
मजदूर संघ
भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने केंद्रीय कार्य समिति (केन्द्रीय) की बैठक में ऑपरेशन सिंदूर को सम्प्रभुतावादी अभियान बताते हुए वीर भारतीय सशस्त्र बलों को बधाई दी. मजदूर संघ ने करगिल सहित सभी युद्ध के समय मजदूर संघ के समर्थन का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन ने पहलगाम आतंकी हमला के बाद पाकिस्तान से चलाई जा रही भारत विरोधी आतंकवादी ताकतों के निपटने में सरकार के संकल्प को प्रभावी ढंग से दर्शाया है.
बीएमएस की केन्द्रीय बैठक में सीमा पार आतंकवाद से बिना किसी समझौते के निपटने के लिए निर्णायक फैसला लेने हेतु अडिग राजनीतिक इच्छाशक्ति को प्रकट करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार जताया. साथ ही यह भी कहा कि भारत के लोगों को सरकार की इस कार्यवाही पर गर्व है क्योंकि उनकी पूरी शक्ति की अभिव्यक्ति ने आंतरिक सुरक्षा को भी सशक्त और सुनिश्चित किया है. उन्होंने कहा कि आतंकियों के सामरिक तंत्र और हरकतों में गंभीर प्रहार किया गया है.
पाकिस्तान की रणनीति की कड़ी आलोचना
बीएमएस ने पाकिस्तान की जमीन पर स्थित आतंकी रणनीति की भर्त्सना की. पाकिस्तान की नीति ने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के कुछ प्रमुख जिलों में नागरिक और सेना दोनों क्षेत्रों पर भारी गोलीबारी की है. हालांकि, हमारे सीमावर्ती राज्य के 15 प्रमुख पूरी आबादी वाले भारतीय गांवों को प्रमुखता पर निशाना बनाया. जिसका भारतीय सेना ने तत्काल प्रभाव से जवाबी कार्यवाही कर दिया. उन्होंने केन्द्रीय कार्य समिति की बैठक में साफ कहा कि पाकिस्तान जानबूझकर युद्ध जैसी स्थिति पैदा कर रहा है.
स्थगित किए हड़ताल और आंदोलन
केन्द्रीय बैठक में पाकिस्तान की नापाक साजिशों को लेकर चिंता जाहिर की गई. इसमें पाकिस्तान की ओर से भारत में स्लीपर टोकन और अन्य नापाक योजनाओं समेत अपनी आतंकी साजिशों को भारतीय समाज के तंत्र पूरे के समर्थन व समलम्बनात्मक तंत्रमा कर दिया है.
अपने सभी संबद्ध संघों, महासंघों और राज्य इकाइयों मजदूर संघ ने निर्देश दिया कि वे सभी प्रकार की हड़तालों, आंदोलनों, प्रदर्शनों और अन्य प्रकार की ट्रेड यूनियन कार्रवाइयों को स्थगित करें. यदि आवश्यक हो तो ओवरटाइम काम करें और बिना कोई शुल्क लिए उत्पादकता बढ़ाएं. युद्ध जैसी परिस्थितियों के दौरान आवश्यक सामग्रियों के बारे में भ्रमों और झूठी अफवाहों के बीच जागरूकता बढ़ाएं.
भारतीय रक्षा बलों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करना. नागरिक सुरक्षा कर्मियों, रक्तदान कर्मकर्ताओं, स्थानीय परिवहन और अन्य प्राथमिक पहलों में जिला प्रशासनिक तंत्र के साथ सहयोग करें. श्रमिक और उद्योग स्तर पर भारतीय शख्सल को समर्थन देने के लिए एकजुटता कार्यक्रम आयोजित करना.
युद्ध के समय मजदूर संघ के समर्थन की दिलाई याद
केन्द्रीय ने राष्ट्रीय मजदूर मोर्चों को पुनर्जीवित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर अन्य समान विचारधारा वाले राष्ट्रवादी ट्रेड यूनियनों से संपर्क करने का फैसला किया है, जिसकी स्थापना 1962, 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान इन प्रयासों में सरकार को अटूट समर्थन प्रदान करने के लिए की गई थी.
बीएमएस का मानना है कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर देश को अपने वीर सैनिकों के साथ एकजुट होना चाहिए. 1962, 1965 और 1971 के युद्धों और कारगिल युद्ध के दौरान, भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने ऐसा ही रवैया अपनाया और अपनी अटूट राष्ट्रीय प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया. हमें एक बार फिर विदेशी आक्रमण के खिलाफ एक राष्ट्र के रूप में एकजुट होना चाहि
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