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योग नेचुरोपैथी पर बनेगा केंद्रीय कानून, स्वास्थ्य राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने की घोषणा

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Mar 29, 2025    150817 views     Online Now 224
योग नेचुरोपैथी पर बनेगा केंद्रीय कानून, स्वास्थ्य राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने की घोषणा

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अब जल्द ही नेचुरोपैथी को राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (NCISM) एक्ट में सम्मिलित किया जा सकता है. इसके साथ ही योग एवं नेचुरोपैथी को अन्य आयुष चिकित्सा पद्धतियों के समकक्ष भी लाया जाएगा. दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में योग विशेषज्ञों और संसद सदस्यों के साथ एक विशेष बैठक में केंद्रीय आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने यह घोषणा की है. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही योग नेचुरोपैथी पर बनेगा केंद्रीय कानून बनाने का काम करेगी.

इस कार्यक्रम में योग नेचुरोपैथी को राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (NCISM) एक्ट व नेशनल आयुष मिशन (NAM) में शामिल करने पर भी विचार किया गया है. साथ ही भारत सरकार की ओर से नेचुरोपैथी चिकित्सकों की पंजीकरण प्रक्रिया भी जल्द शुरू करने की भी उम्मीद है. प्रतापराव जाधव ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आयुष मंत्रालय योग नेचुरोपैथी को जन सामान्य तक पहुंचने का प्रयास कर रहें है. वर्ष 2014 के बाद देश के विभिन्न राज्यों में अनेक प्राकृतिक चिकित्सालयों का निर्माण हुआ है जहां पर इस प्रभावशाली पद्धति द्वारा लोगो का इलाज किया जा रहा है.

नेचुरोपैथी को (NCISM) एक्ट में शामिल करने पर विचार

नेचुरोपैथी को राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (NCISM) एक्ट में सम्मिलित करने के लिए उन्होंने सभी हित धारकों से सुझाव मांगे हैं. साथ ही यह आश्वासन दिया कि INO द्वारा हित धारकों (Stake Holders) के साथ मिलकर बताए गए प्रमुख सुझाव के अनुसार योग नेचुरोपैथी को राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (NCISM) एक्ट में सम्मिलित करेंगे. वह योग नेचुरोपैथी को अन्य आयुष चिकित्सा पद्धतियों के साथ लाने का भी प्रयास करेंगे.

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क्या है योग एवं नेचुरोपैथी

योग एवं नेचुरोपैथी आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन आधिकारिक स्वदेशी चिकित्सा पद्धतियों में से एक है. योग – नेचुरोपैथी को 1961 से कैबिनेट सचिवालय के कार्य आवंटन नियमों में स्थान मिल रहा है. 1969 में, भारत सरकार ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी पद्धतियों में अनुसंधान के लिए एक केंद्रीय परिषद (CCRIM&H) का गठन किया था. 1978 में, इसमें से चार नई केंद्रीय अनुसंधान परिषदें- आयुर्वेद एवं सिद्ध (CCRAS), योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा (CCRYN), यूनानी (CCRUM) और होम्योपैथी (CCRH) बनी है.

जल्द बन सकता है केंद्रीय कानून

INO के राष्ट्रीय अध्यक्ष – डॉ. अनंत बिरादार ने अभी तक योग नेचुरोपैथी केन्द्रीय विनियमन (Central Regulation) नहीं बना है, लेकिन अब उम्मीद है कि ये जल्द बन सकता है. उन्होने कहा कि अभी तक देश भर में हजारों प्राकृतिक चिकित्सक निस्वार्थ सेवा भाव से इस दवा रहित थैरेपी से लोगो का इलाज कर रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके अभी तक इन्हें मान्यता नहीं मिली है. डॉ. अनंत बिरादार ने योग नेचुरोपैथी को राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (NCISM) एक्ट व नेशनल आयुष मिशन (NAM) में सम्मिलित करने की बात को आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव के समक्ष रखते हुए कहा कि आज देश भर से पहुंचे नेचुरोपैथी हितधारकों की यह दिल की आवाज है जिसे निश्चित रूप से पूरी किया जाना चाहिए.

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