आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। जिले में बेमौसम बारिश ने जहां गर्मी से थोड़ी राहत दी है, वहीं किसानों के लिए यह मुसीबत बन गई है। बीते पांच दिनों में बस्तर अंचल में कई बार तेज बारिश और आंधी-तूफान ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। खड़ी फसलें बारिश और तेज हवाओं से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। पहले से ही किसान इंद्रावती नदी के सूखने से परेशान थे, क्योंकि सिंचाई के साधन सीमित हो गए थे। अब कुदरत की मार ने किसानों की परेशानी दोगुनी कर दी है।

बता दें कि इंद्रावती नदी के आसपास सैकड़ों एकड़ में लगी मक्के की फसल बर्बाद हो गई है। खेतों में पानी भर गया है और फसलें झुककर जमीन पर बिछ गई हैं। स्थानीय किसान पुरन सिंह कश्यप बताते हैं, “पहले नदी सूख गई, पानी नहीं मिला। अब जब फसल थोड़ी बड़ी, तब बेमौसम बारिश और आंधी ने पूरी फसल चौपट कर दी। सरकार से बस यही मांग है कि जल्द से जल्द नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा दिया जाए।”


किसानों ने राज्य के कृषि मंत्री से मुआवजे की मांग की है। प्रशासन की टीमें प्रभावित इलाकों का सर्वे कर रही हैं, लेकिन किसानों की चिंता यही है कि कहीं राहत मिलने में देर न हो जाए।
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