दुनिया के तमाम देशों के बीच एआई जंग का नया मुद्दा बन गया है. दुनिया की बड़ी इकोनॉमीज एआई पर कितनी आगे जाती हैं, उसकी होड़ सी मची हुई है. हाल के दिनों में डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ लेने के बाद एआई पर स्टारगेट नाम के प्रोजेक्ट का ऐलान किया था. जिसका बजट 500 अरब डॉलर था. ये प्रोजेक्ट चीन के एआई में बढ़ते कदमों को रोकने के लिए लाया गया. लेकिन किसी को क्या पता था कि सिलिकॉन वैली को हिलाने के लिए चीन कुछ और प्लानिंग करके बैठा हुआ है.
अमेरिका कुछ और बड़ा ऐलान करता, उससे पहले चीन ने डीपसीक के एआई मॉडल को आगे कर दिया. जिससे दुनिया खासकर अमेरिका के शेयर बाजार धराशाई हो गए. ओरेकल से लेकर एनवीडिया और तमाम अमेरिकी टेक कंपनियों के शेयर जमीन चाटने लगे. चीन के इस हमले से टेक कंपनियों के मार्केट को एक ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर चीन के डीपसीक एआई से कौन-कौन सी अमेरिकी कंपनियों को मोटा नुकसान हुआ है.
एनवीडिया को सबसे बड़ा नुकसान
एआई पर काम करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक एनवीडिया के शेयरों में 17 प्रतिशत की भारी गिरावट आई. जिसकी वजह से कंपनी के मार्केट कैप 590 बिलियन डॉलर कम हो गए. अमेरिकी शेयर बाजार कह हिस्ट्री किसी एक कंपनी एक इतना बड़ा नुकसान कभी नहीं हुआ है. एनवीडिया, जो कभी एआई वेव पर सवार शेयर बाजार की सबसे फेवरेट बनी हुई थी, अब डीपसीक की तसफलता के बीच अनिश्चितता का सामना कर रहा है.
दूसरी चिप कंपनियों और एआई पर काम करने वाली कंपनियों की बात करें तो उन्होंने भी काफी दबाव झेलना पड़ा. ब्रॉडकॉम का स्टॉक 17 फीसदी गिर गया, जबकि सर्वर मेकर सुपर माइक्रो कंप्यूटर 13 फीसदी गिर गया. एआई इंफ्रा में निवेश की स्थिरता के बारे में चिंताएं बढ़ने के कारण ओरेकल 14 फीसदी गिरकर बंद हुआ. गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के शेयर में 4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. वहीं दूसरी ओर माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों में 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई. एलन मस्क की कंपनी टेस्ला का शेयर भी 2.32 फीसदी गिरकर बंद हुआ है.
औंध मुंह गिरे अमेरिकी इंडेक्स
डीपसीक के वार का अमेरिकी शेयर बाजारों के इंडेक्स में भी देखने को मिली. टेक-हैवी नैस्डैक कंपोजिट में 3.1 प्रतिशत की गिरावट आई. जो हाल के महीनों में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है. एसएंडपी 500, जो हाल ही में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा, 1.5 प्रतिशत गिर गया. हालांकि, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज, जिसका बिग टेक में कम एक्सपोज़र है, ने 0.7 प्रतिशत की बढ़त हासिल की. आईजी नॉर्थ अमेरिका के सीईओ जेजे किनाहन ने कहा कि यह एक बिकवाली थी जो अंततः होनी ही थी. एनर्जी सेक्टर को भी झटका लगा, एआई से संबंधित बिजली की मांग से जुड़ी कंपनियों को भारी नुकसान हुआ. कॉन्स्टेलेशन एनर्जी, जो एआई क्रांति की अगुवाई कर रही थी, उसके शेयरों में 21 फीसदी की गिरावट देखी गई.
बॉन्ड की बढ़ी मांग
शेयर बाजार में उथल-पुथल की वजह से निवेशकों ने अमेरिकी सरकारी बांड जैसे सेफ हैवन की ओर मुड़ गए. 10-साल की ट्रेजरी यील्ड गिरकर 4.529 प्रतिशत हो गई, जो एक हेवन के रूप में बांड की बढ़ती मांग को दर्शाता है. इस बीच, बिटकॉइन थोड़े समय के लिए 100,000 डॉलर ?के निशान से नीचे गिर गया. बाजार बंद होने तक बिटकॉइन की कीमतों में सुधार देखने को मिला और 101,405 डॉलर पर पहुंच गया.
एक ट्रिलियन डॉलर का नुकसान
अमेरिकी टेक कंपनियों के शेयरों में गिरावट की वजह से इन कंपनियों के मार्केट कैप को एक ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा नुकसान हुआ है. कुल नुकसान में आधे से ज्यादा हिस्सेदारी एनवीडिया की है. जोकि चिप मेकिंग और एआई पर सबसे ज्यादा काम कर रही है. कंपनी के मार्केट कैप करीब 600 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. वहीं दूसरी ओर ओरेकल के मार्केट कैप को 70.81 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. गूगल, टेस्ला, माइक्रासॉफ्ट और सुपर कंप्यूटर्स के शेयरों में बड़ी गिरावट की वजह से कंपनियों के मार्केट कैप में बड़ी गिरावट देखने को मिली है.
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