बॉलीवुड की लेजेन्ड्री सिंगर आशा भोसले की आवाज के कितने दीवाने हैं. अपनी बहन और सुर सामग्री स्वर्गिए लता मंगेशकर की ही तरह आशा ताई ने भी इस इंडस्ट्री को अपने सुरों से सजाया है. उन्होंने कई आईकॉनिक गानों को अपनी आवाज दी और आज भी इंडस्ट्री में एक्टिव हैं. ये संभव ही नहीं है कि आप आशा की आवाज सुने और ठहर ना जाएं. उनकी आवाज में एक अलग सा नशा है, जो आपको उन्हें सुनते जाने के लिए मजबूर करता है.
आशा ताई को जितना इंडस्ट्री में प्यार मिला, उनकी निजी जिंदगी उतनी ही दर्द में गुजरी. अपनी वर्सेटाइल सिंगिंग के लिए जानी जाने वाली आशा पर्सनल जीवन में कई मुसीबतों से गुजरीं. हाल ही में आशा ताई ने पहली बार अपनी जिंदगी और अपनी शादी को लेकर खुलकर बात की. आशा ताई ने अपनी बायोग्राफी ‘Asha Bhosle: A Life In Music‘ में अपनी जिंदगी से जुड़े उन पहलूओं के बारे में लिखा हैं, जिनके बारे में आजतक सिर्फ उनके कुछ करिबियों को ही पता था.
घर से भाग गईं थीं आशा
आशा का स्ट्रगल उनके बचपन में ही शुरू हो गया था. इसके बाद जब उन्हें उनकी बहन से जोड़कर देखा जाने लगा तब भी आशा ने हार नहीं मानी. लता मंगेशकर यकीनन अपने समय की सबसे बड़ी फीमेल प्लेबैक सिंगर रही हैं और इसके कारण आशा भोसले की छवि उनके नीचे ही रही है. हालांकि, ये बात भी जान लेनी चाहिए कि आशा भोसले के नाम सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने वाले आर्टिस्ट का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड है. आशा की इस किताब को शब्दों में पिरोया है राइटर राम्या सर्मा ने. आशा पर लिखी गई किताब में बताया गया है कि साल 1949 में आशा जब 16 साल की थीं, तो वो गणपतराव भोसले के साथ घर से भाग गईं थीं. किताब में बताया गया है कि आशा की शादी से उनकी बड़ी बहन लता बिल्कुल भी खुश नहीं थीं, और काफी वक्त तक उन्होंने आशा से बात तक नहीं की थी.
20 साल बड़े थे पति गणपतराव
किताब का मुताबिक, आशा के पति गणपतराव भोसले उनसे उम्र में लगभग 20 साल बड़े थे, और कुछ दिन सबकुछ ठीक चलने के बाद आशा और गणपतराव में सब खराब होने लगा. किताब में लिखा गया है- अफवाह है कि गणपतराव एक अल्कोहलिक थे, और शराब पीने के बाद आपे से बाहर हो जाते थे और नशे में अपनी पत्नी पर हाथ उठाते थे. किताब के मुताबिक, गणपतराव ने आशा पर तब भी हाथ उठाया था जब वो प्रेग्नेंट थीं, और कई बार उन्हें अस्पताल में भर्ती तक करवाना पड़ा था. किताब में आशा ने बताया है कि उनके ससुराल वाले काफी संकुचित सोच के थे, और उनको ये बात बर्दाश्त नहीं थी कि उनकी बहु एक सिंगिंग सुपरस्टार हो. मेरे पति काफी शॉर्ट-टेम्पर्ड आदमी थे. शायद उन्हें मुझे दर्द देने में मजा आता था. वो एक सैडेस्ट इंसान थे. लेकिन बाहर किसी को इस बारे में पता नहीं था. मैंने अपना पूरा कर्तव्य निभाया, जैसे हिंदू धर्म में पत्नी निभाती है.
खुद को खत्म करना चाहती थीं आशा
किताब में राम्या लिखती हैं- जब आशा भोसले अपना तीसरा बच्चा आनंद के साथ प्रेग्नेंट थीं, तो उनके ससुराल वालों ने उन्हें घर से निकाल दिया था. वो अस्पताल में भर्ती थीं और ये वही वक्त था, जब आशा ने खुद की जान लेने की कोशिश की. किताब में आशा ने बताया- एक वक्त पर मुझे लगने लगा था कि मैं अपनी जान ले लूं. मैं बीमार थी, चार महीने की प्रेग्नेंट थी, अस्पताल में हालत ऐसी थी कि लग रहा था कि यही नर्क है. मैं दीमागी तौर पर इतना टूट गई थी, कि मैंने एक पूरी बॉटल स्लीपिंग पिल की खा ली. लेकिन मेरे बच्चे के लिए मेरा प्यार इतना बड़ा था कि उसने मुझे मरने नहीं दिया. मैं मरी नहीं और वापस आ गई. आशा ने इस रिश्ते से निकलने के कई सालों बाद मशहूर संगीतकार और सिंगर आर.डी बर्मन से शादी की थी. हालांकि कुछ सालों बाद दोनों अलग हो गए थे.
बेटा-बेटी की मौत से टूट गईं थीं आशा
परेशान करने वाली बात ये है कि आशा की बेटी वर्षा ने भी साल 2008 में खुद को मारना चाहा था. उन्होंने भी स्लीपिंग पिल्स खा ली थी. फिर उन्हें बचा लिया गया था, लेकिन साल 2012 में वर्षा ने खुद को गोली मार ली थी. खबरों की मानें तो गणपत राव लता मंगेशकर के सेक्रेटरी थे. आशा और गणपत राव के बेटे हेमंत के जन्म के बाद ही मंगेशकर परिवार ने आशा को दोबारा अपनाया था. आशा और गणपत राव के तीन बच्चे थे हेमंत, आनंद और बेटी वर्षा. जहां बेटी वर्षा की मौत का गम आशा भोसले ने झेला था वहीं उनके बड़े बेटे हेमंत की भी स्कॉटलैंड में कैंसर की बीमारी के चलते मौत हो गई थी.
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