
सांकेतिक तस्वीर
बिहार के छपरा के मुफस्सिल थाना क्षेत्र की रहने वाली बनारसी देवी नाम की महिला का किसी बीमारी की वजह से शनिवार को निधन हो गया. वह पिछले 12 दिनों से बीमार थीं. उनके निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार करने को लेकर उनके बच्चों के बीच बहुत देर तक बहस हुई. यहां तक की मामला के पास तक पहुंच गया. दरअसल बनारसी देवी का देहांत उसकी छोटी बेटी के ससुराल सदर थाना क्षेत्र के नीलगंज कोठी में हुआ. इसके बाद उन्होंने दोनों भाई और बहन को मां के निधन की जानकारी दी. सूचना के बाद रविवार को सभी वहां पहुंचे और नीलगंज कोठी में ही शव का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयारी चलने लगे.
इसी बीच वहां मृतका के छोटे बेटे दिलीप शर्मा अपने गांव के लगभग एक दर्जन महिला पुरुष को लेकर पहुंचा और अपनी मां बनारसी देवी को सतडोव ले जाकर अंतिम संस्कार करने की बात कहने लगा, जिसका समर्थन उनके साथ आए सभी लोग करने लगे, लेकिन मृतका की छोटी बेटी, बड़ी बेटी और बड़ा भाई इसके लिए तैयार नहीं हुए. उन सभी का कहना था कि मां जब बीमार थी, तो छोटी बहन ने ही 7 महीने तक उनका उल्टी, मल-मूत्र साफ सब किया है और मां कह रही थीं कि उनकी छोटी बेटी ही उनका अंतिम संस्कार करेगी, इसलिए जिद मत करो, यहीं पर उनका अंतिम संस्कार करने दो.
पुलिस तक जा पहुंचा मामला
लेकिन छोटा भाई दिलीप शर्मा यह मानने को तैयार नहीं था. उनका कहना था कि मां सतडोव में रहती थीं. वहीं उनका घर है. वहीं उनका अंतिम संस्कार भी होना चाहिए. मैं मां का अंतिम संस्कार करूंगा. दिलीप शर्मा के तीनों भाई-बहनों ने कहा कि जब मां को तुमने मारपीट कर भगा दिया था. तब तुम्हारी मां नहीं थीं, अब मर गई हैं तो तुम मां को अंतिम संस्कार के लिए खोज रहे हो. मां का अंतिम संस्कार यहीं होगा. मामले को बढ़ता देख दिलीप शर्मा के साथ आए सतडोव के लोगों ने इसकी जानकारी सदर थाना पुलिस को दी.
छोटे भाई के पक्ष में हुआ फैसला
सूचना पर पहुंचे सदर थाना के एसआई परशुराम शाह ने पहले पूरे मामले को समझा. इसके बाद उन्होंने कहा कि उनकी मां जहां रहती थीं. पहले वहां जाइए और वहीं अंतिम संस्कार कीजिए. इस पर तीनों भाई-बहन तैयार नहीं हो रहे थे. पुलिस थोड़ी शक्ति दिखाई और टेंपो पर शव को लदवा कर सतडोव भिजवा दिया गया. जहां छोटे भाई ने अंतिम संस्कार किया. इस पर तीनों भाई-बहन ने कहा कि पुलिस ने उनके साथ अन्याय किया है. जब तीनों भाई-बहन एकमत थे तो फिर किस आधार पर सदर थाना पुलिस ने उनका अंतिम संस्कार करने के लिए शव दे दिया. हालांकि अंतिम संस्कार में अनमने ढंग से तीनों भाई-बहन भी शामिल भी हुए.
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