
महिला को हुई अजीबोगरीब बीमारी
दुनिया में कई लोग होते हैं, जिन्हें कुछ अलग ही बीमारी होती है और उसका इलाज मिल पाना काफी ज्यादा मुश्किल हो जाता है. ऐसी ही महिला इन दिनों अजीबोगरीब बीमारी से पीड़ित है. हैरानी की बात तो ये है कि महिला के ब्रेस्ट कुछ ही दिनों में 12 किलो के हो गए. अपनी इस कहानी को जब उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया तो हर कोई दंग रह गया. हालांकि लड़की जब इसकी तह तक पहुंची तो डॉक्टरों ने उसे बताया कि ये बीमारी दुनिया में सिर्फ 300 लोगों को है.
हम बात कर रहे हैं ब्राजील की रहने वाली थैनारा मर्कॉन्डेस (Thaynara Marcondes) के बारे में, जो 22 साल की टीचिंग स्टूडेंट है. उन्होंने हाल ही में एक दुर्लभ और पीड़ादायक बीमारी से मुक्ति पाकर नई ज़िंदगी पाई है. अपनी बीमारी को लेकर उन्होंने मीडिया से बात की और कहा कि मेरे ब्रेस्ट का आकार कुछ ही महीनों में असामान्य रूप से बढ़. जिसके चलते मुझे सर्जरी करवानी पड़ी और ये तकरीबन अस्पताल में दस घंटे गया था, जिसके चलते उनकी 10 घंटे लंबी सर्जरी हुई.
क्या-क्या हो रही है परेशानी
इस सर्जरी के दौरान मेरे ब्रेस्ट से तकरीबन (करीब 10 किलोग्राम) अतिरिक्त टिशू निकाला गया. अपने अनुभव को उन्होंने सोशल मीडिया पर भी शेयर किया. अपनी कहानी को शेयर करते हुए थैनारा ने लिखा कि पहले में मीडियम साइज की टी-शर्ट पहनती थी लेकिन अचानक बड़े ब्रेस्ट के साइज के चलते मैंने पुराने कपड़े पहनने बंद कर दिए और आखिरी में मेरी हालत ऐसी हो गई कि मुझे खुद के लिए स्पेशल ऑर्डर करके कपड़े तैयार करवाने पड़े. जिस कारण मुझे कई बार शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा.
अपने बारे में लड़की ने आगे कहा कि मेरी हालत तो ऐसी हो गई थी कि मैं ब्रा तक नहीं पहन पा रही थी. जिस कारण लोगों ने मुझे घूरना शुरू कर दिया. शुरुआत में तो मैंने इस चीज को नजरअंदाज किया, लेकिन अंत में मुझे इसका अहसास हुआ कि ये सही नहीं है.
कौन सी है बीमारी?
CNN ब्राज़ील को बताया. बढ़ती छाती के कारण मुझे रोज़मर्रा की जिंदगी में काफी दूसरी तरह की तकलीफ झेलनी पड़ रही थी. कई बार दर्द इतना ज़्यादा होता कि उन्हें व्हीलचेयर की ज़रूरत पड़ती. हालांकि जब मैंने इसको लेकर डॉक्टरों से बात की तो पता चला कि मुझे गिगैंटोमैस्टिया (Gigantomastia) नाम की दुर्लभ बीमारी है. जिसमें ब्रेस्ट का साइज त्यधिक और अनियंत्रित हो जाता है.
हैरानी की बात तो ये है कि ये बीमारी अब तक दुनिया में सिर्फ 300 लोगों में ही पाई गई. हालांकि शुक्र की बात ये है कि इसकी जानकारी मुझे समय रहते लग गई और मैंने $7,200 (लगभग ₹6 लाख) की पब्लिक डोनेशन से करवाई. हालांकि डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि इस रोग में टिशू फिर से विकसित हो सकते हैं, इसलिए उन्हें नियमित निगरानी में रखा जाएगा.
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