
राज्य सरकार ने 31,297 सरकारी मध्य विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा लागू करने का फैसला किया है. Image Credit source: Getty Image
बिहार के स्कूलों में भी जल्द ही बहार आने वाली है. कभी जिन स्कूलों की पहचान टूटी बेंच, धूल भरे ब्लैकबोर्ड और बिजली की कमी से होती थी. वहां अब की-बोर्ड की आवाज गूंजेगी, स्क्रीन पर गांव का बच्चा भी पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन बनाएगा. बिहार में शिक्षा अब सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहेगी. वह अब क्लासरूम से कंप्यूटर तक पहुंचेगी. राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 31,297 सरकारी मध्य विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा को लागू करने का निर्णय लिया है.
अब तक बिहार के सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा सिर्फ माध्यमिक स्तर के विद्यालयों में दी जाती थी, लेकिन अब शिक्षा विभाग के नए प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही 6वीं से 8वीं कक्षा तक के छात्रों को भी कंप्यूटर की पढ़ाई कराई जाएगी. पहले चरण में राज्य के 31,297 सरकारी मध्य विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा की शुरुआत की जाएगी. इसके लिए स्कूलों में कंप्यूटर लैब और स्मार्ट क्लासरूम की व्यवस्था की जाएगी.
बजट में हुई थी घोषणा, अब होगा अमल
पिछले साल दिसंबर में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने कंप्यूटर शिक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की पहल की थी. उसके बाद यह प्रस्ताव प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को सौंपा गया और अब इसे वित्त विभाग से मंजूरी भी मिल चुकी है. बजट सत्र 2024-25 में इस योजना की औपचारिक घोषणा की गई थी, जिसके बाद अब इसे लागू किया जा रहा है.
शुरुआती चरण में छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों को कंप्यूटर की पढ़ाई कराई जाएगी. इसके लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी और विद्यार्थियों को बेसिक कंप्यूटर ज्ञान वाली किताबें दी जाएंगी. इसके बाद दूसरे चरण में तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा के छात्रों को भी कंप्यूटर का परिचय कराया जाएगा.
सिर्फ शिक्षा नहीं, कौशल विकास भी
इस योजना का उद्देश्य सिर्फ कंप्यूटर के नाम और उसके पार्ट्स की जानकारी देना नहीं है, बल्कि छात्रों को माइक्रोसॉफ्ट वर्ड (Microsoft Word), एमएस ऑफिस (MS Office), एक्सेल (Excel) और पावर पॉइंट (PowerPoint) जैसे व्यावहारिक सॉफ्टवेयर की जानकारी देना भी है. इस पहल से बच्चे न केवल तकनीकी रूप से सशक्त बनेंगे, बल्कि भविष्य के डिजिटल भारत में अपनी मजबूत भूमिका निभा सकेंगे. दूसरे चरण में सरकार राज्य के 40,566 प्राथमिक विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा शुरू करेगी. इस तरह कुल मिलाकर 71,863 सरकारी स्कूलों में डिजिटल साक्षरता का उजाला पहुंचेगा. इससे लाखों छात्र-छात्राओं को तकनीकी दुनिया से जुड़ने का मौका मिलेगा.
सरकार का उद्देश्य: डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन
राज्य सरकार इस पूरे अभियान को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की दृष्टि से देख रही है. जहां एक ओर यह पहल बच्चों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ रही है. वहीं दूसरी ओर शिक्षकों के लिए भी नए अवसर खोल रही है. कंप्यूटर शिक्षा से न सिर्फ कक्षा का माहौल बदलेगा, बल्कि सरकारी स्कूलों की छवि भी एक टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली संस्थान के रूप में उभरेगी.
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