• Wed. Jul 9th, 2025

कल दिखेगा खून जैसा लाल चांद, क्या है बक मून, एक हिरन से कैसे मिला यह नाम?

ByCreator

Jul 9, 2025    150814 views     Online Now 166
कल दिखेगा खून जैसा लाल चांद, क्या है बक मून, एक हिरन से कैसे मिला यह नाम?

10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर आसमान में बक मून नजर आएगा. Image Credit source: Getty Images

10 जुलाई को आसमान में बक मून नजर आएगा. यह रोज दिखने वाले चांद से थोड़ा अलग होता. इस चांद से कई तरह की मान्यताएं जुड़ी हैं और इसका नाम रखने की कहानी भी दिलचस्प है. बक मून वो चांद है जो हर साल जुलाई महीने की पूर्णिमा को दिखाई देता है. इसे यह नाम अमेरिका की जनजाति ने दिया था. वो जनजाति जो प्रकृति और जानवरों से जुड़ी घटनाओं के आधार पर पूर्णिमा के चांद को नाम देती थी.

जिस तरह जनवरी की पूर्णिमा के चांद को वूल्फ मून और फरवरी की पूर्णिमा के चांद को स्नो मून कहते हैं. उसी तरह नाम रखने की परंपरा को कायम रखते हुए जुलाई की पूर्णिमा के चांद को बक मून कहा गया. इसी बहाने यह भी जान लेते हैं कि यह चांद कितना अलग है और इसे कैसे मिला यह नाम.

बक मून कितना अलग?

हर साल जुलाई की पूर्णिमा के चांद को बक मून कहते हैं. यह सामान्य दिनों के चांद से ज्यादा चमकीला होता है. ऐसा तब होता है जब सूर्य आकाश में अपने सबसे ऊंचे स्थान पर होता है और चांद आकाश में अपने सबसे निचले पथ पर आ जाता है.

कहा जाता है, बक मून निकलने के बाद इसका रंग लाल-सुनहरा हो जाएगा. इसे रेले स्कैटरिंग प्रभाव कहा गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि चांद की सतह से परावर्तित होने वाली सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक अधिक दूरी तय करती है. अगर रात में आसमान साफ़ हो तो दूरबीन का इस्तेमाल करके इसे देख जा सकता है.

Buck Moon Interesting Facts

बक मून निकलने के बाद इसका रंग लाल-सुनहरा हो जाता है. फोटो: Getty Images

जुलाई का बक मून गुरु पूर्णिमा के दिन ही पड़ता है, जो शिक्षकों और ज्ञान का उत्सव है. ऐसा इसलिए है क्योंकि गुरु पूर्णिमा हिंदू महीने आषाढ़ की पूर्णिमा होती है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार जुलाई की पहली पूर्णिमा के साथ मेल खाती है.

See also  MP IAS Transfer: जबलपुर के कमिश्नर बनाए गए धनंजय सिंह, संकेत एस भोंडवे को नगरीय प्रशासन के आयुक्त की जिम्मेदारी

चांद को कैसे मिला यह नाम?

बक मून नाम का इतिहास अल्गोंक्विन लोगों से जुड़ा है, जो मूल रूप से अमेरिकी जनजाति के लोग थे. यह जनजाति प्राकृतिक घटनाओं का पता लगाने और उन्हें याद रखने के लिए चांद में दिखने वाले बदलाव को आधार बनाती थी. जैसे- जुलाई की पूर्णिमा के चांद को बक मून नाम दिया गया.

बक का मतलब नर हिरन होता है. जुलाई में नर हिरन के सींग बढ़ने लगते हैं. पुराने सींग गिरने के बाद नए और मखमली परत से ढके सींग निकलते हैं. यही वजह है कि जुलाई की पूर्णिमा के चांद को बक मून कहा गया. नर हिरण में पहली पूर्णिमा के आसपास अपने सींगें फिर से निकलती शुरू हो जाती थीं.

Buck Name History

अमेरिका की कुछ जनजातियां बक मून को सैल्मन मून भी कहती हैं. फोटो: Getty Images

इस चांद को दूसरी अमेरिकी जनजातियां “थंडर मून” भी कहती हैं, क्योंकि यह अमेरिका के कुछ हिस्सों में इस समय देखे जाने वाले मौसमी तूफानों का संकेत था. कुछ अमेरिकी जनजातियों ने इसे सैल्मन मून भी कहा. ऐसा इसलिए क्योंकि यह उस समय दिखाई देता है जब सैल्मन मछलियां धारा के विपरीत तैरना शुरू करती हैं.

यह भी पढ़ें: नामीबिया के खजाने को क्यों पाना चाहते हैं कई देश? जहां पहुंचे PM मोदी

[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X

Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL