ओस्लो। रसायन विज्ञान के लिए नोबल पुरस्कार की घोषणा हो गई है. इस वर्ष क्लिक और बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री के विकास के लिए कैरोलिन आर. बर्टोजजी, मोर्टन मेल्डल और के. बैरी शार्पलेस को दिया गया है.
जिन तीन वैज्ञानिकों को रसायन विज्ञान का नोबल पुरस्कार दिया गया है, उनमें से एक कैरोलिन आर. बर्टोजजी एक अमेरिकी कैमिस्ट हैं. 10 अक्टूबर, 1966 को बॉस्टन में जन्में कैरोलिन को रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान दोनों में किए गए उनके कामों के लिए जाना जाता है. जीवित प्रणालियों के साथ कैमिकल रिएक्शन के लिए ‘बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री’ शब्द उन्हीं की देन है.
प्रो. कैरोलिन की लैब कैंसर, सूजन और बैक्टीरियल इंफेक्शन से जुड़े सेल सरफेस ग्लाइकोसिलेशन में बदलावों पर केंद्रित है. उन्हें उनकी शोध उपलब्धियों के लिए लेमेल्सन-एमआईटी पुरस्कार, हेनरिक वेलैंड पुरस्कार और मैकआर्थर फाउंडेशन फैलोशिप के अलावा कई सम्मान और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है.
वैज्ञानिक तिकड़ी में दूसरे सदस्य मोर्टन पी. मेल्डल एक डेनिश कैमिस्ट हैं. 16 जनवरी 1954 को डेनमार्क में जन्मे मोर्टन कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी में रसायन विज्ञान के प्रोफेसर हैं. उन्हें CuAAC-क्लिक रिएक्शन करने के लिए जाना जाता है. उन्होंने कॉम्बिनेटरियल केमिस्ट्री और पेप्टाइड केमिस्ट्री में नई तकनीकों का विकास किया.
बायोऑर्गेनिक केमिस्ट्री और पॉलिमर, एंजाइमोलॉजी में विकास और जीपीसीआर में रुचि रखने वाले मोर्टन राल्फ एफ. हिर्शमैन और विंसेंट डू विग्नॉड अवार्ड्स सहित कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं. वे सोसाइटी ऑफ कॉम्बिनेटोरियल साइंसेज के अध्यक्ष भी हैं.
टीम के तीसरे सदस्य कार्ल बैरी शार्पलेस एक अमेरिकी कैमिस्ट हैं. 28 अप्रैल, 1941 को फ़िलाडेल्फ़िया में जन्में कार्ल स्टीरियोसेलेक्टिव रिएक्शन और क्लिक केमिस्ट्री पर किए गए काम के लिए जाने जाते हैं. कार्ल को इसके पहले 2001 में चिरली उत्प्रेरित ऑक्सीकरण रिएक्शन (chirally catalysed oxidation reactions) पर उनके काम के लिए कैमिस्ट्री में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इस बार उन्हें साझा तौर पर ये पुरस्कार मिला है.