
मृतक की मां ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
‘अभी बोल रहा था… अब बोल नहीं रहा, हम लखनऊ ले जाएंगे तो देखना बोलने लगेगा…’ यह एक अभागी मां की उम्मीद है, अपने सीने से बेजान बेटे को चिपकाए वो तड़प-तड़पकर बस यही आस लगा रही है. उसका बेटा अभी उठ जाएगा, उससे बात करेगा. लेकिन उसे नहीं मालूम उसके जिगर का टुकड़ा जिंदगी भर के लिए खामोश हो गया है. उत्तर प्रदेश के बस्ती में पुलिस की क्रूरता ने एक मां से उसके बेटे को छीन लिया. उसे इतना पीटा कि उसकी जान चली गई. शायद जान बच जाती! अगर उसके पास 5 हजार रुपये का इंतजाम होता. मां का कहना है कि उसके बेटे को छोड़ने के लिए पुलिसवालों ने उससे 5 हजार रुपये की डिमांड की थी.
मामला बस्ती जिले के दुबौलिया थाने के उभाई गांव का है. यहां के 17 वर्षीय आदर्श उपाध्याय को थाने ले जाकर पुलिस ने बेरहमी से इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई. आदर्श कोई अपराधी नही था. गांव का सीधा-सादा लड़का. गाय चराता और परिवार के काम में हाथ बटाता था. उसका कुसूर सिर्फ इतना था कि उसने गांव के एक सेठ से तंबाकू मांग ली. यह उस सेठ को नागवार गुजरी. विवाद हुआ और सेठ ने पुलिस बुला ली. उसके बाद पुलिस ने जो किया उससे एक मां का बेटा उससे छीन लिया.
रात भर पीटा, फिर सुबह भी की पिटाई
घटना के मुताबिक, सोमवार को दुबौलिया थाने की पुलिस आदर्श को गांव से उठाकर ले गई. उसे रात भर पीटा. परिजनों के मुताबिक, पुलिस ने आदर्श को थर्ड डिग्री दी. पुलिसवालों का मन इससे नहीं भरा, उसे मंगलवार की सुबह फिर से पीटा गया. बिलखती मां ने रोते हुए बताया कि उसके बेटे को छोड़ने के लिए पुलिसवालों ने 5000 रुपये मांगे. गरीब परिवार पैसे नहीं दे पाया तो पुलिस ने आदर्श को जानवरों की तरह पीटा, उसे इतना मारा कि उसके मुंह से खून आने लगा. हालत बिगड़ते देख पुलिसवालों ने उसे उसके घर ले जाकर छोड़ दिया.
अस्पताल में तोड़ दिया दम
परिवारवालों ने जब आदर्श की बिगडती तबीयत देखी तो वह घबरा गए. वह उसे आनन-फानन में सीएचसी हरैया ले जाया गया. डॉक्टर ने आदर्श की गंभीर हालत देखते हुए उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया. लेकिन, वह उसे जिला अस्पताल ले जाते उससे पहले ही आदर्श ने रास्ते में दम तोड़ दिया. आदर्श की मौत से परिजनों में चीख-पुकार मच गई. गांव में मातम छा गया. आदर्श को बुरी तरह पीटने वाले पुलिसवालों की हैवानियत से परिजन और ग्रामीणों में गुस्सा पनप गया.
बेटे की छोड़ने के लिए मांगे 5000 रुपये
मृतक आदर्श की मां ने बताया कि पुलिसवाले उसके बेटे को उठाकर ले गए. उसे रात-दिन पीटा. पुलिसवालों ने गांव में फोन किया. प्रधान को फोन कर उन्हें बताया. पुलिसवालों ने उनसे कहा कि जल्दी थाने आओ. वह मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे अपने छोटे बेटे के साथ थाने पहुंची. वहां पुलिस ने उनसे कहा कि 5000 रुपये देकर अपने बेटे को ले जाओ, वरना पता नहीं लगेगा उसका.
पुलिसवालों ने कागज पर उसके छोटे बेटे से कुछ जबरन लिखवाया. मां ने बताया कि उसे थाने से आदर्श को दिया तो उसकी तबीयत खराब थी. वह गांव से पैदल थाने पहुंची थी. बेटे की तबीयत बिगड़ रही थी. उसके मुंह से खून आ रहा था. उसने पुलिसवालों से विनती की लेकिन उन्होंने नहीं सुनी. वह खुद एंबुलेंस के जरिए बेटे को लेकर अस्पताल पहुंची.
ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कार्रवाई की मांग
घटना के बाद परिजन और ग्रामीणों ने दोषी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर मुकदमा दर्ज करने की मांग पर अड़ गए. उन्होंने आदर्श के शव के साथ प्रदर्शन किया. जानकरी मिलते ही पुलिस के अफसर मौके पर पहुंचे. सीओ सिटी ने परिजनों के मान मनव्वल किया. रात में कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद परिजन बेटे के शव के पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए.
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