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छिन्नमस्ता जयंती 2025 : इस दिन बन रहे हैं कई शुभ योग, जानें कैसे करें ‘प्रचंड चंडिका’ को प्रसन्न!

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May 9, 2025    150814 views     Online Now 314

Chinnamasta jayanti 2025 : हिन्दू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मां छिन्नमस्ता जयंती मनाई जाती है और इस साल ये 11 मई को पड़ रही है. इस दिन, भक्त देवी छिन्नमस्ता की पूजा करते हैं.

मां को क्यों कहा जाता है प्रचंड चंडिका?

देश के कई हिस्सों में छिन्नमस्ता को प्रचंड चंडिका के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि जो भक्त इस व्रत को श्रद्धा के साथ करते हैं, उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं और उन्हें जीवन की कठिनाइयों से राहत मिलती है.

तंत्र और मंत्र दोनों से होती हैं प्रसन्न

छिन्नमस्ता दस महाविद्या देवी में से छठी हैं. देवी छिन्नमस्ता को भयंकर और भयावह रूप में दर्शाया गया है. यही कारण है कि इनकी भक्ति मंत्र और तंत्र दोनों तरह से की जाती है. मुख्य रूप से तांत्रिक, योगी और अघोरियों की ये इष्ट देवी होती हैं.

मां काली का अवतार

देवी छिन्नमस्ता को एक शक्तिशाली देवी के रूप में जाना जाता है. कहा जाता है कि वो देवी काली का अवतार हैं. देवी छिन्नमस्ता कबंध शिव की शक्ति हैं. उनका रूप जितना उग्र है मां छिन्नमस्ता उतनी ही जीवनदायिनी भी है. वो अपने भक्तों को विभिन्न प्रकार की विपत्तियों से बचाती हैं.

छिन्नमस्ता जयंती तिथि 2025

वैदिक कैलेंडर के अनुसार, वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 10 मई को शाम 5:29 बजे से शुरू होगी और 11 मई को रात 8:01 बजे समाप्त होगी इसलिए उदया तिथि के अनुसार, छिन्नमस्ता जयंती 11 मई को मनाई जाएगी.

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छिन्नमस्ता जयंती पर बन रहे हैं ये शुभ योग

इस बार चतुर्दशी तिथि पर कई शुभ योगों से युक्त है. जिनमें रवि और भद्रा योग शामिल हैं, जिन्हें विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है. माना जाता है कि इन योगों में पूजा से देवी छिन्नमस्ता हर मनोकामना पूरी करती हैं.

छिन्नमस्ता जयंती की पूजा विधि

  • छिन्नमस्ता जयंती के दिन, भक्तों को ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए.
  • घर को साफ करके पवित्र स्नान करना चाहिए.
  • साफ लाल कपड़े पहनकर देवी का ध्यान करके उपवास की शुरूआत करनी चाहिए.
  • इसके बाद पवित्र स्थान में देवी दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें. देवी छिन्नमस्ता की पूरी विधि-विधान और भक्ति के साथ पूजा करें.
  • देवी को नीले फूल और माला अर्पित करें.
  • देवी को लोभान अति प्रिय है इससे देवी प्रसन्न होती हैं. इसलिए लोबान जलाएं.
  • देवी को फल, फूल और मिठाई चढ़ाएं, खासकर नारियल का भोग लगाएं.
  • सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
  • छिन्नमस्ता मूल मंत्र का जाप करें
  • श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनियै हम हम फट स्वाहा:

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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