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आईवीएफ से निराश महिलाओं को जागी होम्योपैथी से उम्मीद

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Apr 10, 2025    150816 views     Online Now 109
आईवीएफ से निराश महिलाओं को जागी होम्योपैथी से उम्मीद

प्रेग्नेंसीImage Credit source: Pixabay

होम्योपैथी पद्धति भी एलोपैथी से कहीं पीछे नहीं है, बल्कि कई मामलों तो यह पद्धति आगे ही है. होम्योपैथी के जरिए उन महिलाओं में भई गर्भधारण की उम्मीद जाग गई है, जिन्हें आईवीएफ से लाभ नहीं हुआ. ऐसे कई महिलाओं को होम्योपैथी उपचार के बाद संतान का सुख प्राप्त हुआ है. नोएडा के सेक्टर-24 में दो साल पहले शुरु हुए डॉ. डीपी रस्तोगी केंद्रीय होम्योपैथी इनफर्टिलिटी सेंटर से अब तक 15 महिलाओं का मां बनने का सपना पूरा हुआ है.

होम्योपैथी पद्धति को धीमा असर करने वाली पैथी माना जाता है. हालांकि अधिकांश मामलों में ऐसा नहीं है. बहुत से मामलों में होम्योपैथी एलोपैथी से भी तेज काम करती है. मरीज को एक या दो दिन में ही आराम पड़ना शुरु हो जाता है. ऐसी महिलाएं जो किन्ही कारणों से मां बनने के सुख से वंचित है, उनमें भी अब होम्योपैथी से उम्मीद की किरण जागी है. मां बनने का उनका सपना कितने समय में पूरा होगा, यह उनकी स्थिति पर निर्भर करता है.

व्यक्ति की प्रकृति पर निर्भर करता है असर

दिल्ली में होम्योपैथी के डॉक्टर अजय गुप्ता बताते हैं कि होम्योपैथी पर्सन टू पर्सन डिपेंड करती है. कई मरीजों में इसका प्रभाव कुछ ही देर में नजर आने लगता है जबकि कुछ लोगों में इसका प्रभाव आने में एक से दो दिन या ज्यादा समय भी लगता है. डॉ. गुप्ता कहते हैं कि होम्योपैथी शरीर की प्रकृति के अनुसार ही कार्य करती है. कुछ लोगों को जल्दी इसका लाभ मिलता है और कुछ को देर से. इसमें परेशान होने वाली बात नहीं है, केवल नियम और संयम का पालन करना होता है.

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होम्योपैथी में कैंसर का भी उपचार

डॉ. गुप्ता बताते हैं कि होम्योपैथी में सभी गंभीर बीमारियों का भी उपचार है. यहां तक कैंसर का उपचार भी होम्योपैथी से संभव है. महिलाओं को गर्भधारण में कई तरह की समस्याएं होती हैं. पहले उनकी पहचान की जाती है और फिर उपचार शुरु किया जाता है. ऐसी कई महिलाएं हैं, जिन्होंने आईवीएफ के जरिए भी गर्भधारण का प्रयास किया, लेकिन वह सफल नहीं हुआ. जबकि होम्योपैथी से यह कुछ ही समय में संभव हो सका.

कोई गंभीर साइड इफेक्ट भी नहींहोम्योपैथी पद्धति में डॉक्टर मरीज की प्रकृति के अनुसार दवाओं की पोटेंसी निर्धारित करते हैं. कुछ मरीज को कम पोटेंसी वाली दवाओं से ही आराम मिल जाता है, तो कुछ मरीजों को हाई पोटेंसी वाली दवाओं की जरूरत पड़ती है. गर्भधारण के मामले में भी ऐसा ही है. जिस तरह की समस्या उसी तरह का उपचार. सबसे खास बात यह है कि होम्योपैथी उपचार के कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं होते. इसलिए यह सुरक्षित है और असरकारक भी

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