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बजट 2024 से पहले आई इकोनॉमी के लिए गुड न्यूज, सरकार भी लेगी राहत की सांस | Before Budget 2024 Good news for economy, fiscal deficit in April-May at 3 pc of estimate

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Jun 28, 2024    150844 views     Online Now 470
बजट 2024 से पहले आई इकोनॉमी के लिए गुड न्यूज, सरकार भी लेगी राहत की सांस

बजट से देश की इकोनॉमी को लेकर सरकार को खुश करने वाली खबर आई है.

बजट 2024 से पहले देश की इकोनॉमी को लेकर लगातार अच्छी खबरें सामने आ रही हैं. जहां विदेशी रेटिंग एजेंसिया देश की जीडीपी अनुमान में इजाफा कर रही हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ एजेंसियों ने रेटिंग में भी बढ़ोतरी की है. शुक्रवार को एक और गुड न्यूज सामने आई है. जिससे देश की गठबंधन सरकार को भी राहत की सांस मिल सकती है. वास्तव में वित्त वर्ष के पहले दो महीने में देश का राजकोषीय घाटा कुल अनुमान का सिर्फ 3 फीसदी ही देखने को मिला है, जो कि काफी राहत की खबर है.

लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता लगे होने की वजह से सरकारी खर्च काफी कम रहा है. जिसकी वजह से फिस्कल डेफिसिट में काफी कमी देखने को मिली है. सरकार के खर्च और कमाई के बीच का अंतर यानी राजकोषीय घाटा पिछले वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में 2023-24 के बजट अनुमानों का 11.8 फीसदी था. चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए सरकार का अनुमान है कि राजकोषीय घाटा 16,85,494 करोड़ रुपए यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.1 फीसदी रहेगा.

सिर्फ इतना हुआ घाटा

महालेखा नियंत्रक (सीजीए) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-मई 2024 की अवधि में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा 50,615 करोड़ रुपए यानी वित्त वर्ष 2024-25 के कुल बजट अनुमान का 3 फीसदी था. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह बजट अनुमान का 11.8 प्रतिशत था. आलोच्य अवधि में शुद्ध कर राजस्व 3.19 लाख करोड़ रुपये यानी वित्त वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान का 12.3 प्रतिशत रहा. वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि में यह 11.9 प्रतिशत था.

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पिछले साल कैसे थे घाटे के आंकड़ें?

मई 2024 के अंत में सरकार का कुल खर्च 6.23 लाख करोड़ रुपए यानी मौजूदा वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 13.1 फीसदी था. एक साल पहले की अवधि में यह बीई का 13.9 प्रतिशत था. सरकारी व्यय कम रहने की वजह यह है कि सरकार चुनावों के दौरान आचार संहिता लागू रहते समय नई परियोजनाओं पर खर्च करने से परहेज करती है. वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.6 प्रतिशत रहा था. राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम के अनुसार, सरकार की योजना 2025-26 में राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत तक सीमित रखने की है.

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