हत्यारे को सिर्फ तीन मामलों में सज़ा सुनाई गई है.
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