वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। रतनपुर क्षेत्र के गांवों में खेतों में करंट आने के मामले में हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है कि किसी भी कंपनी को सिर्फ लाइसेंस देकर राज्य सरकार अपनी जवाबदारी से नहीं बच सकती। इस मामले में हाईकोर्ट ने केंद्र शासन को शपथपत्र के साथ जवाब देने कहा है।
चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डीबी जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। 10 जुलाई को फिर से मामले की सुनवाई होगी। जिले के 8-10 गांव ऐसे है, जहां बिजली की हाईटेंशन तार से खतरा है बना हुआ है। इन गांवों में 20 से अधिक टावर होने की वजह से जमीन पर करंट दौड़ रहा है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मामले को गंभीरता से लिया और सुनवाई करते हुए राज्य शासन, पॉवर ग्रिड कंपनी, जबलपुर ट्रांसमिशन कंपनी सहित बिजली विभाग के अफसरों को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस ने हाईटेंशन तार बिछाने वाली सरकारी कंपनी पावर ग्रिड कार्पोरेशन और यहां इस काम को पूरा करने वाली जबलपुर ट्रांसपोर्टेशन कंपनी से इन जगहों पर इंजीनियरों को भेजकर पूरी जांच कराने का निर्देश दिया।