
बर्तन कारोबारी सुनील जैन हत्याकांड की जांच करती पुलिस
दिल्ली के शाहदरा स्थित फर्श बाजार में दो महीने पहले हुए बर्तन कारोबारी सुनील जैन की हत्या के मामले में हैरतंगेज मोड़ आ गया है. इस वारदात में दिल्ली पुलिस के ही एक सब-इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह का नाम सामने आया है. आरोप है कि सब इंस्पेक्टर सुखबीर ना केवल वारदात की साजिश में शामिल था, बल्कि वारदात के बाद हत्यारोपियों को छिपने और भागने में रुपये पैसों से भी मदद की. संबंधित तथ्य सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस ने आरोपी सब इंस्पेक्टर को भी गिरफ्तार कर लिया है.
इसी के साथ मामले की जांच दिल्ली पुलिस के लिए और बड़ी चुनौती बन गई है. बता दें कि कारोबारी सुनील जैन 8 दिसंबर 2024 की सुबह रोज की तरह टहलने निकले थे. यमुना स्पोर्टस कांप्लेक्स के बाहर काफी देर तक टहलने के बाद वह घर लौटने लगे, इसी दौरान बाइक पर सवार बदमाश आए और उनके ऊपर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी. इस घटना में सुनील जैन की मौके पर ही मौत हो गई थी. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने मौका मुआयना किया और दावा किया यह आपसी रंजिश का मामला है.
गलत पहचान की वजह से मारे गए सुनील जैन
मामले की जांच आगे बढ़ी तो तस्वीर ही बदल गई. पता चला कि बदमाशों के निशाने पर तो सुनील जैन थे ही नहीं. वह तो किसी और को मारने आए थे और गलत पहचान की वजह से सुनील जैन को गोलियों से भून दिया था. पुलिस की जांच में पता चला कि जो व्यक्ति मुख्य टारगेट था, उसने प्रापर्टी डीलर आकाश शर्मा और उनके भतीजे ऋषभ की हत्या कराई थी. इसके लिए उसने कुख्यात गैंगस्टर हाशिम बाबा के गुर्गे अनिल उर्फ सोनू मटका को सुपारी दी थी. इस वारदात के बाद आकाश को अपना भाई मानने वाले सख्श गोलू ने बदला लेने की ठानी.
मौका मुआयना में ही हुआ थ शक
इसके लिए गोलू ने उस व्यक्ति की रैकी भी की, लेकिन ऐन वक्त पर पहचान गलत होने की वजह से उसने सुनील जैन को ही अपना टारगेट मान लिया और गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी. इस वारदात के बाद आरोपी जिस तरह से बच कर निकल गया था, पुलिस को शक हो गया कि निश्चित रूप से इसमें किसी पुलिस वाले की मिलीभगत है. इसके बाद पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से जांच की. इसमें पता चला कि सब-इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह लगातार सुनील जैन के हत्यारोपी गोलू के संपर्क में था.
सब इंस्पेक्टर को कस्टडी रिमांड पर भेजा
यह भी पता चला कि वारदात के बाद सुखबीर ने गोली को पनाह तो दी ही उसे फरार होने के लिए रुपये-पैसे की मदद भी दी. पुलिस के मुताबिक सब इंस्पेक्टर सुखबीर गैंगस्टर हाशिम बाबा केस में पहले भी सुर्खियों में रहा है. उसे तीन साल पहले ही आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन मिला था. हालांकि पुलिस का मानना है कि वह महकमे में रहकर बदमाशों की मदद कर रहा था. दिल्ली पुलिस ने आरोपी सब इंस्पेक्टर सुखबीर को अरेस्ट कर अदालत में पेश किया, जहां से उसे चार दिन के कस्टडी रिमांड पर भेजा गया है.
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