
बिहार में बढ़ेगा एनडीए का कुनबा?
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. राज्य में जितने भी राजनीतिक दल हैं, उनमें ज्यादातर दो भागों में बंटे हुए हैं. इनमें कुछ दल महागठबंधन का हिस्सा हैं तो कुछ एनडीए के साथ हैं. कुछ ऐसे भी दल हैं जो किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं. इनमें एआईएमआईएम, बहुजन समाज पार्टी और कुछ छोटे दल हैं. मगर, राज्य में चल रही राजनीतिक गतिविधियों पर नजर डालें तो ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं कि विधानसभा चुनाव के पहले एनडीए का कुनबा बढ़ सकता है.
राज्य में अभी एनडीए में पांच दल शामिल हैं. इनमें भारतीय जनता पार्टी के अलावा जनता दल यूनाइटेड, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हम पार्टी और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं. ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि संभव है कि विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए का कुनबा बढ़ जाएं.
सुभासपा से मिल रहे संकेत
एनडीए में चल रही राजनीतिक सरगर्मी को देखें और बीजेपी से जुड़े सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी बिहार में भी एनडीए का हिस्सा बन सकती है. इस बात की चर्चा जोरों पर है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी एनडीए में शामिल होने के लिए तैयार है.
उपचुनाव में की थी मदद
दरअसल, बिहार में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का एनडीए का हिस्सा बनने की बातों को इस बात से भी बल मिलता है कि पिछले साल राज्य में जब चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे, तब बक्सर की रामगढ़ विधानसभा सीट पर एनडीए के चुनाव प्रचार में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर भी शामिल हुए थे. तब ओमप्रकाश राजभर ने बिहार में राजभर जाति के लोगों से एनडीए को सपोर्ट करने को कहा था.
कई जिलों में तैयारी
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी बिहार के 28 जिलों में अपने उम्मीदवार उतार सकती है. पार्टी ने इसके लिए 19 सीटों की पहचान भी की है. ये सीटें नवादा, पश्चिमी चंपारण, सासाराम, नालंदा, औरंगाबाद, गया और बक्सर जैसे जिलों में हैं. पार्टी की कोशिश इन सीटों पर ओबीसी मतदाताओं को साधने की है क्योंकि जिन सीटों को सुभासपा ने चिन्हित किया है, उन पर ओबीसी मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. पार्टी की रणनीति इन सीटों पर राजभर, राज धोबी, राजवंशी, भर, पटवा, राय, मंडल और पटवार जैसी जातियों को साधने की है.
पिछले चुनाव में उतारे थे कैंडिडेट
इससे पहले 2020 के विधानसभा चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने बिहार में उम्मीदवार उतारे थे. तब उसने एआईएमआईएम के साथ गठबंधन किया था. दो सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि एआईएमआईएम ने 20 सीटों पर किस्मत आजमायी थी. सुभासपा को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली लेकिन एआईएमआईएम के पांच उम्मीदवार चुनाव जीत गए थे.
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी पिछले कुछ वक्त से बिहार में अपनी राजनीतिक मौजूदगी को दर्शाने के लिए लगातार का कार्यक्रम भी कर रही है. पार्टी राजधानी के साथ ही नवादा, पूर्णिया और सीतामढ़ी में भी कई रैली कर चुकी है. पार्टी की कोशिश ओबीसी और महादलित को अपनी तरफ जोड़ने की है. इनकी आबादी बिहार में तकरीबन साढ़े चार प्रतिशत मानी जाती है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी इन जातियों के सपोर्ट को अपना आधार मानती है.
पार्टी प्रवक्ता ने क्या कहा?
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पीयूष मिश्रा ने बताया कि उनकी पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस चुकी है. आगामी विधानसभा चुनाव में 29 विधानसभा सीटों पर हमारी दावेदारी है. इसे लेकर हमारे शीर्ष नेतृत्व ने भाजपा के शीर्ष नेताओं से बात की है. पिछले उपचुनाव में रामगढ़ और तरारी में भी उम्मीदवार उतारने की तैयारी थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका था. बिहार में 243 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 29 सीटों पर हमारी पार्टी की मजबूती बूथ स्तर तक है. आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के साथ हम लोग अपने उम्मीदवार उतारेंगे. इसकी घोषणा हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेस कांफ्रेंस करके देंगे. ये प्रेस कॉन्फ्रेंस पटना में होगी.
हालांकि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के दावों को लेकर अभी एनडीए के किसी भी घटक दल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं की मानें तो किसी भी पार्टी के चुनाव में उतरने या न उतरने के साथ ही सीटों पर फैसला आलाकमान लेगा.
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