• Sun. Dec 22nd, 2024

बंगाल टूटा तो BJP को क्या होगा फायदा? उत्तर बंगाल पर सुकांत के बयान के जाने मायने | Bengal BJP President Minister Sukant Majumdar North Bengal Division North East State BJP Strategy TMC

ByCreator

Jul 25, 2024    150856 views     Online Now 291
बंगाल टूटा तो BJP को क्या होगा फायदा? उत्तर बंगाल पर सुकांत के बयान के जाने मायने

बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार.

केंद्रीय राज्य मंत्री और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने उत्तर बंगाल को उत्तर पूर्वी राज्यों में शामिल करने का प्रस्ताव देकर पश्चिम बंगाल की सियासत में हलचल पैदा कर दी है. सुकांत मजूमदार के प्रस्ताव का राज्य की सत्तारूढ़ दल टीएमसी ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है और राज्य में अशांति पैदा करने की कोशिश करार दिया है. वहीं, इसे लेकर बीजेपी में भी अंदरूनी कलह सामने आ गई है. सुकांत मजूमदार को उनके ही पार्टी के विधायक की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. कार्शियांग के भाजपा विधायक विष्णु प्रसाद शर्मा ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के प्रस्ताव को अवास्तविक करार दिया है.

बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सुकांत मजूमदार ने बैठक की थी. इस बैठक में सुकांत मजूमदार ने उत्तर बंगाल के आठ जिलों को पूर्वोत्तर राज्यों में विलय करने का प्रस्ताव रखा, हालांकि उन्होंने कहा है कि यह विलय बंगाल के विभाजन के बिना ही किया जाए, लेकिन उनके बयान के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है.

उत्तर बंगाल में अलग राज्य की मांग पकड़ी जोर

सुकांत मजूमदार के बयान के बाद उत्तर बंगाल के विभाजन की मांग और जोर पकडने लगी है. राजवंशी समुदाय के नेता और भाजपा के राज्यसभा के सांसद अनंत महाराज ने अलग कूचबिहार राज्य की मांग कर दी. उन्होंने कहा कि अलग कूचबिहार राज्य की मांग पर पहले ही सहमति जताई गई थी. दार्जिलिंग में पहले से ही अलग गोरखालैंड राज्य की मांग हो रही है. अलग गोरखालैंड की मांग लेकर कई बार हिंसक आंदोलन हो चुके हैं. इसके साथ ही उत्तर बंगाल में अलग कामतापुरी की राज्य की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है. दक्षिण बंगाल में रार बंगाल को अलग राज्य देने की मांग को लेकर आंदोलन हो रहे हैं. सुकांत मजूमदार के बयान से फिर से बंगाल में अलग राज्य की मांग तेज हो गई है.

See also  'हिंदू हिंसक होता तो...', पैगंबर पर विवादित टिप्पणी के दो साल बाद सार्वजनिक मंच से नूपुर शर्मा ने राहुल गांधी पर किया पलटवार- Nupur Sharma

उत्तर बंगाल पर सुकांत के बयान के मायने

इस तरह से साफ है कि सुकांत मजूमदार के बयान के बाद राज्य में अलग राज्यों की मांग और तेज पकड़ेगी. लेकिन यह सवाल उठ रहा है कि कि आखिर बीजेपी उत्तर बंगाल को नॉर्थ ईस्ट स्टेट में क्यों विलय करने की मांग कर रही है, हालांकि भाजपा छोटे राज्यों के पक्ष में रही है, लेकिन बंगाल के विभाजन के खिलाफ प्रदेश भाजपा का स्टैंड रहा है. भाजपा यह दावा करती रही है कि जनसंघ के संस्थापक श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने वर्तमान पश्चिम बंगाल को विभाजित होने से रोका था. ऐसे में आइए जानते हैं कि उत्तर बंगाल को नॉर्थ ईस्ट में विलय करन मांग के पीछे बीजेपी की क्या रणनीति है?

सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश

इसके लिए पहले उत्तर बंगाल की सियासत को समझना होगा. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर बंगाल की आठ सीटों में से सात सीटों पर जीत हासिल की थी. साल 2024 में हालांकि पश्चिम बंगाल में बीजेपी को झटका लगा है और उसकी सीटों की संख्या 18 से घटकर 12 रह गयी है, लेकिन उत्तर बंगाल में बीजेपी अपनी पकड़ बकरार रखी है और आठ में से छह सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन एक लोकसभा सीट कूचबिहार से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नीशिथ प्रमाणिक को पराजय का सामना करना पड़ा. ऐसी स्थिति में यह साफ है कि उत्तर बंगाल में बीजेपी ने अपनी सियासी जमीन तैयार कर ली है और यदि उत्तर बंगाल को लेकर सुकांत मजूमदार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार अमल करती है, तो इसका फायदा बीजेपी को सियासी रूप से मिलेगा और उसका वोटबैंक मजबूत होगा.

आदिवासी-ST वोटबैंक पर नजर

उत्तर बंगाल के इलाके में अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय का बाहुल्य है और इसी समुदाय के समर्थन से बीजेपी उत्तर बंगाल की सीटें जीतती रही हैं. बीजेपी इस प्रस्ताव के बाद यह दावा करेगी कि उसने उत्तर बंगाल के विकास की पहल की है. इससे दक्षिण बंगाल में रहने वाले आदिवासी समुदाय को लुभाने के लिए इस प्रस्ताव का इस्तेमाल करेगी. इसी तरह से बीजेपी ने पहले ही सीएए लागू करने बांग्लादेश से आये शरणार्थियों (मतुआ समुदाय) को नागरिकता देने की बात करते रही है. इस तरह से एक ओर मतुआ समुदाय और दूसरी ओर उत्तर बंगाल के विकास के मुद्दे पर इनकी वोटबैंक पर पार्टी की नजर है और साल 2026 के बंगाल के विधानसभा चुनाव में बीजेपी इनका इस्तेमाल करेगी.

See also  SDM कलेक्टर से शिकायत कर लो, नहीं मिलेगा राशन... दुकान के सेल्समैन की भभकी; अब हुआ ये हाल | Shivpuri government ration shop salesman challenged collector and SDM sent to jail

वंचित उत्तर बंगाल और विकास

राजनीतिक विश्लेषक पार्थ मुखोपाध्याय कहते हैं कि यह वास्तविकता है कि उत्तर बंगाल पिछड़ा हुआ है. ममता बनर्जी जब विपक्ष में थीं और राज्य में लेफ्ट फ्रंट का शासन था, तो ममता बनर्जी भी उत्तर बंगाल के वंचित रहने का मुद्दा उठाती थी. अब जब ममता बनर्जी सरकार में हैं, तो बीजेपी उत्तर बंगाल के वंचित करने का मुद्दा उठा रही हैं. बीजेपी का आरोप है कि उत्तर बंगाल के विकास के लिए 800 करोड़ रुपए आवंटित किए गए, लेकिन उत्तर बंगाल पर मात्र 322 करोड़ रुपए की ही खर्च हुए. आवंटित राशि अन्य मद में खर्च कर दिये गये. यदि उत्तर बंगाल को नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल (एनईसी) के साथ जोड़ा जाता है, तो उत्तर बंगाल के विकास के लिए आवंटित राशि पूरी तरह से उत्तर बंगाल के विकास में ही खर्च होगी. इसके पहले सिक्किम को एक विशेष अधिनियम लाकर नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल (एनईसी) में जोड़ा गया था. यदि उत्तर बंगाल को भी जोड़ा जाता है, तो इसका लाभ उत्तर बंगाल के लोगों को मिलेगा और लंबे समय से उत्तर बंगाल को लोग वंचित होने की बात कह रहे हैं. उन्हें इसका फायदा होगा.

उत्तर-पूर्वी राज्यों से उत्तर बंगाल की समानता

दूसरी ओर, उत्तर बंगार और दक्षिण बंगाल मौसम, खानपान, भौगौलिक मानचित्र, पर्यटन सभी दृष्टि से एक-दूसरे से अलग है और उत्तर बंगाल के जिले कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग और अलीपुरद्वार उत्तर पूर्वी राज्यों के काफी करीब हैं. इस प्रस्ताव के अमलीजामा पहनाने पर बीजेपी की उत्तर बंगाल के साथ-साथ उत्तर पूर्वी राज्यों में पकड़ मजबूत होगी.
हालांकि सुकांत मजूमदार के प्रस्ताव को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं.

See also  आज की ताजा खबर LIVE: बंगाल में आज से विधानसभा का विशेष सत्र, रेप विरोधी कानून पेश करेगी ममता सरकार - Hindi News | Aaj ki taaja khabar live updates latest news hindi samachar daily breaking 2nd september 2024

बीजेपी विधायक ने उठाया सवाल

कार्शियांग के भाजपा विधायक विष्णु प्रसाद शर्मा ने सुकांत मजूमदार के प्रस्ताव को पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर बंगाल के लोगों को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह एक अवास्तविक विचार है. यह कभी नहीं होगा. उनका कहना है कि सिक्किम में नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल (एनईसी) की भागीदारी को लेकर एक विशेष कानून है, लेकिन पश्चिम बंगाल में ऐसा नहीं है. राज्य का आधा हिस्सा कभी भी उत्तर-पूर्वी काउंसिल का हिस्सा नहीं हो सकता है.

बंगाल बीजेपी ने पल्ला झाड़ा

विष्णु प्रसाद शर्मा बीजेपी पर राज्य विभाजन को लेकर भड़काने का भी आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि अगर वह वास्तव में उत्तर बंगाल के जिलों को उत्तर पूर्वी परिषद में शामिल करना चाहते हैं, तो पहले उन्हें बंगाल से विभाजित करें। फिर इसे राज्य या केंद्र शासित प्रदेश बना दें. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद शमिक भट्टाचार्य ने उत्तर बंगाल को ‘वंचित’ करने का जिक्र करते हुए सुकांत मजूमदार के बयान से पल्ला झाड़ लिया है. उनका कहना है कि ‘राज्य बीजेपी बंगाल विभाजन के खिलाफ है. यही पार्टी की स्थिति है. अन्यत्र किसने क्या कहा, यह पार्टी की जिम्मेदारी नहीं है.

[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X

Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL