गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र पूरे देश मेें राजकीय पशु वन भैंसों के लिए विख्यात है. अब उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में देश विदेश से पहुंचने वाले वन प्रेमी और पर्यटकों के लिये वन विभाग ने वन प्रबंधन समिति के माध्यम से अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराने की तैयारी कर चुका है. महज एक सप्ताह के भीतर उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए नौका विहार के साथ साथ टूरिस्ट कॉटेेज के साथ मनपंसद भोजन, चायपानी के साथ ही जंगल में घूमने के लिए जिप्सी की भी व्यवस्था की जा रही है.
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व गरियाबंद जिले और धमतरी जिले के वन परिक्षेत्रों को मिलाकर 2009 में घोषित किया गया है. यह 1842.54 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है. राजकीय पशु वन भैंसा के साथ उदंती अभ्यारण में बड़ी संख्या में तेन्दुआ, नीलगाय, बायसन, गौर, जंगली सुअर, सोनकुत्ते, लकड़बघा, हिरण, चौसिंगा, शाही, धारीदार, जंगली बिल्ली केे साथ साथ कई दुर्लभ वन्यप्राणी बड़ी संख्या मे पाये जाते हैं. उदंती अभ्यारण मे 120 से भी ज्यादा दुर्लभ पक्षियों की प्रजाति है.
नौका विहार के लिये चार मोटरबोट लाया गया और दो जीप्सी
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के मैनपुर से महज 28 किमी दूरी पर सोंढुर जलाशय स्थित है. इस जलाशय की लंभाई 3138.75 मीटर बतायी जाती है. चौड़ाई 4.57 मीटर अधिकतम उंचाई 26.70 मीटर है इस बांध में वन विभाग द्वारा आकर्षक गार्डन का निर्माण किया गया है. मुचकुंद ऋषि मंदिर तक जीर्णोध्दार का कार्य चल रहा है. जहां पर्यटक पहुंचेगे साथ ही इसी सोढुंर जलाशय मे वन विभाग द्वारा चार मोटरबोट की व्यवस्था की गई है, जिसमें लाइफ जैकेट के साथ पूरी सुविधा होगी. ट्रेनर के द्वारा नौका विहार कराया जाएगा.
बकायदा नौका विहार करने के लिये पंजीयन कराना पड़ेगा साथ ही यहां ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये लकड़ी और बांस से दो विश्राम गृह का निर्माण किया जा रहा है. साथ ही कैंटिन, भोजन जलपान की भी व्यवस्था रहेगी. वन प्रबंधन समिति मेचका, बेलरबाहरा, तुमड़ीबहार, बरपदर, सोंढूर द्वारा इसका संचालन किया जायेगा, जिसकी पूरी तैयारी की चुकी है.
आगामी एक पखवाड़े के भीतर इसका विधिवत शुभारंभ किया जाएगा. साथ ही दो जीप्सी की भी व्यवस्था की गई है. इस जिप्सी में पर्यटक पूरे उदंती सीतानदी अभ्यारण क्षेत्र का सैर करेंगें. देश के लगभग सभी टाईगर रिजर्वों में यह सुविधा थी, लेकिन उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व मे नहीं था. अब यह सुविधा उपलब्ध हो जाने से इस क्षेत्र में दूर दूर से पर्यटक पहुंचेगे और क्षेत्र का विकास भी तेजी से होगा.
उदंती अभ्यारण में पर्यटकों के लिए सुविधा
उदंती अभ्यारण में पर्यटको के लिये वर्तमान में वन विभाग विश्राम तौरेंगा में चार कमरे, करलाझर में दो कमरे, कोयबा मे दो कमरे, जुंगाड़ मे दो कमरे उपलब्ध है, जिसका सुधार कार्य किया जा रहा है जल्द ही उदंती अभ्यारण के इन विश्राम गृह में वन प्रबंधन समिति द्वारा पर्यटकों के लिये सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी
प्रमुख पर्यटन केन्द्र
उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र में राजकीय पशु वनभैसा संरक्षण संवर्धन केन्द्र के अलावा प्रमुख पर्यटन स्थल में देवदाहरा जलप्रपात, गोढ़ेना जलप्रपात, चौकसील धार्मिक पर्वत स्थल, बोतल धारा जलप्रपात, शेषपगार, आमामोरा ओढ़ के पहाड़ी में कई मनमोहक जलप्रपात के अलावा सीतानदी में सोंढूर जलाशय व दर्जनों जलप्रपात के साथ वर्षों पुराने विश्राम गृह स्थापित है. जहां समय समय पर राजनीति और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हस्तियां पहुंचते रहे हैं. उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण प्रदेश के घने जंगलो में जाना जाता है.
उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के वन प्रबंधन समिति के सदस्य जयराम राम नागवंशी, दीपक मंडावी, भुजिया अभिकरण केे सदस्य टीकम नागवंशी, रूपेन्द्र सोम, मनोहर सिंह, सत्यनारायण प्रधान, जोहन नेताम ने बताया उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व मे जबसे नवपदस्थ उपनिदेशक वरूण जैन पदस्थ हुए हैं. उनके द्वारा लगातार उदंती सीतानदी अभ्यारण के भीतर ग्रामों में जहां एक ओर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की प्रयास किया जा रहा है. अब लगातार पर्यटन के क्षेत्र में इस क्षेत्र को आगे लाने का उनका प्रयास का सभी ने प्रशंसा किया है. ग्रामीणों ने कहा इससे वन प्रबंधन समिति की आय बढ़ेगी और साथ में पर्यटन के क्षेत्र मे बढावा मिलेगा क्षेत्र के बेरोजगारों को भी रोजगार मिलेगा.
क्या कहते हैं अफसर –
उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक वरूण जैन ने बताया कि अभी एक पखवाड़े के भीतर उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के सोंढुर जलाशय मे नौका विहार की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी और पर्यटको के लिये कैटिन सुविधा के साथ ही लकड़ी और बांस से दो विश्राम गृह का निर्माण किया जा रहा है. जहां वे आराम करेंगें उन्होंने बताया कि दो जीप्सी की व्यवस्था किया गया है, जिससे पर्यटक उदंती सीतानदी के पर्यटन स्थलो में पहुंचेंगे यह पूरा वन विभाग और बाघ संरक्षण फाउंडेशन वन प्रबंधन समिति द्वारा किया जाएगा. उन्होंने आगे बताया आने वाले दिनों में पैरा ग्लाईडिंग और अन्य पर्यटन सुविधा भी उपलब्ध कराने की तैयारी किया जा रहा है.
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