
राजनाथ सिंह और शुभांशु शुक्ला
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर Axiom-4 मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर देश का मान बढ़ाया है. उनकी इस उपलब्धि पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुभांशु के पिता श्री एसडी शुक्ला से फोन पर बात की और उनके पूरे परिवार को बधाई दी है. राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘यह मिशन न केवल शुभांशु की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि भारत की बढ़ती अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं का भी प्रतीक है. आज पूरा देश उन पर गर्व महसूस कर रहा है.’
शुभांशु शुक्ला की यह अंतरिक्ष यात्रा भारत के लिए ऐतिहासिक है. Axiom-4 मिशन के तहत वे ISS पहुंचे थे. बता दें कि वहां विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लिया था. उनकी इस उपलब्धि ने न केवल भारतीय वायुसेना बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है. यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की मजबूती को दर्शाता है और भविष्य में ऐसी और उपलब्धियों की उम्मीद भी जगाता है.
आपकी उपलब्धि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी: रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री ने शुभांशु को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि उनकी यह उपलब्धि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर ट्वीट कर कहा कि ‘शुभांशु ने न सिर्फ अंतरिक्ष को छुआ है, बल्कि भारत की आकांक्षाओं को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. यह हम सभी के लिए गर्व का पल है.’ शुभांशु की इस उपलब्धि पर देशभर से बधाइयों का तांता लगा हुआ है. सोशल मीडिया पर लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं और इसे भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ते कदम का प्रतीक बता रहे हैं.
Group Captain Shubhanshu Shuklas successful return from the historic Axiom-4 mission is a proud moment for every Indian. He has not just touched space, he has lifted Indias aspirations to new heights.
His journey to the International Space Station and back is not just a
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 15, 2025
क्या है इस मिशन की खासियत?
एक्सिओम-4 मिशन में चार देशों के अंतरिक्ष यात्रियों का दल शामिल था. जिसमें भारत, अमेरिका, पोलैंड, और हंगरी के प्रतिनिधि थे. इस मिशन ने 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों और 20 से अधिक जनसंपर्क गतिविधियों को वहां अंजाम दिया है. मिशन का लीड पैगी व्हिटसन ने किया है, जो कि 675 दिनों से अधिक समय अंतरिक्ष में बिता चुकी हैं. शुक्ला ने माइक्रोग्रैविटी में पानी के व्यवहार का एक अनोखा प्रयोग भी किया, जिसमें उन्होंने पानी की बूंद को तैरता हुआ प्रदर्शित किया है.
भारत की अंतरिक्ष यात्रा में नया अध्याय
शुभांशु शुक्ला 41 साल बाद भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं. जिन्होंने अंतरिक्ष में जाकर इतिहास रचा है. 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत अंतरिक्ष यान में उड़ान भरी थी. शुक्ला का यह मिशन भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है. जो 2027 में होना है. लखनऊ में जन्मे शुक्ला ने अपने मिशन के दौरान कई अनोखे प्रयोग किए हैं, जो मानव जीवन और माइक्रोग्रैविटी में जीव-जंतुओं के अस्तित्व के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.
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